बिलासपुर: शहर से सटे रमतला गांव के प्रयास आवासीय छात्रावास के छात्र-छात्रा सोमवार को पैदल कलेक्ट्रेट पहुंचे. चिलचिलाती धूप में 12 किलोमीटर पैदल चलकर इन छात्र-छात्राओं ने अधीक्षक को हटाने की मांग की है. छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल में उन्हें घटिया खाना परोसा जाता है. इसके अलावा अन्य व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं है.
वापस घर भेजने की दी जाती है धमकी: इस छात्रावास में छात्र-छात्राओं को बेहतर भोजन तक नहीं मिलता. शिकायत करने पर उन्हें वापस घर भेजने की धमकी दी जाती है.इतना ही नहीं अधीक्षक के साथ ही वार्डन भी उन्हें प्रताड़ित करते हैं. वार्डन हमेशा हर बात पर उन्हें डांटती हैं. उनके कैरेक्टर सर्टिफिकेट में कैरेक्टर खराब करने की भी धमकी देती है.
अधिकारी ने 4 दिन का दिया समय: शिकायत करने पहुंची छात्रा का कहना है कि, " हम सभी कलेक्टर से मिलने पहुंचे हैं, लेकिन कलेक्टर नहीं मिले. उनकी जगह में कोई दूसरे अधिकारी थे. अधिकारी ने 4 दिन का समय दिया है. यदि 4 दिन में वार्डन का व्यवहार नहीं बदलता है तो उन्हें बदल दिया जाएगा." अधिकारी के आश्वासन के बाद सभी बच्चे वापस छात्रावास चले गए. इन सभी को वापस प्रशासन ने यात्री बस से छात्रावास भिजवाया.
बच्चों को मिला कार्रवाई का भरोसा : बता दें कि तपती धूप में सोमवार को सभी बच्चे कलेक्टर चैंबर के बाहर बने वेटिंग रूम पहुंचे थे. सुबह 6 बजे अधिक संख्या में बच्चे छात्रावास से निकल कर पैदल कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे. सभी छात्र-छात्राओं से कलेक्टर तो नहीं मिले, लेकिन एक अन्य अधिकारी वहां पहुंचकर उनसे बातचीत की. अधिकारी ने बच्चों को जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा दिया है.