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पीलिया से बच्चे की मौत, परिजन ने अस्पताल पर,तो डॉक्टर ने पिता पर लगाए लापरवाही के आरोप - पीलिया से बच्चे की मौत

मरवाही विकासखंड के अंडी गांव का है, जहां रहने वाले 9 साल के बच्चा पंकज केवट पीलिया हो गया था, परिजन  पहले तो उसे गांव के ही डॉक्टरों को दिखाया और जब तबीयत ठीक नहीं हुई तो जड़ी-बूटी का सहारा लिया, लेकिन उससे भी फायदा नहीं होने पर बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया'.

पीलिया से बच्चे की मौत
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Published : May 17, 2019, 7:00 PM IST

Updated : May 17, 2019, 7:48 PM IST

बिलासपुर : पेंड्रा में 9 साल के बच्चे की पीलिया से मौत हो गई. परिजन का आरोप है कि, 'बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर और नर्स नहीं होने से उसका अच्छे से इलाज नहीं हो पाया. वहीं डॉक्टर का कहना है कि, 'परिजनों ने बच्चे को अस्पताल में एडमिट नहीं करवाया और ठीक से इलाज नहीं करवाया'.

पीलिया से बच्चे की मौत

दरअसल, पूरा मामला मरवाही विकासखंड के अंडी गांव का है, जहां रहने वाले 9 साल के बच्चा पंकज केवट पीलिया हो गया था, परिजन पहले तो उसे गांव के ही डॉक्टरों को दिखाया और जब तबीयत ठीक नहीं हुई तो जड़ी-बूटी का सहारा लिया, लेकिन उससे भी फायदा नहीं होने पर बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया'.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाकर इलाज करवाने की सलाह दी, लेकिन बच्चे के पिता ने एसा नहीं किया और सुबह इलाज करवाने के बाद बच्चे को शाम होते ही अपने साथ घर ले गया.

दूसरे दिन बच्चे का पिता उसे लेकर दोबारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा, लेकिन ठीक से इलाज नहीं करवाने पर इलाज के दौरान बच्चे की नाक से खून निकलने लगा. परिजन का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर और नर्स के नहीं होने से बच्चे को इलाज नहीं मिल पाया और उसने दम तोड़ दिया'.

वहीं इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बच्चे के परिजनों पर इलाज करवाने में लापरवाही करने का आरोप लगाया है. डॉक्टर का कहना है कि, 'बच्चे की हालत काफी खराब थी, लिहाजा परिजनों को उसे अस्पताल में भर्ती करवाने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया'.

बिलासपुर : पेंड्रा में 9 साल के बच्चे की पीलिया से मौत हो गई. परिजन का आरोप है कि, 'बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर और नर्स नहीं होने से उसका अच्छे से इलाज नहीं हो पाया. वहीं डॉक्टर का कहना है कि, 'परिजनों ने बच्चे को अस्पताल में एडमिट नहीं करवाया और ठीक से इलाज नहीं करवाया'.

पीलिया से बच्चे की मौत

दरअसल, पूरा मामला मरवाही विकासखंड के अंडी गांव का है, जहां रहने वाले 9 साल के बच्चा पंकज केवट पीलिया हो गया था, परिजन पहले तो उसे गांव के ही डॉक्टरों को दिखाया और जब तबीयत ठीक नहीं हुई तो जड़ी-बूटी का सहारा लिया, लेकिन उससे भी फायदा नहीं होने पर बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया'.
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाकर इलाज करवाने की सलाह दी, लेकिन बच्चे के पिता ने एसा नहीं किया और सुबह इलाज करवाने के बाद बच्चे को शाम होते ही अपने साथ घर ले गया.

दूसरे दिन बच्चे का पिता उसे लेकर दोबारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा, लेकिन ठीक से इलाज नहीं करवाने पर इलाज के दौरान बच्चे की नाक से खून निकलने लगा. परिजन का आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर और नर्स के नहीं होने से बच्चे को इलाज नहीं मिल पाया और उसने दम तोड़ दिया'.

वहीं इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बच्चे के परिजनों पर इलाज करवाने में लापरवाही करने का आरोप लगाया है. डॉक्टर का कहना है कि, 'बच्चे की हालत काफी खराब थी, लिहाजा परिजनों को उसे अस्पताल में भर्ती करवाने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया'.

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बिलासपुर पेंड्रा में 9 वर्ष के बच्चे की पीलिया से मौत होने का मामला सामने आया है 1 सप्ताह से बीमार होने के कारण बच्चे को परिजनों ने इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेंड्रा में भर्ती कराया था और वही इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया परिजनों ने अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों की गैरमौजूदगी को मौत का कारण बताया है तो वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने बच्चे के परिजनों पर ही लापरवाही और देर से अस्पताल लाने की बात कही है दरअसल पूरा मामला मरवाही विकासखंड के अंडी गांव का है जहां रहने वाला 9 साल का बच्चा पंकज केवट की तबीयत बीते 1 सप्ताह से ठीक नहीं थी परिजन उसे पहले तो गांव में ही डॉक्टरों को दिखाया और जब तबीयत सही नहीं हुई तब इलाज के लिए जड़ी बूटी का सहारा भी लिया पर उसके बाद भी बच्चे की स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और लगातार तबीयत बिगड़ने पर पेंड्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के भर्ती कराया और डॉक्टरों ने बच्चे को भर्ती करने की सलाह दी तो परिजनों ने बच्चे को भर्ती नही कराया और दिनभर अस्पताल में रखते और शाम होते ही वापस घर लेजाते आखिरकार इलाज के दौरान बच्चे के नाक से खून निकलने लगा और अस्पताल में तड़पने लगा परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में डॉ नही होने के कारण बच्चे की मौत हो गई वही इस पूरे मामले में अस्पताल प्रबंधन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बच्चे के परिजनों को बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही और गांव में ही बच्चे का इलाज कराने का आरोप लगाया है वही बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टर की मानें तो बच्चे को पीलिया काफी दिनों से था और वह लोगों को सलाह दी थी कि अस्पताल में बच्चे को भर्ती कराकर इलाज कराओ पर वे लोग ध्यान नहीं दिए और लगातार बच्चे की सेहत बिगड़ने लगी आखिरकार उसकी मौत हो गई

बाइट 1 शत्रुघ्न केवट मृतक के पिता

वाइट 2 डॉक्टर देवेंद्र पैकरा बच्चे का इलाज करने वाले चिकित्सक


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Conclusion:CG_BLS_DEATH_1705_CGC10013
Last Updated : May 17, 2019, 7:48 PM IST
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