बिलासपुर: कोरोना संक्रमण की वजह से किए गए लॉकडाउन में सभी वर्गों को नुकसान हुआ है. बड़े वर्गों से लेकर निम्न वर्ग के लोगों तक इसका असर हुआ है. वहीं इसकी चपेट में कई वकील भी आए हैं. जिन्हें आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है.
इसी कड़ी में आर्थिक संकट की वजह से एक वकील आदिवासी इलाकों में टोकनियां बेचकर गुजारा चला रहा है. इस वकील को मुख्य न्यायधीश ने पत्र लिखकर उनके कार्य का सम्मान किया और सहायता के तौर पर उसे 10 हजार रुपए का चेक दिया है.
कार्य का सम्मान करते हुए मुख्य न्यायाधीश भेजा उपहार
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय ने इसे अत्यंत संवेदनशील बताया, जिसमें बेरोजगारी के कारण अधिवक्ता को आदिवासी इलाकों की टोकनियां बेचकर गुजारा करना पड़ रहा है. वकील के कार्य से प्रभावित होकर मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए वकील के. उत्तमकुमाराम को पत्र लिखा है और पत्र के साथ 10 हजार रुपए का चेक जारी करते हुई श्रमिकों के कार्य को कर उन्हें सम्मान देने के लिए इसे छोटा सा उपहार बताया है.
वकीलों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए दायर की गई है याचिका
बता दें कि, कोरोना संकट काल में वकीलों की आर्थिक हालत खराब है. इस मामले में एक जनहित याचिका भी छत्तीसगढ़ उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश रामचंद्रन मेनन और जस्टिस पीपी साहू के बेंच में चल रही है. जिसमें याचिकाकर्ता राजेश केशरवानी ने अपने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से केस फाइल किया है. मामले की सुनवाई करते हुए 18 जून के अपने आदेश में वकीलों की दुर्दशा का बहुत ही संवेदनशीलता से जिक्र किया था.