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30 जून को रिटायर होने वाले कर्मियों को वेतन वृद्धि समेत तमाम लाभ दिए जाने का आदेश - बिलासपुर हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को न सिर्फ वेतन वृद्धि का लाभ देने बल्कि पेंशन का निर्धारण भी नए वेतनमान के आधार पर करने का आदेश दिया है.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jan 2, 2020, 5:05 PM IST

बिलासपुर: हाईकोर्ट ने 30 जून को रिटायर होने वाले कर्मियों को वेतन वृद्धि समेत अन्य लाभ दिए जाने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव समेत आयुक्त शिक्षा संचालक को निर्देशित किया है कि 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को न सिर्फ वेतन वृद्धि का लाभ दें, बल्कि पेंशन का निर्धारण भी नए वेतनमान के आधार पर करें.

बता दें, गोपाल प्रसाद शर्मा लैब टेक्नीशियन के पद पर शासकीय पंडित श्याम चरण शुक्ल कॉलेज में नियुक्त थे. उनकी सेवानिवृत्ति 30 जून 2019 को हुई. शासन के 1 जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने की परंपरा के अनुसार लाभ से वंचित होने पर गोपाल प्रसाद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

याचिका में बताया गया था कि याचिकाकर्ता ने नियमानुसार सालभर काम किया है, पर शासन ने वार्षिक वेतन वृद्धि का प्रावधान 1 जुलाई से किए जाने की परंपरा के अनुसार उन्हें लाभ से वंचित कर दिया. क्योंकि उसकी सेवानिवृत्ति 1 दिन पूर्व 30 जून को हुई है.

लिहाजा महज 1 दिन बाद जारी आदेश से उसे लाभ से वंचित किया जाना सरासर गलत है. मद्रास हाईकोर्ट ने इस संबंध में फैसला भी दिया है.

बिलासपुर: हाईकोर्ट ने 30 जून को रिटायर होने वाले कर्मियों को वेतन वृद्धि समेत अन्य लाभ दिए जाने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव समेत आयुक्त शिक्षा संचालक को निर्देशित किया है कि 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को न सिर्फ वेतन वृद्धि का लाभ दें, बल्कि पेंशन का निर्धारण भी नए वेतनमान के आधार पर करें.

बता दें, गोपाल प्रसाद शर्मा लैब टेक्नीशियन के पद पर शासकीय पंडित श्याम चरण शुक्ल कॉलेज में नियुक्त थे. उनकी सेवानिवृत्ति 30 जून 2019 को हुई. शासन के 1 जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने की परंपरा के अनुसार लाभ से वंचित होने पर गोपाल प्रसाद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.

याचिका में बताया गया था कि याचिकाकर्ता ने नियमानुसार सालभर काम किया है, पर शासन ने वार्षिक वेतन वृद्धि का प्रावधान 1 जुलाई से किए जाने की परंपरा के अनुसार उन्हें लाभ से वंचित कर दिया. क्योंकि उसकी सेवानिवृत्ति 1 दिन पूर्व 30 जून को हुई है.

लिहाजा महज 1 दिन बाद जारी आदेश से उसे लाभ से वंचित किया जाना सरासर गलत है. मद्रास हाईकोर्ट ने इस संबंध में फैसला भी दिया है.

Intro:रायपुर जिले के 30 जून को रिटायर होने वाले कर्मियों को वेतन वृद्धि समेत अन्य लाभ दिए जाने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव समेत आयुक्त शिक्षा संचालक को निर्देशित किया है कि 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को ना सिर्फ वेतन वृद्धि का लाभ दें बल्कि पेंशन का निर्धारण भी नए वेतनमान के आधार पर करें।Body:बता दे कि गोपाल प्रसाद शर्मा लैब टेक्नीशियन के पद पर शासकीय पंडित श्याम चरण शुक्ल कॉलेज में नियुक्त थे। उन की सेवानिवृत्ति 30 जून 2019 को हुई। शासन द्वारा 1 जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने की परंपरा के अनुसार लाभ से वंचित होने पर गोपाल प्रसाद ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। Conclusion:याचिका में बताया गया था कि याचिकाकर्ता ने नियमानुसार वर्ष भर काम किया है पर शासन ने वार्षिक वेतन वृद्धि का प्रावधान 1 जुलाई से किए जाने की परंपरा के अनुसार उन्हें लाभ से वंचित कर दिया गया। क्योंकि उसकी सेवानिवृत्ति 1 दिन पूर्व 30 जून को हुई है। लिहाजा महज 1 दिन बाद जारी आदेश से उसे लाभ से वंचित किया जाना सरासर गलत है। मद्रास हाई कोर्ट ने इस संबंध में फैसला भी दिया है। पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकल पीठ द्वारा की गई।
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