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मजदूरों को आर्थिक सहायता देने के लिए दायर जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

मजदूरों को आर्थिक सहायता देने के लिए दायर की गई जनहित याचिका पर गुरुवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 2 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है. बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : May 22, 2020, 12:03 AM IST

Updated : May 22, 2020, 12:34 AM IST

बिलासपुर : दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए मजदूरों को आर्थिक सहायता देने के लिए दायर की गई जनहित याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है.

बता दें कि अंबेडकर राइट पार्टी की दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि देश के अलग-अलग राज्यों के मजदूर दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी कमाने के लिए गए हुए हैं, जो लॉकडाउन की वजह से देश के कई कोनों में फंसे हुए हैं. राज्य सरकारों की तरफ से उन्हें सहायता तो दी जा रही है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है इसलिए जिस राज्य में मजदूर फंसे हैं, वहां की राज्य सरकार हर मजदूर को 400 रुपए हर दिन के हिसाब से आर्थिक सहायता दें.

'कोई भी पार्टी नहीं लगा सकती जनहित याचिका'

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि कोई पार्टी जनहित याचिका नहीं लगा सकती है इसलिए याचिका को खारिज किया जाए. इस पर अदालत ने कहा कि सामाजिक मुद्दे को लेकर याचिका लगाई गई है इसलिए इस पर सुनवाई जरूरी है. इसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की डिवीजन बेंच ने की है.

प्रदेश के एक लाख से ज्यादा मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. कई मजदूरों ने सरकार ने प्रदेश लौटने की गुहार लगाई है. वहीं राज्य लौटने वाले श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन कर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.

बिलासपुर : दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए मजदूरों को आर्थिक सहायता देने के लिए दायर की गई जनहित याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है.

बता दें कि अंबेडकर राइट पार्टी की दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि देश के अलग-अलग राज्यों के मजदूर दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी कमाने के लिए गए हुए हैं, जो लॉकडाउन की वजह से देश के कई कोनों में फंसे हुए हैं. राज्य सरकारों की तरफ से उन्हें सहायता तो दी जा रही है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है इसलिए जिस राज्य में मजदूर फंसे हैं, वहां की राज्य सरकार हर मजदूर को 400 रुपए हर दिन के हिसाब से आर्थिक सहायता दें.

'कोई भी पार्टी नहीं लगा सकती जनहित याचिका'

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि कोई पार्टी जनहित याचिका नहीं लगा सकती है इसलिए याचिका को खारिज किया जाए. इस पर अदालत ने कहा कि सामाजिक मुद्दे को लेकर याचिका लगाई गई है इसलिए इस पर सुनवाई जरूरी है. इसके बाद मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं मामले की अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की डिवीजन बेंच ने की है.

प्रदेश के एक लाख से ज्यादा मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. कई मजदूरों ने सरकार ने प्रदेश लौटने की गुहार लगाई है. वहीं राज्य लौटने वाले श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन कर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.

Last Updated : May 22, 2020, 12:34 AM IST
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