बिलासपुर: शासकीय भूमि आवंटन मामले को लेकर दायर एक और जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. केस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इससे पहले इसी मामले में एक और दायर याचिका पर एक साथ सुनवाई करने का फैसला किया है.
बता दें, राज्य सरकार की ओर से 7500 वर्ग फीट शासकीय भूमि का आवंटन आवेदकों को किया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने भूमि आवंटन का अधिकार राज्यभर के कलेक्टर्स को दिया है.
अब तक 3 याचिका दायर
मंगलवार को राजेश मूणत ने जनहित याचिका दायर की है. इससे पहले शासन की इस योजना का विरोध करते हुए बीजेपी नेता सुशांत शुक्ला और बालकृष्ण कौशिक ने अपनी-अपनी जनहित याचिका दायर कर कहा था कि शासन केवल आवेदन देने पर ही सीधा भूमि आवंटन कर रहा है.
सुनियोजित ढंग से योजना की शुरुआत
तीनों याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि शासन ने इस योजना की शुरुआत सुनियोजित ढंग से भू माफियाओं और उच्च वर्ग को लाभ देने के लिए शुरू की है. साथ ही याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि राज्य शासन की इस योजना का लाभ केवल उच्च वर्ग के लोगों को मिलेगा.
योजना संविधान के खिलाफ
उनका कहना है कि आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग इस योजना से वंचित रह जाएंगे. याचिका में शासन की योजना को संविधान के खिलाफ बताया गया है और अदालत से इस योजना को निरस्त करने की मांग उठाई गई है.
एक महीने बाद एक साथ सुनवाई
अब तीनों याचिकाओं पर एक महीने बाद एक साथ सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की डिविजन बेंच में पूरे मामले की सुनवाई हुई.