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भूमिहीन बुजुर्ग का मकान तोड़े जाने पर HC ने राज्य शासन से मांगा जवाब

गरियाबंद में गोठान निर्माण को लेकर बुजुर्ग के पुराने मकान तोड़े जाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने तत्काल रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह के भीतर राज्य शासन से इस संबंध में जवाब तलब किया है.

chhattisgarh high court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Oct 22, 2020, 11:59 AM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गोठान के नाम पर भूमिहीन बुजुर्ग के 40 साल पुराने मकान तोड़े जाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि बुजुर्ग को जितनी जमीन मिली थीं वह उसमे काबिज रहेगा. साथ ही हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह के भीतर शासन से जवाब मांगा है.

दरअसल गरियाबंद जिले के एक गांव में 65 वर्षीय बुजुर्ग अपने परिवार के साथ पिछले 40 साल से रह रहा था. इसके लिए बाकायदा ग्राम पंचायत ने उसे जमीन दी थी. जिसमें वह खेती किसानी कर अपना परिवार चला रहा था. 6 अगस्त 2020 को ग्राम पंचायत ने बुजुर्ग घासीराम नागरची को नोटिस जारी कर मकान खाली करने को कहा. नोटिस के हिसाब से उस जमीन में गोठान बनना बताया और बुजुर्ग की खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया गया. परेशान बुजुर्ग ने एक बार आत्महत्या की कोशिश भी की और बाद में इसके खिलाफ बुजुर्ग ने अपने अधिवक्ता शिशिर दीक्षित के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

पढ़ें: बिलासपुर: हाईकोर्ट ने संचालक पंचायत को जारी किया अवमानना नोटिस

6 सप्ताह के अंदर मांग जवाब

मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बुजुर्ग घासीराम के कब्जे वाली जमीन में उसे आगामी आदेश तक रहने की अनुमति दी है. साथ ही उसके मकान के तोड़फोड़ की कार्यवाई पर रोक लगाते हुए शासन से 6 सप्ताह में जवाब भी मांगा है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गोठान के नाम पर भूमिहीन बुजुर्ग के 40 साल पुराने मकान तोड़े जाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि बुजुर्ग को जितनी जमीन मिली थीं वह उसमे काबिज रहेगा. साथ ही हाईकोर्ट ने 6 सप्ताह के भीतर शासन से जवाब मांगा है.

दरअसल गरियाबंद जिले के एक गांव में 65 वर्षीय बुजुर्ग अपने परिवार के साथ पिछले 40 साल से रह रहा था. इसके लिए बाकायदा ग्राम पंचायत ने उसे जमीन दी थी. जिसमें वह खेती किसानी कर अपना परिवार चला रहा था. 6 अगस्त 2020 को ग्राम पंचायत ने बुजुर्ग घासीराम नागरची को नोटिस जारी कर मकान खाली करने को कहा. नोटिस के हिसाब से उस जमीन में गोठान बनना बताया और बुजुर्ग की खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया गया. परेशान बुजुर्ग ने एक बार आत्महत्या की कोशिश भी की और बाद में इसके खिलाफ बुजुर्ग ने अपने अधिवक्ता शिशिर दीक्षित के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

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6 सप्ताह के अंदर मांग जवाब

मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने बुजुर्ग घासीराम के कब्जे वाली जमीन में उसे आगामी आदेश तक रहने की अनुमति दी है. साथ ही उसके मकान के तोड़फोड़ की कार्यवाई पर रोक लगाते हुए शासन से 6 सप्ताह में जवाब भी मांगा है.

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