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हेल्थ वर्करों की भर्ती: HC ने नई मेरिट लिस्ट बनाने का दिया आदेश

स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को फिर से सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि अनुभव के आधार पर नंबर देखकर फिर सूची जारी की जाए.

chhattisgarh high court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Feb 23, 2021, 5:33 PM IST

बिलासपुर: बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को फिर से मेरिस्ट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट देखकर अभ्यर्थियों के नंबर जोड़े जाएं और नई सूची तैयार हो. भर्ती प्रक्रिया पूरी होने पर विभाग की ओर से पहले जारी की गई मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी की बात को लेकर प्रदेशभर के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पहली सूची से अनुभवी प्रत्याशियों के नाम थे गायब

कमलेश कुमार देशमुख सहित अन्य लोगों ने वकील अच्युत तिवारी के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. स्वास्थ्य विभाग ने MPW महिला और पुरुष पद की भर्ती निकाली थी. जिसमें भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने वालों की परीक्षा होने के साथ ही उनको अतिरिक्त अनुभव होने का भी फायदा मिलना था. इसके लिए हर साल 3 अंक के हिसाब से 15 अंक दिए जाने थे. लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी होने और मेरिट लिस्ट जारी होने पर कई अनुभवी प्रत्याशियों का नाम गायब था.

हाईकोर्ट में NGT में अपील की समय सीमा को दी गई चुनौती

अभ्यर्थियों ने की थी हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग

याचिका में कहा गया था कि अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में उनके अनुभव के आधार पर नंबर नहीं दिए गए हैं. इस बात की जानकारी होने पर अभ्यार्थियों ने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की. मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि सभी प्रत्याशियों के अनुभव प्रमाण-पत्र को देखकर और उसके अंक को जोड़कर नई मेरिट लिस्ट जारी करें. मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोशी की एकल पीठ में हुई.

बिलासपुर: बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को फिर से मेरिस्ट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट देखकर अभ्यर्थियों के नंबर जोड़े जाएं और नई सूची तैयार हो. भर्ती प्रक्रिया पूरी होने पर विभाग की ओर से पहले जारी की गई मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी की बात को लेकर प्रदेशभर के अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पहली सूची से अनुभवी प्रत्याशियों के नाम थे गायब

कमलेश कुमार देशमुख सहित अन्य लोगों ने वकील अच्युत तिवारी के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. स्वास्थ्य विभाग ने MPW महिला और पुरुष पद की भर्ती निकाली थी. जिसमें भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने वालों की परीक्षा होने के साथ ही उनको अतिरिक्त अनुभव होने का भी फायदा मिलना था. इसके लिए हर साल 3 अंक के हिसाब से 15 अंक दिए जाने थे. लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी होने और मेरिट लिस्ट जारी होने पर कई अनुभवी प्रत्याशियों का नाम गायब था.

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अभ्यर्थियों ने की थी हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग

याचिका में कहा गया था कि अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में उनके अनुभव के आधार पर नंबर नहीं दिए गए हैं. इस बात की जानकारी होने पर अभ्यार्थियों ने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने की मांग की. मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि सभी प्रत्याशियों के अनुभव प्रमाण-पत्र को देखकर और उसके अंक को जोड़कर नई मेरिट लिस्ट जारी करें. मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोशी की एकल पीठ में हुई.

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