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Chhattisgarh High Court: हाई कोर्ट में फिर पेश नहीं हुए स्कूल शिक्षा सचिव, 5 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

शिक्षा विभाग से जुड़े एक मामले में गुरुवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सचिव पर कॉस्ट लगाने के बाद भी स्कूल शिक्षा सचिव कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. उनके नहीं आने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. एडवोकेट जनरल की मांग पर फिलहाल कोर्ट ने 5 अप्रैल को मामले की सुनवाई के लिए समय दिया है.Chhattisgarh High Court

Chhattisgarh High Court
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Published : Mar 23, 2023, 11:21 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े एक मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. सुनवाई में एक बार फिर स्कूल शिक्षा सचिव पेश नहीं हुए. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि "अगर बजट सत्र चल रहा है तो उससे कोर्ट को क्या लेनादेना. सचिव को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था तो उन्हें होना था." सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल स्वयं कोर्ट के समक्ष पहुंचकर मामले में एक बार और तारीख देने की अपील की. इस पर कोर्ट ने 5 अप्रैल को अगली सुनवाई के लिए समय दिया है.

कोर्ट ने लगाया था 20 हजार का कास्ट: यह पूरा मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा है. इसमें एडिशनल रिप्लाई नहीं करने पर कोर्ट ने सचिव पर 20 हजार रुपए का कॉस्ट भी लगाया था. हेड मास्टर की नियुक्ति को लेकर 2012 में याचिका दायर की गई थी, लेकिन समय पर शिक्षा विभाग की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर और बार-बार जवाब प्रस्तुत करने के आदेश के बाद भी ध्यान नहीं दिए जाने पर नाराज हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव पर कॉस्ट लगाया था.

स्कूल शिक्षा सचिव को बिलासपुर हाइ कोर्ट ने अवमानना मामले में जारी किया नोटिस



जानिए, क्या है पूरा मामला: बलौदाबाजार के रहने वाले शिक्षक प्रेम लाल साहू ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में 2012 में एक याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने 2012 में याचिका दायर कर बताया है कि हेड मास्टर के एग्जाम में उन्होंने 60 परसेंट अंक प्राप्त किया है. उनके नीचे यानी कि 60 परसेंट से भी कम अंक प्राप्त करने वालों को स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रोमोट करते हुए अन्य की नियुक्ति हेड मास्टर में कर दी गई. लेकिन याचिकाकर्ता प्रेम लाल साहू का प्रमोशन नहीं किया गया. जबकि हेड मास्टर पद पर प्रमोट करने के लिए याचिकाकर्ता का अधिकार पहले बनता है. मामले में सुनवाई अभी चल रही है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े एक मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. सुनवाई में एक बार फिर स्कूल शिक्षा सचिव पेश नहीं हुए. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि "अगर बजट सत्र चल रहा है तो उससे कोर्ट को क्या लेनादेना. सचिव को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था तो उन्हें होना था." सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल स्वयं कोर्ट के समक्ष पहुंचकर मामले में एक बार और तारीख देने की अपील की. इस पर कोर्ट ने 5 अप्रैल को अगली सुनवाई के लिए समय दिया है.

कोर्ट ने लगाया था 20 हजार का कास्ट: यह पूरा मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा है. इसमें एडिशनल रिप्लाई नहीं करने पर कोर्ट ने सचिव पर 20 हजार रुपए का कॉस्ट भी लगाया था. हेड मास्टर की नियुक्ति को लेकर 2012 में याचिका दायर की गई थी, लेकिन समय पर शिक्षा विभाग की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर और बार-बार जवाब प्रस्तुत करने के आदेश के बाद भी ध्यान नहीं दिए जाने पर नाराज हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव पर कॉस्ट लगाया था.

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जानिए, क्या है पूरा मामला: बलौदाबाजार के रहने वाले शिक्षक प्रेम लाल साहू ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में 2012 में एक याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने 2012 में याचिका दायर कर बताया है कि हेड मास्टर के एग्जाम में उन्होंने 60 परसेंट अंक प्राप्त किया है. उनके नीचे यानी कि 60 परसेंट से भी कम अंक प्राप्त करने वालों को स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रोमोट करते हुए अन्य की नियुक्ति हेड मास्टर में कर दी गई. लेकिन याचिकाकर्ता प्रेम लाल साहू का प्रमोशन नहीं किया गया. जबकि हेड मास्टर पद पर प्रमोट करने के लिए याचिकाकर्ता का अधिकार पहले बनता है. मामले में सुनवाई अभी चल रही है.

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