बिलासपुर: नाबालिग के साथ बलात्कर के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है. नाबालिक बलात्कार पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को बिलासपुर स्थित सिम्स अस्पताल में गर्भपात की अनुमति दी है. कोर्ट ने मामले में पीड़िता की देखभाल और डिस्चार्ज के बाद घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करने का आदेश बिलासपुर कलेक्टर को जारी किया है.
एक हफ्ता पहले पीड़िता ने हाईकोर्ट से गर्भपात की अनुमति मांगते हुए याचिका दायर की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने याचिका पर तुरंत संज्ञान लिया. कोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर समेत सिम्स अस्पताल के डीन को लड़की के रहने, खाने और सुरक्षा की व्यवस्था करने का आदेश जारी किया. मंगलवार को मामले में दोबारा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
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टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी अधिनियम के तहत फैसला
पीड़िता के वकील ने कोर्ट से कहा कि टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी अधिनियम की धारा 3 और नियम 9 के मुताबिक बलात्कार पीड़िता को गर्भपात कराने का अधिकार दिया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसे मामलों में विस्तृत आदेश पारित किया है. जिसमें मेडिकल रिपोर्ट, पीड़िता के कंसेंट समेत पीड़िता के संपूर्ण हित को ध्यान में रखा गया है.
DNA टिशू को सुरक्षित रखने का आदेश
याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को मंगलवार को बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में गर्भपात की अनुमति दे दी है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के बलात्कार पीड़िता होने की वजह से उसके DNA टिशू को सुरक्षित रखने का भी आदेश जारी किया है. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के. अग्रवाल की सिंगल बेंच में की गई.