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छत्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल से बिलासपुर कोर्ट में काम ठप - बिलासपुर कोर्ट में काम ठप

chhattisgarh government officers employees on indefinite strike.छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले पूरे छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. इस हड़ताल में पहली बार छत्तीसगढ़ के न्यायालयीन कर्मचारी हड़ताल पर हैं. जिसकी वजह से बिलासपुर की जिला अदालत में काम काज ठप पड़ गया है. बिलासपुर की अदालतों में क्या स्थिति है. इसे जानने के लिए पढ़िए ये रिपोर्ट

chhattisgarh government officers employees on indefinite strike
अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल
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Published : Aug 22, 2022, 5:26 PM IST

Updated : Aug 22, 2022, 8:12 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल का असर बिलासपुर की अदालतों पर भी पड़ा है. इस हड़ताल में पहली बार हो रहा है कि हड़ताल का समर्थन छत्तीसगढ़ के जिला कोर्ट के कर्मचारी भी कर रहे हैं. बिलासपुर की जिला अदालत में काम काज पूरी तरह ठप है. न्यायालयीन प्रक्रिया रुक गई है. हालांकि जिन कामों में कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है. वह काम कोर्ट में किए जा रहे हैं. लेकिन जिन कामों में कर्मचारियों की आवश्यकता है. वह पूरी तरह से ठप हैं.due to strike Work affected in Bilaspur court

महंगाई भत्ता और गृह भत्ता बढ़ाने की मांग: छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ महंगाई भत्ता और गृह भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. उनके द्वारा धरना प्रदर्शन कर कामकाज बंद कर दिया गया है. इस आंदोलन में यह पहली बार है कि राज्य बनने के बाद पहली बार कोर्ट के कर्मचारी भी आंदोलन पर चले गए है. कोर्ट कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से न्यायालयीन प्रक्रिया में बाधा आ गई है. जिन कार्यों में कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ती है. वह काम पूरी तरह से ठप पड़ गए हैं. लेकिन जिन कामों में कर्मचारी की आवश्यकता नहीं है. वह चल रहे हैं. कर्मचारी काम बंद कर धरने पर बैठ गए. इससे कोर्ट में कई आवश्यक काम नहीं हो पा रहे हैं.officers employees on indefinite strike from august 2022

छत्तीसगढ़ में हड़ताल

कोर्ट रूम खाली पड़ा: छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद पहली बार कोर्ट के कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर गए हैं. कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से जहां कोर्ट रूम वीरान हो गया है, वहीं न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़े कई काम काज नहीं हो रहे हैं. ऐसे में वादी और प्रतिवादी कोर्ट तो पहुंच रहे हैं. लेकिन कोर्ट प्रक्रिया में होने वाले कार्य नहीं हो पा रहे हैं. कोर्ट के कर्मचारी भी इस बार अनिश्चितकालीन हड़ताल का मन बना कर कामकाज ठप कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की हड़ताल को नक्सलियों का समर्थन

कोर्ट कर्मचारी संघ के नेताओं की क्या है राय: बिलासपुर जिला न्यायालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी धीरज पलेरिया ने बताया कि "यह पहली बार होगा कि कर्मचारी कोर्ट का काम बंद कर हड़ताल पर आ गए हैं. धीरज पलेरिया ने बताया कि इससे पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में 1997 में कर्मचारी हड़ताल पर गए थे. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार कोर्ट के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. कोर्ट कर्मचारी कभी भी नहीं चाहते कि कोर्ट का कामकाज प्रभावित हो. लेकिन राज्य सरकार की जिद्द की वजह से उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा है"कर्मचारी आंदोलन की वजह से जिला न्यायालय के कर्मचारी आंदोलन पर चले गए हैं. इस वजह से कोर्ट में होने वाले काम बंद हो गए हैं. काम बंद होने की वजह से वकीलों के काम बंद हैं. कोर्ट में किसी भी केस की पैरवी नहीं हो पा रही है. वकील कोर्ट तो पहुंचे लेकिन वह सब खाली बैठे हैं.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की हड़ताल का असर बिलासपुर की अदालतों पर भी पड़ा है. इस हड़ताल में पहली बार हो रहा है कि हड़ताल का समर्थन छत्तीसगढ़ के जिला कोर्ट के कर्मचारी भी कर रहे हैं. बिलासपुर की जिला अदालत में काम काज पूरी तरह ठप है. न्यायालयीन प्रक्रिया रुक गई है. हालांकि जिन कामों में कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है. वह काम कोर्ट में किए जा रहे हैं. लेकिन जिन कामों में कर्मचारियों की आवश्यकता है. वह पूरी तरह से ठप हैं.due to strike Work affected in Bilaspur court

महंगाई भत्ता और गृह भत्ता बढ़ाने की मांग: छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ महंगाई भत्ता और गृह भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. उनके द्वारा धरना प्रदर्शन कर कामकाज बंद कर दिया गया है. इस आंदोलन में यह पहली बार है कि राज्य बनने के बाद पहली बार कोर्ट के कर्मचारी भी आंदोलन पर चले गए है. कोर्ट कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से न्यायालयीन प्रक्रिया में बाधा आ गई है. जिन कार्यों में कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ती है. वह काम पूरी तरह से ठप पड़ गए हैं. लेकिन जिन कामों में कर्मचारी की आवश्यकता नहीं है. वह चल रहे हैं. कर्मचारी काम बंद कर धरने पर बैठ गए. इससे कोर्ट में कई आवश्यक काम नहीं हो पा रहे हैं.officers employees on indefinite strike from august 2022

छत्तीसगढ़ में हड़ताल

कोर्ट रूम खाली पड़ा: छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद पहली बार कोर्ट के कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर गए हैं. कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से जहां कोर्ट रूम वीरान हो गया है, वहीं न्यायालयीन प्रक्रिया से जुड़े कई काम काज नहीं हो रहे हैं. ऐसे में वादी और प्रतिवादी कोर्ट तो पहुंच रहे हैं. लेकिन कोर्ट प्रक्रिया में होने वाले कार्य नहीं हो पा रहे हैं. कोर्ट के कर्मचारी भी इस बार अनिश्चितकालीन हड़ताल का मन बना कर कामकाज ठप कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की हड़ताल को नक्सलियों का समर्थन

कोर्ट कर्मचारी संघ के नेताओं की क्या है राय: बिलासपुर जिला न्यायालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी धीरज पलेरिया ने बताया कि "यह पहली बार होगा कि कर्मचारी कोर्ट का काम बंद कर हड़ताल पर आ गए हैं. धीरज पलेरिया ने बताया कि इससे पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में 1997 में कर्मचारी हड़ताल पर गए थे. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार कोर्ट के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. कोर्ट कर्मचारी कभी भी नहीं चाहते कि कोर्ट का कामकाज प्रभावित हो. लेकिन राज्य सरकार की जिद्द की वजह से उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा है"कर्मचारी आंदोलन की वजह से जिला न्यायालय के कर्मचारी आंदोलन पर चले गए हैं. इस वजह से कोर्ट में होने वाले काम बंद हो गए हैं. काम बंद होने की वजह से वकीलों के काम बंद हैं. कोर्ट में किसी भी केस की पैरवी नहीं हो पा रही है. वकील कोर्ट तो पहुंचे लेकिन वह सब खाली बैठे हैं.

Last Updated : Aug 22, 2022, 8:12 PM IST
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