बिलासपुर: दुर्ग भिलाई के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण मामले को लेकर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें याचिकाकर्ता रुंगटा एजुकेशन सोसाइटी मेडिकल कॉलेज को खरीदने के लिए अधिग्रहण के पहले लगभग 36 करोड़ 50 लाख रुपए दिए थे. पहले 32 करोड़ 50 लाख और बाद में 5 करोड़ रुपए चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज ट्रस्ट को दिए थे, हालांकि उनका अनुबंध आगे नहीं बढ़ पाया और छत्तीसगढ़ शासन ने कॉलेज के अधिग्रहण के लिए नियम लागू कर दिया.
राज्य सरकार के अधिग्रहण के बाद उनके पैसे वही अटक गए हैं, जिसको लेकर रूंगटा एजुकेशन सोसाइटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. रुंगटा एजुकेशन सोसायटी की तरफ से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि उनके 36 करोड़ रुपये ट्रस्ट में जमा है. याचिका में हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि ट्रस्ट की 36 करोड़ रुपए की राशि को सुरक्षित रखा जाए. राज्य शासन ने दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को अधिग्रहित करने के लिए 2018 में अधिनियम लागू किया था, जिसके नियम 4 और 5 में पूर्व के सभी एग्रीमेंट को निरस्त कर दिया गया है.
याचिकाकर्ता ने ट्रस्ट के भुगतान से अपने पैसे मांगे: रुंगटा एजुकेशन सोसाइटी ने चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल मेडिकल कॉलेज ट्रस्ट को लगभग 36 करोड रुपए दिए थे, और 2018 में राज्य शासन ने कॉलेज के अधिग्रहण के अधिनियम लागू कर दिया, जिसके बाद उनका पैसा ट्रस्ट में ही अटक गया है. अब याचिकाकर्ता रूंगता एजुकेशन सोसायटी ने शासन से ट्रस्ट को अधिग्रहण के बाद भुगतान में से अपने पैसे वापस दिलाने की मांग की है. याचिकर्ता की मांग पर हाई कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देशित किया है कि 36 करोड़ रुपए सुरक्षित रखा जाए. याचिका की सुनवाई के बाद अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी.