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बिलासपुर: डामर प्लांट में लगातार फंस रहे मवेशी, प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई - डामर प्लांट में फंसे मवेशी

बिलासपुर के तखतपुर के एक अवैध प्लांट में तीन मवेशी फंस गए जिन्हें वहां के मजदूरों और सेवा समिति की टीम में 1 घंटे की मेहनत के बाद सही सलामत बाहर निकाला. कांग्रेसी नेता शिवबालक कौशिक ने अवैध प्लांट को बंद करने की मांग उच्च अधिकारियों से करने की बात कही है.

Cattle trapped in illegal asphalt plant at Takhatpur in Bilaspur
तखतपुर के अवैध डामर प्लांट में फंसे मवेशी
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Published : Apr 1, 2020, 8:45 AM IST

बिलासपुर: तखतपुर के ग्राम पंचायत ढनढन में संचालित अवैध डामर प्लांट में लगातार संचालकों की लापरवाही सामने आ रही है. मंगलवार को इसी प्लांट में डामर टैंकर के बीच एक बैल, एक बछिया और एक बछड़ा फंस गया था. जिसे वहां के मजदूरों और सेवा समिति की टीम में 1 घंटे की मेहनत के बाद सही सलामत बाहर निकाला.

प्लांट में मवेशियों के फंसने की बात पता चलने पर मजदूरों ने इसकी जानकारी तहलीसदार और एसडीएम को दी. साथ ही क्षेत्र के कार्य करने वाले हिन्दू युवा मंच और गौ सेवा समिति तखतपुर की टीम को दी. सभी ने मिलकर 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों को सही सलामत बाहर निकाला.

उच्च अधिकारियों से होगी बंद करने की मांग

लोगों के विरोध करने के बाद तखतपुर की नायाब तहसीलदार नीलम अग्रवाल मौके पर पहुंची और डामर प्लांट प्रबंधन को नोटिस थमाया. इस संबंध में कांग्रेसी नेता शिवबालक कौशिक ने बताया कि 'उनकी मां जब ग्राम पंचायत की सरपंच थी तब डामर प्लांट के संचालक उनसे एनओसी लेने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया. मानक पूरा नहीं होने पर प्लांट को अवैध करार दिया था. अब एक बार फिर से इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से कर बंद करने की मांग की जाएगी'.

प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान

बता दें कि इस प्रकार की घटना पहले भी इस अवैध प्लांट में हो चुकी है. उसके बाद भी दो घंटे बाद वहां तहसीलदार पहुंची जिन्होंने अवैध होने की स्पष्ट जानकारी देने के बाद भी जांच का हवाला दे दिया. बड़ा डामर प्लांट होने के बाद भी यहां सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं. ग्रामीणों ने पहले भी यहां गाय के मरने पर FIR दर्ज कराई है फिर भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

बिलासपुर: तखतपुर के ग्राम पंचायत ढनढन में संचालित अवैध डामर प्लांट में लगातार संचालकों की लापरवाही सामने आ रही है. मंगलवार को इसी प्लांट में डामर टैंकर के बीच एक बैल, एक बछिया और एक बछड़ा फंस गया था. जिसे वहां के मजदूरों और सेवा समिति की टीम में 1 घंटे की मेहनत के बाद सही सलामत बाहर निकाला.

प्लांट में मवेशियों के फंसने की बात पता चलने पर मजदूरों ने इसकी जानकारी तहलीसदार और एसडीएम को दी. साथ ही क्षेत्र के कार्य करने वाले हिन्दू युवा मंच और गौ सेवा समिति तखतपुर की टीम को दी. सभी ने मिलकर 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों को सही सलामत बाहर निकाला.

उच्च अधिकारियों से होगी बंद करने की मांग

लोगों के विरोध करने के बाद तखतपुर की नायाब तहसीलदार नीलम अग्रवाल मौके पर पहुंची और डामर प्लांट प्रबंधन को नोटिस थमाया. इस संबंध में कांग्रेसी नेता शिवबालक कौशिक ने बताया कि 'उनकी मां जब ग्राम पंचायत की सरपंच थी तब डामर प्लांट के संचालक उनसे एनओसी लेने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने देने से मना कर दिया. मानक पूरा नहीं होने पर प्लांट को अवैध करार दिया था. अब एक बार फिर से इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से कर बंद करने की मांग की जाएगी'.

प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान

बता दें कि इस प्रकार की घटना पहले भी इस अवैध प्लांट में हो चुकी है. उसके बाद भी दो घंटे बाद वहां तहसीलदार पहुंची जिन्होंने अवैध होने की स्पष्ट जानकारी देने के बाद भी जांच का हवाला दे दिया. बड़ा डामर प्लांट होने के बाद भी यहां सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं किए गए हैं. ग्रामीणों ने पहले भी यहां गाय के मरने पर FIR दर्ज कराई है फिर भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

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