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दम घुटने से हुई गोवंशों की मौत, जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा

तखतपुर के मेढ़पार में हुई गोवंशों की मौत के मामले में जांच टीम ने अपनी जांच पूरी कर ली है. साथ ही कलेक्टर को रिपोर्ट भी सौंप दी है.

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Published : Jul 31, 2020, 5:58 PM IST

Cows death case investigation
जांच अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके

बिलासपुर/तखतपुर: तखतपुर के मेढ़पार में 47 गोवंशों की मौत के मामले में जांच पूरी हो गई है. जांच समिति ने रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है. जांच में दम घुटने से गोवंशों के मौत का कारण सामने आया है.

गोवंश की मौत मामले में जांच पूरी

25 जुलाई को तखतपुर के मेढ़पार में एकसाथ 47 गोवंश की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए थे. जिसके बाद कलेक्टर ने मामले में अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था. जांच समिति ने प्रभावित गांव और घटना स्थल का निरीक्षण कर गोवंश पालकों और ग्रामीणों का बयान दर्ज किया. जिसमें ये बात सामने आई की, ग्रामीणों की सहमति के बाद फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले गोवंश को पकड़कर पुराने पंचायत भवन में रखा गया था. बाद में उन्हें जंगल में छोड़ने की योजना थी. लेकिन जिस भवन में मवेशियों को रखा गया, उस भवन का आकार छोटा था और क्षमता से ज्यादा मवेशियों को एकसाथ भवन में रख दिया गया था.

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भवन में रखे गए थे सारे मवेशी

छोटे से उस भवन में मवेशियों के मूवमेंट के कारण भवन का दरवाजा भी बंद हो गया. बंद भवन में मवेशी के गोबर और मूत्र के कारण अमोनिया गैस का उत्सर्जन हुआ. जिसके कारण शुद्ध हवा नहीं मिलने से गोवंशो का दम घुटा और 47 गोवंश की मौत हो गई.

दोषियों पर होगी कार्रवाई

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मवेशी के मौत का यही कारण सामने आया है. इधर जांच रिपोर्ट को जांच अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर ने अग्रिम कार्रवाई के लिए कलेक्टर को सौंप दिया है. उन्होंने बताया कि मामले में अपराध दर्ज कर पुलिस भी जांच कर रही है. पुलिस जांच के बाद मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बिलासपुर/तखतपुर: तखतपुर के मेढ़पार में 47 गोवंशों की मौत के मामले में जांच पूरी हो गई है. जांच समिति ने रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है. जांच में दम घुटने से गोवंशों के मौत का कारण सामने आया है.

गोवंश की मौत मामले में जांच पूरी

25 जुलाई को तखतपुर के मेढ़पार में एकसाथ 47 गोवंश की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए थे. जिसके बाद कलेक्टर ने मामले में अतिरिक्त कलेक्टर बीएस उइके की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था. जांच समिति ने प्रभावित गांव और घटना स्थल का निरीक्षण कर गोवंश पालकों और ग्रामीणों का बयान दर्ज किया. जिसमें ये बात सामने आई की, ग्रामीणों की सहमति के बाद फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले गोवंश को पकड़कर पुराने पंचायत भवन में रखा गया था. बाद में उन्हें जंगल में छोड़ने की योजना थी. लेकिन जिस भवन में मवेशियों को रखा गया, उस भवन का आकार छोटा था और क्षमता से ज्यादा मवेशियों को एकसाथ भवन में रख दिया गया था.

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भवन में रखे गए थे सारे मवेशी

छोटे से उस भवन में मवेशियों के मूवमेंट के कारण भवन का दरवाजा भी बंद हो गया. बंद भवन में मवेशी के गोबर और मूत्र के कारण अमोनिया गैस का उत्सर्जन हुआ. जिसके कारण शुद्ध हवा नहीं मिलने से गोवंशो का दम घुटा और 47 गोवंश की मौत हो गई.

दोषियों पर होगी कार्रवाई

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मवेशी के मौत का यही कारण सामने आया है. इधर जांच रिपोर्ट को जांच अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर ने अग्रिम कार्रवाई के लिए कलेक्टर को सौंप दिया है. उन्होंने बताया कि मामले में अपराध दर्ज कर पुलिस भी जांच कर रही है. पुलिस जांच के बाद मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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