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रेडी टू ईट मामले में सरकार के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती, अगली सुनवाई 27 को

रेडी टू ईट मामले में प्रदेश सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की अगली सुनवाई अब 27 जनवरी को होगी.

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jan 17, 2022, 8:21 PM IST

बिलासपुर: रेडी टू ईट मामले में प्रदेश सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस याचिका में 20 हजार महिलाओं के सामने रोजगार की समस्या खड़ी होने की जानकारी दी गई है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 जनवरी को होगी.

यह भी पढ़ें: बलरामपुर में भाजयुमो का बघेल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, युवाओं को ठगने का आरोप

स्वसहायता समूहों की याचिका पर सुनवाई

रेडी टू ईट मामले में शासन के निर्णय को चुनौती दी गई है. स्वसहायता समूहों की प्रभावित होने वाली महिलाओं की तरफ से हाइकोर्ट में जनहित याचिका व अन्य याचिकाएं दायर की गई हैं. सरकार के आदेश पर स्थगन प्राप्त करने के लिए अंतिम सुनवाई होनी है, जो कि 27 जनवरी तय की गई है.

प्रदेश के निर्णय कौ चुनौती हाईकोर्ट में दी गई

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किये जाने वाली रेडी टू ईट को अब ऑटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है. इस पक्ष में 22 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. शासन का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता बेहतर होगी. शासन के इस निर्णय को महिला स्वसहायता समूहों ने चुनौती देते हुए कहा है कि बिना नोटिस और सुनवाई का मौका दिए बगैर शासन ने ऐसा निर्णय पास किया है, जिससे प्रदेशभर की करीब 20 हजार महिलाओं को अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

बिलासपुर: रेडी टू ईट मामले में प्रदेश सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस याचिका में 20 हजार महिलाओं के सामने रोजगार की समस्या खड़ी होने की जानकारी दी गई है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 जनवरी को होगी.

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स्वसहायता समूहों की याचिका पर सुनवाई

रेडी टू ईट मामले में शासन के निर्णय को चुनौती दी गई है. स्वसहायता समूहों की प्रभावित होने वाली महिलाओं की तरफ से हाइकोर्ट में जनहित याचिका व अन्य याचिकाएं दायर की गई हैं. सरकार के आदेश पर स्थगन प्राप्त करने के लिए अंतिम सुनवाई होनी है, जो कि 27 जनवरी तय की गई है.

प्रदेश के निर्णय कौ चुनौती हाईकोर्ट में दी गई

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किये जाने वाली रेडी टू ईट को अब ऑटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है. इस पक्ष में 22 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. शासन का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता बेहतर होगी. शासन के इस निर्णय को महिला स्वसहायता समूहों ने चुनौती देते हुए कहा है कि बिना नोटिस और सुनवाई का मौका दिए बगैर शासन ने ऐसा निर्णय पास किया है, जिससे प्रदेशभर की करीब 20 हजार महिलाओं को अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

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