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को-ऑपरेटिव सोसायटी का आपसी विवाद पहुंचा हाईकोर्ट - को-ऑपरेटिव सोसायटी राजनांदगांव

को-ऑपरेटिव सोसायटी में जमा रकम के बंटवारे को लेकर संचालकों के बीच विवाद खड़ा हो गया है. संस्था के प्रबंधक कुलदीप ने अधिवक्ता समीर सिंह के माध्यम से हाई कोर्ट की शरण ली है. प्रबंधक ने मांग की है कि प्रावधान के अनुसार संस्था के नियमावली के तहत ही प्रबंधक को रकम वापसी करने के लिए आदेशित किया जाए.

mutual dispute of Co operative Society
छत्तीसगढ़ न्यूज
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Published : May 13, 2021, 7:58 PM IST

बिलासपुर: राजनांदगांव में को-ऑपरेटिव सोसायटी में जमा रकम के बंटवारे को लेकर संचालकों के बीच विवाद की स्थिति बन गई है. संस्था के प्रबंधक ने इस मामले में न्याय के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है.

जानकारी के अनुसार राजनांदगांव जिले की यूनिवर्सल को-ऑपरेटिव सोसायटी की शुरुआत में संस्था के 30 से 35 सदस्यों ने एक-एक लाख रुपये जमा किए. संचालकों ने आपस में मिलकर संचालक कुलदीप सिंह ठाकुर को अस्थाई मैनेजर नियुक्त किया. संचालकों ने आपस में बैठक कर दो फीसद ब्याज देने का प्रावधान तय किया. इस तरह से संस्था सुनियोजित तरीके से संचालित होती रही. इस दौरान संस्था ने सदस्यों को लोन देकर ब्याज भी वसूला. वर्तमान में संस्था में 13 करोड़ रुपये जमा है, लेकिन कोरोना काल में नए सदस्य इन्वेस्ट करने के लिए तैयार नहीं है. वहीं ब्याज की राशि दो फीसद से घटाकर एक फीसद कर दिया गया है. कोरोना महामारी के इस दौर में अब संचालक सदस्य अपनी जमा रकम वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं. रकम नहीं देने पर संचालक और मैनेजर कुलदीप के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने तक की धमकी दी जा रही है.

एक गलती के लिए दो बार सजा नहीं दी जा सकती: HC

प्रबंधक कुलदीप ने ली हाईकोर्ट की शरण

इस विवाद को देखते हुए संस्था के प्रबंधक कुलदीप ने अधिवक्ता समीर सिंह के माध्यम से हाई कोर्ट की शरण ली है. प्रबंधक ने मांग की है कि प्रावधान के अनुसार संस्था के नियमावली के तहत ही प्रबंधक को रकम वापसी करने के लिए आदेशित किया जाए. प्रकरण में रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी, डिप्टी रजिस्ट्रार के साथ ही सभी संचालकों को पक्षकार बनाया गया है.

बिलासपुर: राजनांदगांव में को-ऑपरेटिव सोसायटी में जमा रकम के बंटवारे को लेकर संचालकों के बीच विवाद की स्थिति बन गई है. संस्था के प्रबंधक ने इस मामले में न्याय के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है.

जानकारी के अनुसार राजनांदगांव जिले की यूनिवर्सल को-ऑपरेटिव सोसायटी की शुरुआत में संस्था के 30 से 35 सदस्यों ने एक-एक लाख रुपये जमा किए. संचालकों ने आपस में मिलकर संचालक कुलदीप सिंह ठाकुर को अस्थाई मैनेजर नियुक्त किया. संचालकों ने आपस में बैठक कर दो फीसद ब्याज देने का प्रावधान तय किया. इस तरह से संस्था सुनियोजित तरीके से संचालित होती रही. इस दौरान संस्था ने सदस्यों को लोन देकर ब्याज भी वसूला. वर्तमान में संस्था में 13 करोड़ रुपये जमा है, लेकिन कोरोना काल में नए सदस्य इन्वेस्ट करने के लिए तैयार नहीं है. वहीं ब्याज की राशि दो फीसद से घटाकर एक फीसद कर दिया गया है. कोरोना महामारी के इस दौर में अब संचालक सदस्य अपनी जमा रकम वापस लेने के लिए दबाव बना रहे हैं. रकम नहीं देने पर संचालक और मैनेजर कुलदीप के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने तक की धमकी दी जा रही है.

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प्रबंधक कुलदीप ने ली हाईकोर्ट की शरण

इस विवाद को देखते हुए संस्था के प्रबंधक कुलदीप ने अधिवक्ता समीर सिंह के माध्यम से हाई कोर्ट की शरण ली है. प्रबंधक ने मांग की है कि प्रावधान के अनुसार संस्था के नियमावली के तहत ही प्रबंधक को रकम वापसी करने के लिए आदेशित किया जाए. प्रकरण में रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी, डिप्टी रजिस्ट्रार के साथ ही सभी संचालकों को पक्षकार बनाया गया है.

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