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Bilaspur : 45 आईएएस अफसरों पर कार्रवाई का मामला, राज्य शासन ने हाईकोर्ट में पेश किया जवाब

आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों के एक महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने कार्रवाई के लिए तीन माह का समय दिया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने अफसरों की शिकायतों के लिए दिशा निर्देश जारी करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट में लगी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत किया है.जिसमें ये बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 45 आईएएस अफसरों के विरूद्ध 73 शिकायतें लंबित थी.जिनमें से सिर्फ 11 ही लंबित हैं.

bilaspur high court
45 आईएएस अफसरों पर कार्रवाई का मामला
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Published : May 10, 2023, 5:39 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में राज्य के आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने पर जनहित याचिका दायर की गई है. इस महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कार्रवाई के लिए तीन माह का समय दिया है. चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की है. जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य में 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध कई वर्षों से लंबित शिकायतों का निराकरण करने के लिए हाईकोर्ट से दिशा निर्देश जारी करने की अपील की गई थी. इन 45 अधिकारियों के विरुद्ध लंबित शिकायती प्रकरणों में राज्य सरकार को निर्णय लेना चाहिए था.इसके बाद उनके खिलाफ जांच करना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें गंभीर प्रकृति की हैं. जनहित याचिका पर पहले सुनवाई में छत्तीसगढ़ सरकार ने 45 आईएएस अफसरों के विरुद्ध शिकायतें होने की बात कही थी.

कितनी शिकायतों का हुआ निराकरण : इस मामले में राज्य सरकार की ओर से सीएस अमिताभ जैन ने कोर्ट में जवाब प्रस्तुत किया है.जिसमें ये बताया गया कि प्रदेश में 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध लगभग 73 शिकायतें लंबित थीं. इनमें से 62 शिकायतों का निराकरण हो चुका है. शेष 11 शिकायतें अब भी लंबित हैं. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने शेष 11 शिकायतों का निराकरण करने के लिए 3 महीने का समय निर्धारित किया है.


कब उठा था मामला : छत्तीसगढ़ विधानसभा में 17 नवंबर 2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के किन-किन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत प्रकरण लंबित है? यह सवाल विधायक देवजी भाई पटेल ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछा था. विधायक देवजी भाई पटेल ने उनके नाम पदस्थापना सहित विवरण देने के लिए कहा था. इसके उत्तर में तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने बताया था कि 17 नवंबर 2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लंबित हैं.

किसने लगाई थी याचिका : इस मामले में चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी. जिसमें ये मांग की गई थी कि राज्य में 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध लंबित शिकायतों का निराकरण किया जाए.इसके संबंध में हाईकोर्ट से दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई थी. इस पर 24 अप्रैल 2023 को सुनवाई हुई थी. जनहित याचिका के अनुसार विगत 16 दिसंबर 2015 को यह मामला उठा था. लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाई नहीं हुई.

ये भी पढ़ें- दुर्ग आईजी के निर्देश को हाईकोर्ट ने किया रद्द

किन अफसरों की हुई थी शिकायत : विधानसभा में मुख्यमंत्री ने लगभग 15 अधिकारियों के नाम बताए थे. इसमें जिन 45 अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जिनके खिलाफ शिकायतें लंबित हैं. उन अधिकारियों में सीके खेतान, जीआर सुरेंद्र, छत्तर सिंह डहरे, डॉ कमलप्रीत सिंह, मुकेश बंसल, एनएम छिरसागर, शारदा वर्मा, रितु सेन, निरंजन दास, हिमशिखर गुप्ता, एनके खाखा और उमेश कुमार अग्रवाल हैं. इसके अलावा ओपी चौधरी, आर संगीता, टी राधाकृष्णन, अमित कटारिया, नरेंद्र कुमार शुक्ला, एलेक्स पॉल मेनन, केसी देवासेनापति, अशोक कुमार अग्रवाल, सुश्री ओमेगा यूनाइस टोप्पो, भीम सिंह, चंदन कुमार, अलरमेल मंगई डी, रणवीर शर्मा, जीएस मिश्रा और विकास संदीपान हैं. इसी तरह अवनीश कुमार शरण, डॉ सारांश मित्तर, जेपी पाठक, अंकित आनंद, दिनेश श्रीवास्तव, टामन सिंह सोनवानी, केडीपी राव, सुरेंद्र कुमार जयसवाल, एमके राउत, अम्बलगन पी, बीके धुर्वे, राजेश कुमार, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, डॉ रोहित यादव, भुनेश्वर यादव, सुब्रत साहू, अमृत खलखो और दिलीप वासनीकर शामिल हैं.

रायपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में राज्य के आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने पर जनहित याचिका दायर की गई है. इस महत्वपूर्ण मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कार्रवाई के लिए तीन माह का समय दिया है. चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की है. जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य में 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध कई वर्षों से लंबित शिकायतों का निराकरण करने के लिए हाईकोर्ट से दिशा निर्देश जारी करने की अपील की गई थी. इन 45 अधिकारियों के विरुद्ध लंबित शिकायती प्रकरणों में राज्य सरकार को निर्णय लेना चाहिए था.इसके बाद उनके खिलाफ जांच करना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतें गंभीर प्रकृति की हैं. जनहित याचिका पर पहले सुनवाई में छत्तीसगढ़ सरकार ने 45 आईएएस अफसरों के विरुद्ध शिकायतें होने की बात कही थी.

कितनी शिकायतों का हुआ निराकरण : इस मामले में राज्य सरकार की ओर से सीएस अमिताभ जैन ने कोर्ट में जवाब प्रस्तुत किया है.जिसमें ये बताया गया कि प्रदेश में 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध लगभग 73 शिकायतें लंबित थीं. इनमें से 62 शिकायतों का निराकरण हो चुका है. शेष 11 शिकायतें अब भी लंबित हैं. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने शेष 11 शिकायतों का निराकरण करने के लिए 3 महीने का समय निर्धारित किया है.


कब उठा था मामला : छत्तीसगढ़ विधानसभा में 17 नवंबर 2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के किन-किन अधिकारियों के विरुद्ध शिकायत प्रकरण लंबित है? यह सवाल विधायक देवजी भाई पटेल ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूछा था. विधायक देवजी भाई पटेल ने उनके नाम पदस्थापना सहित विवरण देने के लिए कहा था. इसके उत्तर में तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने बताया था कि 17 नवंबर 2015 तक भारतीय प्रशासनिक सेवा के 45 अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लंबित हैं.

किसने लगाई थी याचिका : इस मामले में चिरमिरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी. जिसमें ये मांग की गई थी कि राज्य में 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध लंबित शिकायतों का निराकरण किया जाए.इसके संबंध में हाईकोर्ट से दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई थी. इस पर 24 अप्रैल 2023 को सुनवाई हुई थी. जनहित याचिका के अनुसार विगत 16 दिसंबर 2015 को यह मामला उठा था. लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाई नहीं हुई.

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किन अफसरों की हुई थी शिकायत : विधानसभा में मुख्यमंत्री ने लगभग 15 अधिकारियों के नाम बताए थे. इसमें जिन 45 अधिकारियों के नाम सामने आए हैं, जिनके खिलाफ शिकायतें लंबित हैं. उन अधिकारियों में सीके खेतान, जीआर सुरेंद्र, छत्तर सिंह डहरे, डॉ कमलप्रीत सिंह, मुकेश बंसल, एनएम छिरसागर, शारदा वर्मा, रितु सेन, निरंजन दास, हिमशिखर गुप्ता, एनके खाखा और उमेश कुमार अग्रवाल हैं. इसके अलावा ओपी चौधरी, आर संगीता, टी राधाकृष्णन, अमित कटारिया, नरेंद्र कुमार शुक्ला, एलेक्स पॉल मेनन, केसी देवासेनापति, अशोक कुमार अग्रवाल, सुश्री ओमेगा यूनाइस टोप्पो, भीम सिंह, चंदन कुमार, अलरमेल मंगई डी, रणवीर शर्मा, जीएस मिश्रा और विकास संदीपान हैं. इसी तरह अवनीश कुमार शरण, डॉ सारांश मित्तर, जेपी पाठक, अंकित आनंद, दिनेश श्रीवास्तव, टामन सिंह सोनवानी, केडीपी राव, सुरेंद्र कुमार जयसवाल, एमके राउत, अम्बलगन पी, बीके धुर्वे, राजेश कुमार, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, डॉ रोहित यादव, भुनेश्वर यादव, सुब्रत साहू, अमृत खलखो और दिलीप वासनीकर शामिल हैं.

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