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दुर्गा पूजा पर कोरोना की मार, मूर्तियों की डिमांड कम होने से मूर्तिकार परेशान

शारदीय नवरात्र शुरू होने वाला है. इसे लेकर मूर्तिकारों ने मूर्तियां बनाना शुरू कर दिया है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस बार इनके व्यवसाय पर ग्रहण लग गया है. अब इनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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मूर्तिकारों पर कोरोना का असर
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Published : Oct 2, 2020, 5:33 PM IST

बिलासपुर: 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. इसमें भक्त मां दुर्गा की आराधना करते हैं और बड़ी संख्या में मां दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित की जाती है. लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार दुर्गा प्रतिमा बनाने वाले कारीगर की रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. नवरात्र के 9 दिन कलश के साथ ही मां दुर्गा की प्रतिमा रख कर लोग शक्ति की उपासना करते हैं. नवरात्र पर्व को लेकर दो महीने पहले से मूर्तिकार मूर्तियां बनाना शुरू कर देते हैं. कारीगर के लिए यह सालभर की कमाई का एकमात्र जरिया होता है. लेकिन नगर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते वे काफी चिंतित है. इस बार उनके पास मूर्ति बनाने का ऑर्डर नहीं आ रहा है. इसकी वजह से व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है.

मूर्तिकारों पर संकट

रतनपुर के महामाया मंदिर मार्ग में मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार गोकुल चित्रकार का कहना है कि जुलाई महीने से वे लोग गणेशजी की मूर्ति बनाना शुरू करते हैं. जिसके बाद विश्वकर्माजी की मूर्ति बनाते हैं. इसके बाद दुर्गाजी की मूर्ति बनाने का काम शुरू होता है. गोकुल ने बताया कि ये उनका पुश्तैनी काम है. उनके दादा-परदादा ओडिशा से रतनपुर आए थे. जिसके बाद से पीढ़ी दर पीढ़ी हम सब इस काम से जुड़े हुए हैं. कोरोना के कारण धंधा इतना मंदा है कि पहले जहां करीब 52 मूर्तियां बनाते थे और सभी मूर्तियां बिक जाती थी. लेकिन इस बार सिर्फ 20 से 25 मूर्तियां ही बन रही है.

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मां दुर्गा की मूर्ति

धमतरी: नवरात्रि को लेकर कलेक्टर ने जारी किए दिशा निर्देश

मूर्तियों की मांग में आई गिरावट

मूर्तिकारों ने बताया कि जो मूर्तियां बनी हैं, उनके भी बिकने की उम्मीद नहीं है. क्योंकि अभी तक एक भी मूर्ति का ऑर्डर उन्हें नहीं मिला है. 10 से 20 मूर्तियां बिकने की उम्मीद है. जिसकी तैयारी कर रहे हैं. गणेशजी मूर्ति और विश्वकर्माजी की जो मूर्ति बनाई गई थी, वह काफी कम बिकी है. जिसके चलते काफी नुकसान हुआ है. इसी तरह से मूर्तिकार बसंत चित्रकार का कहना है कि वे दुर्गाजी की मूर्ति बना रहे हैं. हर बार 30 से 40 दुर्गाजी की मूर्तियां वे बनाते हैं. लेकिन कोरोना के कहर के चलते इस बार 20 से 25 मूर्तियां ही बना रहे हैं. जिसमें 8 से 10 मूर्तियों का ऑर्डर हो चुका है.

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मूर्ति तैयार करते मूर्तिकार

कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश

बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर ने दुर्गा पूजा से संबंधित दिशा निर्देश दिया है कि, दुर्गा पंडालों में 6 फीट से ऊपर की मूर्तियां स्थापित नहीं की जाएंगी. उन्हें केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होगा. जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर के उपयोग के साथ एक बार में 20 लोग ही उपस्थित रहेंगे.

घटाई गई मूर्तियों की लंबाई

मूर्तियों की लंबाई को लेकर मूर्तिकार राम चित्रकार का कहना है कि इस बार मूर्तिकारों पर कोरोना वायरस का गहरा असर पड़ा है. जिसकी वजह से मूर्तिकारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. त्योहारी सीजन में भी ऑर्डर नहीं मिल रहा है. मूर्ति बनाने वाले कलाकारों को ग्राहक हर बार मनचाहे साइज के हिसाब से मूर्ति बनवाने के लिए एडवांस में ऑर्डर देते थे. लेकिन इस बार शासन के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए 5 फीट तक दुर्गाजी की मूर्ति बनाई गई है.

बिलासपुर: 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. इसमें भक्त मां दुर्गा की आराधना करते हैं और बड़ी संख्या में मां दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित की जाती है. लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार दुर्गा प्रतिमा बनाने वाले कारीगर की रोजी रोटी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. नवरात्र के 9 दिन कलश के साथ ही मां दुर्गा की प्रतिमा रख कर लोग शक्ति की उपासना करते हैं. नवरात्र पर्व को लेकर दो महीने पहले से मूर्तिकार मूर्तियां बनाना शुरू कर देते हैं. कारीगर के लिए यह सालभर की कमाई का एकमात्र जरिया होता है. लेकिन नगर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते वे काफी चिंतित है. इस बार उनके पास मूर्ति बनाने का ऑर्डर नहीं आ रहा है. इसकी वजह से व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया है.

मूर्तिकारों पर संकट

रतनपुर के महामाया मंदिर मार्ग में मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार गोकुल चित्रकार का कहना है कि जुलाई महीने से वे लोग गणेशजी की मूर्ति बनाना शुरू करते हैं. जिसके बाद विश्वकर्माजी की मूर्ति बनाते हैं. इसके बाद दुर्गाजी की मूर्ति बनाने का काम शुरू होता है. गोकुल ने बताया कि ये उनका पुश्तैनी काम है. उनके दादा-परदादा ओडिशा से रतनपुर आए थे. जिसके बाद से पीढ़ी दर पीढ़ी हम सब इस काम से जुड़े हुए हैं. कोरोना के कारण धंधा इतना मंदा है कि पहले जहां करीब 52 मूर्तियां बनाते थे और सभी मूर्तियां बिक जाती थी. लेकिन इस बार सिर्फ 20 से 25 मूर्तियां ही बन रही है.

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मां दुर्गा की मूर्ति

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मूर्तियों की मांग में आई गिरावट

मूर्तिकारों ने बताया कि जो मूर्तियां बनी हैं, उनके भी बिकने की उम्मीद नहीं है. क्योंकि अभी तक एक भी मूर्ति का ऑर्डर उन्हें नहीं मिला है. 10 से 20 मूर्तियां बिकने की उम्मीद है. जिसकी तैयारी कर रहे हैं. गणेशजी मूर्ति और विश्वकर्माजी की जो मूर्ति बनाई गई थी, वह काफी कम बिकी है. जिसके चलते काफी नुकसान हुआ है. इसी तरह से मूर्तिकार बसंत चित्रकार का कहना है कि वे दुर्गाजी की मूर्ति बना रहे हैं. हर बार 30 से 40 दुर्गाजी की मूर्तियां वे बनाते हैं. लेकिन कोरोना के कहर के चलते इस बार 20 से 25 मूर्तियां ही बना रहे हैं. जिसमें 8 से 10 मूर्तियों का ऑर्डर हो चुका है.

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मूर्ति तैयार करते मूर्तिकार

कलेक्टर ने जारी किए दिशा-निर्देश

बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर ने दुर्गा पूजा से संबंधित दिशा निर्देश दिया है कि, दुर्गा पंडालों में 6 फीट से ऊपर की मूर्तियां स्थापित नहीं की जाएंगी. उन्हें केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होगा. जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजर के उपयोग के साथ एक बार में 20 लोग ही उपस्थित रहेंगे.

घटाई गई मूर्तियों की लंबाई

मूर्तियों की लंबाई को लेकर मूर्तिकार राम चित्रकार का कहना है कि इस बार मूर्तिकारों पर कोरोना वायरस का गहरा असर पड़ा है. जिसकी वजह से मूर्तिकारों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. त्योहारी सीजन में भी ऑर्डर नहीं मिल रहा है. मूर्ति बनाने वाले कलाकारों को ग्राहक हर बार मनचाहे साइज के हिसाब से मूर्ति बनवाने के लिए एडवांस में ऑर्डर देते थे. लेकिन इस बार शासन के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए 5 फीट तक दुर्गाजी की मूर्ति बनाई गई है.

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