बिलासपुर: बहुचर्चित टूलकिट मामले (toolkit case) में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से पूर्व सीएम रमन सिंह (Raman Singh) और बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) को बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट (Chhattisgarh Hogh Court) ने दोनों के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में दर्ज FIR पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है.
3 दिन पहले जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की कोर्ट ने याचिकाकर्ता की तरफ से अंतरिम राहत के रूप में FIR पर रोक लगाने की मांग को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसे सोमवार को जारी कर दिया गया है. हालांकि ये राहत केवल अंतरिम है और मामले में दायर मूल पर 3 हफ्ते बाद दोबारा सुनवाई होगी. कोर्ट ने मामले में पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते के भीतर जवाब तलब भी किया था.
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पूर्व सीएम रमन सिंह और बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर टूलकिट मामले में अपने खिलाफ रायपुर में दर्ज FIR को चुनौती दी थी. दोनों के वकील विवेक शर्मा ने याचिका में उच्च न्यायालय से कहा था कि जिस टूलकिट को लेकर पूर्व सीएम और पात्रा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है, वह पब्लिक डोमेन में उपलब्ध था और याचिकाकर्ताओं ने पब्लिक डोमेन में मौजूद उस डिजिटल अभिलेख पर टिप्पणी की है. इसलिए उनके खिलाफ कोई अभियोग नहीं बनता.
'संविधान देता है विचार व्यक्त करने की आजादी'
याचिका में कहा गया है कि सरकार ने पॉलिटिकल एजेंडा के तहत मामले में FIR दर्ज कराई है. याचिकाकर्ता के वकील विवेक शर्मा ने कोर्ट में कहा कि हमारे देश का संविधान किसी को भी अपने विचार व्यक्त करने की आजादी देता है और याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में अपने अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल करते हुए ये टिप्पणी की है.
क्या होता है टूलकिट?
टूलकिट एक डिजिटल दस्तावेज होता है. इसे सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया जाता है. टूलकिट आमतौर पर किसी मुद्दे को लेकर तैयार किया जाता है. उस मुद्दे पर तैयारियों और आगे का रोडमैप का उल्लेख किया जाता है. टूलकिट में संबंधित मामले से जुड़ा हर अपडेट डाला जाता है.उस मुद्दे से जुड़े अदालती याचिकाओं, प्रदर्शनकारियों की जानकारी, इसे जन आंदोलन बनाने की कोशिश से जुड़ी तमाम सामग्री सूचनाओं के तौर पर उपलब्ध करवाई जाती है. इसमें एक्शन प्वाइंट दिया होता है और उसी के मुताबिक तैयारी की जाती है. सोशल मीडिया पर हैशटैग भी चलाया जाता है.
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सीधे शब्दों में कहें तो एक तरह का नोट या डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें किसी मामले को लेकर कई जानकारी लिखी होती है. इस डॉक्यूमेंट को इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे को भेजा जाता है या सोशल मीडिया पर किसी चीज का प्रचार किया जाता है. इसका इस्तेमाल अक्सर आंदोलन या प्रदर्शन में ज्यादातर होता है. इसमें जानकारी दी जाती है कि भीड़ को कहां इकट्ठा होना है, कौन से नारे लगाने हैं और सोशल मीडिया पर किस हैशटैग के साथ अपनी बात रखनी है और किस तरह से आंदोलन को आगे लेकर जाना है. इस तरह देश के साथ छत्तीसगढ़ में फिलहाल टूलकिट मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.