गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: मरवाही विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय शुक्रवार को मरवाही पहुंचे, जहां उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी डॉ. गंभीर सिंह के समर्थन में प्रचार किया. इस दौरान साय ने जोगी के जाति प्रमाण पत्र और नामांकन खारिज होने के फैसले का स्वागत किया है. हालांकि इस दौरान साय ने अपनी ही पार्टी पर सवाल भी उठाए. साय ने कहा कि इस मामले में पूर्व की बीजेपी सरकार फैसला नहीं ले पा रही थी, जिसके चलते यह मामला कोर्ट में लंबा चला. उन्होंने कहा कि छानबीन समिति सरकार की प्रकृति के मुताबिक चलती है. शायद इसी वजह से यह फैसला उस समय नहीं आ पाया था.
दरअसल मरवाही विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी डॉ. गंभीर सिंह के चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय शुक्रवार को मरवाही पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने जेसीसीजे नेता अमित जोगी और ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को छानबीन समिति की ओर से निरस्त किए जाने को सही कहा. साथ ही जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने की वजह से चुनाव का नामांकन खारिज होने के फैसले का स्वागत किया है.
जोगी के जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के फैसले को साय ने कहा सही
नंदकुमार साय ने कहा कि जोगी के जाति मामले को लेकर उन्होंने सदन से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ी है, लेकिन फैसला नहीं आ पाया था. 'देर आए दुरुस्त आए' यह फैसला अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए न्याय है. जोगी के जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि यह निर्णय बहुत अच्छा है. यह फैसला बहुत पहले हो जाना चाहिए था.
जनजाति वर्ग को मिला बहुत बड़ा न्याय- नंदकुमार साय
बीजेपी नेता नंदकुमार साय ने कहा कि इस फैसले से जनजाति वर्ग को एक बहुत बड़ा न्याय मिला है और उनके हितों को संरक्षित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि आगे चलकर इस तरह का कोई व्यक्ति फर्जी प्रमाण पत्र लेकर जनजातियों के हितों का हनन न कर सके. इसके लिए यह फैसला मील का पत्थर है. बीजेपी नेता नंद कुमार ने जोगी के जाति मामले में इतनी देरी से आए फैसले को लेकर कहा कि फैसला देरी से आने के पीछे कुछ लोगों का दोष था.
साय ने अपने ही पार्टी पर उठाई उंगली
तात्कालिक बीजेपी सरकार पर साय ने उंगली उठाते हुए कहा कि उस समय प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार थी और उस समय जो प्रदेश की छानबीन समिति थी उसको भी निर्णय करना था, लेकिन समिति सरकार की प्रकृति के मुताबिक चलती है. इस कारण जोगी के मामले में उस समय फैसला नहीं हो पाया. ये दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन अभी जो फैसला हुआ है उसका वे स्वागत करते है. हालांकि साय ने कहा कि कुछ परिस्थितियों भी ऐसी रहती है, जिस पर उन्हें कुछ नहीं बोलना चाहिए.
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चुनाव प्रचार के दौरान नंदकुमार साय ने बीजेपी नेता युद्धवीर सिंह की तरफ से कलेक्टर से पूछे गए प्रश्न को जायज कहा है. दरअसल बीजेपी नेता युद्धवीर सिंह जूदेव ने कलेक्टर को पत्र लिखाकर कहा था कि अगर शराब दुकान खुली हुई है, तो मंदिर भी खोल देना चाहिए.