बिलासपुर : कहते हैं शरीफ इंसान जेल की तरफ मुड़ कर भी नहीं देखता, फिर जेल जाने की बात तो दूर है. लेकिन बिलासपुर का सेंट्रल जेल इन दिनों लोगों के लिए किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं है. यहां अक्सर लोगों की भीड़ देखने को मिल जाएगी और लोगों की भीड़ को जेल की तरफ खींचने का श्रेय जाता है आस्था मुंगौड़ी सेंटर को. इन मुंगौड़ियों को जेल के कैदी तैयार करते हैं. मुंगौड़ी का स्वाद इतना अच्छा है कि लोग स्वादिष्ट मुंगौड़ी खाने पहले से ही यहां खड़े रहते हैं. सीमित रूप में तैयार की जाने वाली मुंगौड़ी के लालच में लोग इसके बनने का इंतजार करते हैं.
कैदी तैयार करते हैं मुंगौड़ी : बिलासपुर केंद्रीय जेल में कई सालों से सजा काट रहे कैदियों में अच्छे आचरण वाले को आस्था मुंगौड़ी केंद्र में कार्य के लिए भेजा जाता है. यहां काम करने लिए कैदी खुद ही जेल के अधिकारियों को बोलकर इस काम को करने आगे बढ़ते हैं. जानकारी के अनुसार जेल के आस्था मुंगौड़ी केंद्र में अपनी सेवा देने वाले एक-दो को छोड़कर अन्य सभी कैदी हैं. वह किसी न किसी अपराध की वजह से यहां सजा काट रहे हैं, लेकिन उनके अंदर छिपे हुनर को वो सभी तक पहुंचाना चाहते थे.इसलिए कैदी यहां काम कर खुद के लिए भी कुछ पैसे भी कमा रहे हैं. अन्य कैदियों के कल्याण के लिए भी काम कर रहे हैं.
शुद्धता का रखा जाता है ख्याल : जेल के आस्था मुंगौड़ी केंद्र में कार्य कर रहे कैदी यहां मुंगौड़ी तैयार करने के लिए सुबह से ही इसकी तैयारी करते हैं. देसी तरीके से दाल को पीसकर और उसमें अलग-अलग तरह के मसाले डाले जाते हैं. फिर आवश्यक चीजें डालकर इसे ब्रांडेड कंपनी के तेल से छान कर साफ सफाई के साथ ही बनाया जाता है. यही कारण है कि आम लोग यहां मुंगौड़ी खाने आते हैं. नाश्ता की डिमांड की मांग को देखते हुए यहां अब बालूशाही, आलूबोंडा और जलेबी भी तैयार की जाने लगी है.
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लोगों को पसंद आता है मुंगौड़ी का स्वाद : बिलासपुर में रहने वाले महेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि '' वे अक्सर जेल की आस्था मुंगौड़ी केंद्र से मुंगौड़ी खाने आते हैं. यहां का स्वाद बिल्कुल घर के बने मुंगौड़ी जैसा होता है. इसके अलावा शुद्धता की भी बात करें तो यहां अच्छे तेल का उपयोग किया जाता है. इसके साथ ही साफ सफाई पर अधिक ध्यान दिया जाता है.''
जेल में बंद कैदियों के रिश्तेदार जब उनसे मिलने आते हैं तो वह भी यहां के मुंगौड़ी का स्वाद जरूर चखते हैं. ऐसे ही कुछ कैदियों के रिश्तेदारों ने बताया कि वे दो तीन बार जरूर आते हैं . इसके बाद मुलाकात करने के बाद मुंगौड़ी खाकर वापस जाते हैं.यहां पर मिलने वाली मुंगौड़ी दूसरी जगहों से स्वादिष्ट है. मस्तूरी के रहने वाले रामनारायण पाल ने बताया कि '' वह अपने लड़के से मिलने जेल में आए हैं .भूख लगने पर भी पहली बार यहां मुंगौड़ी का स्वाद चख रहे हैं. उन्हें यहां की मुंगौड़ी का स्वाद कुछ अलग और अच्छा लगा. इसलिए वो जब भी आएंगे तो इसका स्वाद फिर चखेंगे.''