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ईवीएम की रखवाली करने नहीं पहुंचे पार्टियों के प्रतिनिधि, निर्वाचन आयोग की व्यवस्था गई बेकार - Bilaspur News

Bilaspur Strong Room Security छत्तीसगढ़ निर्वाचन आयोग ने बिलासपुर मतगणना केंद्र में ईवीएम की रखवाली करने के लिए प्रतिनिधि तैनात करने की सुविधा प्रत्याशियों को दी है. चुनाव लड़ने वाले किसी प्रत्याशी को ईवीएम की रखवाली करनी है, तो वह निर्वाचन आयोग से अनुमति लेकर खुद या अपने प्रतिनिधि को मतगणना केंद्र में तैनात कर सकता है. लेकिन इस बार केवल दो प्रतिनिधियों को ही प्रत्याशियों ने तैनात किया है. Bilaspur News

Bilaspur Strong Room
बिलासपुर मतगणना केंद्र में ईवीएम की रखवाली
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 1, 2023, 8:39 AM IST

बिलासपुर: जिला निर्वाचन आयोग ने जिले के 6 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती की अपनी तैयारी पुख्ता कर ली है. बिलासपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में स्ट्रॉन्ग रूम बनाया है. स्ट्रॉन्ग रूम में पार्टी प्रतिनिधियों के लिए जिला निर्वाचन ने रहने और दिनचर्या के लिए पूरा इंतजाम किया है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रशासन ने यहां 6 विधानसभा के प्रत्याशियों के लिए 40 बिस्तर लगवाया था, वह सभी खाली हैं. केवल दो में ही रखवाली करने के लिए प्रतिनिधि आए हैं.

प्रतिनिधि तैनात करने की दी है सुविधा: बिलासपुर कोनी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की बिल्डिंग के स्ट्रांग रूम में ईवीएम रखा गया है. मतगणना के लिए पहले सुरक्षा कर्मियों ने मोर्चा संभाल रखा है. सुरक्षा में पारदर्शिता को लेकर आयोग ने उम्मीदवारों को भी अपने प्रतिनिधि तैनात करने की सुविधा दी है. इस सुविधा के मद्देनजर प्रशासन ने इंजीनियरिंग कॉलेज की बिल्डिंग में 40 बिस्तर लगवाए हैं. इन बिस्तरों में उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि आराम कर सकते हैं और ईवीएम की निगरानी कर सकते हैं. प्रशासन ने यहां रुकने वाले प्रतिनिधियों के लिए बिस्तर, उनके दिनचर्या के लिए आवश्यक चीज और नहाने के इंतजाम कर रखे हैं. प्रतिनिधियों के लिए खाना और पानी का इंतजाम उन्हें नियुक्त करने वाले उम्मीदवार को करना है.

पार्टियों को निर्वाचन आयोग पर भरोसा: प्रशासन ने यहां 40 लोगों के लिए इंतजाम कर रखा है, लेकिन इनमें केवल दो लोग ही रह रहे हैं. प्रतिनिधियों के लिए बनाए गए 40 बिस्तरों में 38 बिस्तर खाली हैं. मस्तूरी विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार दिलीप लहरिया के प्रतिनिधि और तखतपुर विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रश्मि सिंह के प्रतिनिधि यहां मौजूद हैं. बाकी उम्मीदवारों ने किसी को भी ईवीएम की रखवाली के लिए नियुक्त नहीं किया है. जिससे लगता है कि पार्टियों को निर्वाचन आयोग और उसके सुरक्षा पर पूरा भरोसा है.

स्ट्रॉन्ग रूम की सीसीटीवी से निगरानी: भारत निर्वाचन आयोग ने ईवीएम रखे गए स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए तीन लेयर में सुरक्षा गार्डन तैनात किए हैं. स्ट्रांग रूम का सुरक्षा करने वाले गार्ड अलग-अलग सुरक्षा कंपनियों के हैं. इसके अलावा प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे भी लगा रखे हैं, ताकि सुरक्षाकर्मियों पर भी निगरानी रखी जाए. सीसीटीवी कैमरे 24 घंटा चालू रहते हैं और नाइट विजन कैमरा होने की वजह से यदि किसी कारणवश लाइट बंद भी हो जाए, तो अंधेरे में यह कैमरे हर चीज की पहचान कर सकते हैं. जिला निर्वाचन आयोग ने स्ट्रांग रूम की सीलिंग के समय राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया था. इन प्रतिनिधियों को भी अपनी तरफ से सील लगाने का अधिकार होता है. सैनिक बलों की तैनाती के साथ ही केंद्रीय बल स्ट्रांग रूम के अंदर की सुरक्षा देखते हैं. जबकि बाहर की सुरक्षा राज्य पुलिस बल के हाथों में होता है.

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बिलासपुर: जिला निर्वाचन आयोग ने जिले के 6 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती की अपनी तैयारी पुख्ता कर ली है. बिलासपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में स्ट्रॉन्ग रूम बनाया है. स्ट्रॉन्ग रूम में पार्टी प्रतिनिधियों के लिए जिला निर्वाचन ने रहने और दिनचर्या के लिए पूरा इंतजाम किया है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रशासन ने यहां 6 विधानसभा के प्रत्याशियों के लिए 40 बिस्तर लगवाया था, वह सभी खाली हैं. केवल दो में ही रखवाली करने के लिए प्रतिनिधि आए हैं.

प्रतिनिधि तैनात करने की दी है सुविधा: बिलासपुर कोनी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की बिल्डिंग के स्ट्रांग रूम में ईवीएम रखा गया है. मतगणना के लिए पहले सुरक्षा कर्मियों ने मोर्चा संभाल रखा है. सुरक्षा में पारदर्शिता को लेकर आयोग ने उम्मीदवारों को भी अपने प्रतिनिधि तैनात करने की सुविधा दी है. इस सुविधा के मद्देनजर प्रशासन ने इंजीनियरिंग कॉलेज की बिल्डिंग में 40 बिस्तर लगवाए हैं. इन बिस्तरों में उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि आराम कर सकते हैं और ईवीएम की निगरानी कर सकते हैं. प्रशासन ने यहां रुकने वाले प्रतिनिधियों के लिए बिस्तर, उनके दिनचर्या के लिए आवश्यक चीज और नहाने के इंतजाम कर रखे हैं. प्रतिनिधियों के लिए खाना और पानी का इंतजाम उन्हें नियुक्त करने वाले उम्मीदवार को करना है.

पार्टियों को निर्वाचन आयोग पर भरोसा: प्रशासन ने यहां 40 लोगों के लिए इंतजाम कर रखा है, लेकिन इनमें केवल दो लोग ही रह रहे हैं. प्रतिनिधियों के लिए बनाए गए 40 बिस्तरों में 38 बिस्तर खाली हैं. मस्तूरी विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार दिलीप लहरिया के प्रतिनिधि और तखतपुर विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रश्मि सिंह के प्रतिनिधि यहां मौजूद हैं. बाकी उम्मीदवारों ने किसी को भी ईवीएम की रखवाली के लिए नियुक्त नहीं किया है. जिससे लगता है कि पार्टियों को निर्वाचन आयोग और उसके सुरक्षा पर पूरा भरोसा है.

स्ट्रॉन्ग रूम की सीसीटीवी से निगरानी: भारत निर्वाचन आयोग ने ईवीएम रखे गए स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए तीन लेयर में सुरक्षा गार्डन तैनात किए हैं. स्ट्रांग रूम का सुरक्षा करने वाले गार्ड अलग-अलग सुरक्षा कंपनियों के हैं. इसके अलावा प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे भी लगा रखे हैं, ताकि सुरक्षाकर्मियों पर भी निगरानी रखी जाए. सीसीटीवी कैमरे 24 घंटा चालू रहते हैं और नाइट विजन कैमरा होने की वजह से यदि किसी कारणवश लाइट बंद भी हो जाए, तो अंधेरे में यह कैमरे हर चीज की पहचान कर सकते हैं. जिला निर्वाचन आयोग ने स्ट्रांग रूम की सीलिंग के समय राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया था. इन प्रतिनिधियों को भी अपनी तरफ से सील लगाने का अधिकार होता है. सैनिक बलों की तैनाती के साथ ही केंद्रीय बल स्ट्रांग रूम के अंदर की सुरक्षा देखते हैं. जबकि बाहर की सुरक्षा राज्य पुलिस बल के हाथों में होता है.

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