बिलासपुर: हर शख्स जीवन में कुछ हटकर करना चाहता है. कुछ भी करने का जुनून ही शख्स को कामयाबी तक पहुंचाता है. एक शख्स हाथों से चलने का रिकॉर्ड बना रहा है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं बिलासपुर के देवरीखुर्द इलाके में रहने वाले पी धनराज की. इन्होंने हाथ से चलने का रिकॉर्ड बनाया है. खिलाड़ी की विशेष प्रतिभा से उनका नाम इंटरनेशनल बुक रिकॉर्ड के साथ ही इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया गया है. पी.धनराज अब अपनी इस विशेष कला को आगे ले जाना चाहते हैं. धनराज अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने को लेकर रोजाना घर पर ही प्रैक्टिस कर रहे हैं. उनके इस लक्ष्य को पूरा करने में उनका परिवार साथ दे रहा है.
लॉकडाउन में आया आइडिया: पी धनराज 23 साल के हैं. धनराज की शुरू से ही खेल में रुचि रही है. धनराज ने साल 2019 में राष्ट्रीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में धावक के तौर पर 800 मीटर में गोल्ड मेडल जीता था. इनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चयन हुआ था. इन्होंने साल 2016 में भारत स्काउट गाइड में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार राष्ट्रपति अवॉर्ड हासिल किया है. पी धनराज गोल्ड मेडल हासिल करने के बाद भी आगे बढ़ाने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन कोरोना के कारण लॉकडाउन हो जाने की वजह से वो घर पर ही सिमट कर रह गए. उन्होंने सोचा कि प्रैक्टिस तो बंद हो गई है. फिर क्या किया जाए. तब उनके दिमाग में एक बात आई कि वह पैर से तो दौड़कर गोल्ड मेडल हासिल किए है. क्यों ना अब हाथों से चलकर एक अलग रिकॉर्ड बनाया जाए.
लॉकडाउन के दौरान दौड़ने के लिए कोई स्टेडियम नहीं मिल पाया था. यही कारण है कि अपनी प्रैक्टिस बंद न करके मैने हाथों से चलना शुरू किया. -पी धनराज
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज: इसके बाद धनराज रोजाना ही हाथों से चलने की प्रैक्टिस करने लगे. आस-पड़ोस के लोग और दोस्तों ने धनराज का हौसला बढ़ाया. जिसके बाद पी धनराज अपना स्पीड बढ़ाते गए और स्थिति यह हो गई कि वह 30 सेकंड में 62 स्टेप चलने लगे. तब उन्होंने अपना नाम इंडिया बुक में दर्ज करने का सोचा. वह अप्लाई करने लगे. पहले के दो बार में तो उनका चयन नहीं हो पाया. हालांकि थर्ड टाइम में वह फिर से अप्लाई किए. धनराज का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हो गया. अब वह रिकॉर्ड होल्डर हो गए हैं. पी धनराज ने इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करा लिया है. अब वह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं.
नौकरी के कई ऑफर ठुकराए: पी धनराज पहले भी दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं. उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए खेल कोटे से रेलवे, भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेवा, भारतीय नौसेना और आयकर विभाग में नौकरी का मौका मिला है. उनकी जिद खेल के क्षेत्र में और कुछ अलग करने की थी. यही कारण है कि पी धनराज ने नौकरी के ऑफर को ठुकरा कर अपनी इस उपलब्धि को और आगे बढ़ाने की तैयारी की.