बिलासपुर: डीजे की वजह से हो रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर हस्तक्षेप याचिका लगाई गई है, जिसमें रायपुर में गणेश विसर्जन के दौरान हुए डीजे के ध्वनि प्रदूषण मामले को भी शामिल करने का निवेदन किया गया है. यह याचिका छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति द्वारा लगाई गई है. जिसके बाद याचिका की सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की युगल पीठ ने शासन से हस्तक्षेप याचिका पर जवाब मांगा है.
रायपुर में डीजे को लेकर की शिकायत: इस मामले में रायपुर की समाज सेवी संस्था छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने भी एक हस्तक्षेप याचिका लगाई है. याचिका में समिति ने पुलिस के गणेश विसर्जन के रूट का जारी किया गया नक्शा पेश कर कहा कि यहां से कई डीजे रात भर निकलते रहे. लगभग 40 फोटो समिति ने कोर्ट में पेश किये. समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने बताया कि लगभग 100 डीजे एक के पीछे एक वाहनों में रखकर 120 डेसीबल तक की आवाज निकालते हुए जा रहे थे.
आम लोग हुए परेशान: पुलिस द्वारा निर्धारित 8 किलोमीटर के रास्ते में डीजे वाले सुबह तक जनता को परेशान करते रहे. जिन ट्रेलर ट्रक का प्रवेश शहर में प्रतिबंधित रहता है, ऐसे कई 40-40 फीट लंबे ट्रेलर ट्रक में डीजे बजाते हुए शहर के बीच से ये लोग निकले.रायपुर के शंकर नगर चौक में आवासीय क्षेत्र में जहां 100-200 मीटर में अस्पताल है, एक ट्रेलर ट्रक में रात 10.30 बजे तक, दो घंटे तक डीजे बजाये गए. चौक-चौराहा में लगे कैमरों के वीडियो फुटेज के आधार पर डीजे बजाने वालों पर प्रशासन कार्रवाई कर सकती है.
पिछले साल भी समिति ने कलेक्टर, एसपी, कमिश्नर नगर निगम को आवेदन देकर मांग की थी कि वीडियो फुटेज देखकर गणेश विसर्जन समितियों पर कार्रवाई हो. वीडियो फुटेज समिति को भी देने की मांग की गई. लेकिन ना तो वीडियो फुटेज दिया, ना ही कोई कार्रवाई हुई.
बिलासपुर में पिछले कुछ सालों से तीज त्योहारों और रैली सहित कई धार्मिक आयोजनों में डीजे की धुन पर तेज आवाज में म्यूजिक चलाने की परंपरा सी हो चली है. इस मामले को लेकर कई दिनों से इसे बंद करने की मांग भी उठने लगी थी. लेकिन पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने की वजह से लोग परेशान थे. जिसके बाद मीडिया में खबरें छपी थी. हाईकोर्ट ने इसे स्वतः संज्ञान में लेकर सुवो मोटो रिट याचिका दायर करने के निर्देश दिए. मामले में पिछली सुनवाई में कोर्ट ने शासन और जिला प्रशासन को जमकर फटकार लगाई थी. जिसके बाद बिलासपुर में डीजे पर करवाई शुरू की गई थी.