बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने लगभग सभी सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. केवल पांच सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई है. बिलासपुर की बात करें, तो जिसे के 06 विधानसभा क्षेत्रों में से पांच में प्रत्याशियों की घोषणा हो गई है. मात्र बेलतरा विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित करना बचा है. बिलासपुर का ब्राम्हण समाज अपने लिए जिले की बची हुई एक सीट पर टिकट की मांग कर रहा है.
बेलतरा सीट में बीजेपी के सामने धर्मसंकट: भाजपा ने अपनी दूसरी सूची में 65 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. उम्मीदवार की घोषणा के बाद कहीं खुशी, तो कहीं से नाराजगी सामने आ रही है. कई सामाज अपने व्यक्ति के लिए टिकट मांग रहे हैं. बिलासपुर में ब्राम्हण समाज अपने समाज के किसी भी एक व्यक्ति को बेलतरा विधानसभा सीट से टिकट देने की मांग कर रहा है. ब्राह्मण समाज का प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को ज्ञापन भी सौंपा है. ब्राम्हण समाज ने पहले जिले के 6 में से किसी भी एक सीट पर टिकट देने की मांग की थी, लेकिन 5 सीट पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब बची एक मात्र सीट बेलतरा के लिए टिकट की मांग की जा रही है.
"बिलासपुर संभाग में लाखों की संख्या में ब्राह्मण समाज के लोग रहते हैं. चुनावों में निर्णायक भूमिका ब्राह्मणों की रहती है. भाजपा के सूची में एक भी ब्राह्मण समाज के प्रत्याशी का नाम नहीं है, जिससे ब्राह्मण समाज में नाराजगी है. अगर ब्राम्हण समाज के व्यक्ति को मौका नहीं दिया गया, तो वो वोटिंग करने के लिए विचार करेंगे." - ज्योतिन्द्र उपाध्याय, ब्राह्मण समाज, बिलासपुर
ब्राह्मण समाज का वोट हो सकता है निर्णायक: बिलासपुर संभाग, छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा संभाग है. जिले में लगभग सवा लाख की आबादी ब्राह्मण समाज की है. बिलासपुर विधानसभा में 40 हजार, बेलतरा विधानसभा में 20 हजार की आबादी ब्राह्मण समाज की है. ब्राह्मण समाज के वोटरों की संख्या इतनी है कि किसी भी पार्टी के लिए उनका वोट निर्णायक हो सकता है. यही वजह है कि ब्राह्मण समाज अपने समाज के लिए जिले से किसी एक विधानसभा में टिकट की मांग कर रहा था. ऐसे में ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को टिकट नहीं देने से बीजेपी को उनकी नाराजगी नुकसान पहुंचा सकती है. जिसके चलते अभी तक इस एक सीट पर पेंच फंसा हुआ है.
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बेलतरा विधानसभा सीट का गणित: बेलतरा विधानसभा सीट सामान्य वर्ग की सीट है. यहां ओबीसी मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक है. ओबीसी के बाद एससी समाज की संख्या भी अच्छी खासी है. यहां ओबीसी मतदाताओं की संख्या लगभग 33.66 फीसदी है, तो एससी मतदाता 28 फीसदी हैं. अनुसूचित जनजाति 2 फीसदी और जनरल मतदाता 36.34 फीसदी हैं. इनमें ठाकुर, ब्राम्हण, यादव, सतनामी, साहू, कौशिक और कुछ संख्या में मुस्लिम मतदाता भी हैं. बेलतरा में पार्टियों का फोकस साहू, कौशिक, ब्राम्हण और एससी समाज पर अधिक रहता है.
बेलतरा विधानसभा में कितने हैं मतदाता: बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता की संख्या 2 लाख 35 हजार 671 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 19 हजार 694 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 15 हजार 977 है. यानि कि इस विधानसभा सीट पर महिला और पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर ही है. यह आंकड़े मार्च 2023 तक के हैं.
बेलतरा विधानसभा है बीजेपी का गढ़: बेलतरा विधानसभा सीट में सामान्य वर्ग के लोग ज्यादा हैं. यहां से लगातार पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान दो बार और अविभाजित सीपत विधानसभा से एक बार जीत दर्ज कर चुके हैं. बद्रीधर दीवान लगातार तीन बार भाजपा से जीत दर्ज कर चुके हैं. अब यहां भाजपा के ही रजनीश सिंह विधायक हैं. जिनकी मतदाताओं के बीच अच्छी पकड़ रही है. सामान्य वर्ग की बहुलता वाले बेलतरा विधानसभा में अब तक कांग्रेस ओबीसी वर्ग का ही उम्मीदवार उतारती है, जिसका उन्हें कोई लाभ नहीं मिला और वो हारते ही रहे.