बिलासपुर: बिलासपुर जिले का बिल्हा विधानसभा सीट अहम माना जाता है. इस सीट पर सालों से भाजपा का कब्जा रहा है. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता धरमलाल कौशिक बिल्हा विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ते आए हैं. ऐसे में इस विधानसभा चुनाव में यहां की जनता की क्या राय हैं? यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने गांवों में दस्तक देकर जनता के मुद्दों को समझने का प्रयास किया है.
भाजपा ने धरमलाल कौशिक पर जताया भरोसा: भाजपा के दिग्गज नेता धरमलाल कौशिक बिल्हा विधानसभा से विधायक हैं. इस बार भी पार्टी ने उन पर पूरा भरोसा जताते हुए उन्हें बिल्हा से चुनावी मैदान में उतारा है. धरमलाल कौशिक ने अपने राजनीतिक करियर में भाजपा विधायक के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. फिलहाल इस सीट से कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी तय नहीं किये हैं. जबकि भाजपा ने एक बार फिर धरमलाल कौशिक पर भरोसा जताया है.
कांग्रेस किसी नए चेहरे पर लगा सकती है दांव: बिल्हा विधानसभा सीट के लिए भाजपा अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. लेकिन कांग्रेस यहां से किसी नए उम्मीदवार को मौका दे सकती है. कांग्रेस सत्ता में रही है, ऐसे में कांग्रेस की कोशिश बिल्हा दंगल जीतने की है. इसलिए माना ये जा रहा है कि पार्टी सोच समझकर प्रत्याशी चयन करने के लिए समय ले रही है. वहीं तीसरे मोर्चे के तौर पर आम आदमी पार्टी ने यहां से जसबीर सिंह को अपना कैंडिडेट घोषित किया
2018 का चुनावी समीकरण कैसा था ?: 2018 के चुनाव में फिर समीकरण बदले. कांग्रेस का दामन छोड़कर सियाराम कौशिक जोगी कांग्रेस से चुनावी मैदान में उतरे. कांग्रेस ने वोटरों को साधने राजेंद्र शुक्ला को अपना प्रत्याशी बनाया. इस त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा के धरमलाल कौशिक ने बाजी मारी और एक बार फिर विधायक चुने गए. बीजेपी के धरमलाल कौशिक को 84,431 वोट मिले. जबकि कांग्रेस के राजेंद्र शुक्ला को 57907 वोट मिले. वहीं पूर्व विधायक और जोगी कांग्रेस प्रत्याशी सियाराम कौशिक 31 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. इस तरह बिल्हा में भाजपा ने कब्जा जमाया. धरमलाल कौशिक को डॉ रमन सिंह के करीबी और विश्वस्त माने जाते हैं.
बिल्हा विधानसभा के सियासी मुद्दे: बिल्हा विधानसभा के अपने कई मुद्दे हैं. बिल्हा विधानसभा में गांव भी है तो यहां शहरी क्षेत्र के लोग भी मतदाता हैं. यहां गांव और शहर का मिश्रण आपको देखने को मिलेगा. इस क्षेत्र में सिरगिट्टी, तिफरा जैसे इंडस्ट्रीज इलाके हैं, तो यदुनंदन नगर से लेकर चकरभाठा तक कई बड़ी कॉलोनियां भी हैं. इस क्षेत्र में बुनियादी समस्याओं के अलावा पेयजल, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, बिजली व्यवस्था, अवैध उत्खनन भी बड़ा मुद्दा है. बिल्हा के चकरभाठा क्षेत्र में हाईकोर्ट, एयरपोर्ट, हाइटेक बस स्टैंड होने के साथ साथ मार्केट हब है. इसके बावजूद ट्रेनों का स्टॉपेज न होना यहां के लोगों की प्रमुख समस्या है.