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आईपीएस मुकेश गुप्ता प्रमोशन मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

आईपीएस मुकेश गुप्ता के प्रमोशन मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Sep 8, 2022, 12:05 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर आईपीएस मुकेश गुप्ता के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को लेकर राज्य शासन की अपील पर सुनवाई की. मामले में कोर्ट अब अपना फैसला कभी भी सुना सकता है. इससे पहले भी निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के प्रमोशन मामले में कैट के आदेश के खिलाफ राज्य शासन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पेश याचिका में कैट के क्रियान्वयन आदेश पर रोक लगाने की मांग को गई थी, जिसमे हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसमें आईपीएस मुकेश गुप्ता के पदस्थापना का आदेश दिया था.

आईपीएस रजनेश सिंह को हाई कोर्ट का झटका, कैट के फैसले को किया निरस्त

क्या है पूरा मामला: साल 2018 में मुकेश गुप्ता का प्रमोशन एडीजी से डीजी के तौर पर हुआ था. 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया. शासन के इस निर्णय और ऑब्जरवेशन को चुनौती देते हुए गुप्ता ने कैट में याचिका लगाई. कैट ने सुनवाई के बाद मुकेश गुप्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए पदस्थापना का आदेश सुनाया. इसके खिलाफ राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका पेश की. मामले की सुनवाई के बाद 4 जुलाई को हाई कोर्ट ने कैट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी.

हाई कोर्ट में 22 अगस्त से इस पर अंतिम बहस शुरू की गई. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने बहस की. सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

बिलासपुर: बिलासपुर आईपीएस मुकेश गुप्ता के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को लेकर राज्य शासन की अपील पर सुनवाई की. मामले में कोर्ट अब अपना फैसला कभी भी सुना सकता है. इससे पहले भी निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के प्रमोशन मामले में कैट के आदेश के खिलाफ राज्य शासन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पेश याचिका में कैट के क्रियान्वयन आदेश पर रोक लगाने की मांग को गई थी, जिसमे हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसमें आईपीएस मुकेश गुप्ता के पदस्थापना का आदेश दिया था.

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क्या है पूरा मामला: साल 2018 में मुकेश गुप्ता का प्रमोशन एडीजी से डीजी के तौर पर हुआ था. 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया. शासन के इस निर्णय और ऑब्जरवेशन को चुनौती देते हुए गुप्ता ने कैट में याचिका लगाई. कैट ने सुनवाई के बाद मुकेश गुप्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए पदस्थापना का आदेश सुनाया. इसके खिलाफ राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका पेश की. मामले की सुनवाई के बाद 4 जुलाई को हाई कोर्ट ने कैट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी.

हाई कोर्ट में 22 अगस्त से इस पर अंतिम बहस शुरू की गई. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने बहस की. सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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