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Bilaspur Highcourt news : रेगुलर टीचर्स को हाईकोर्ट का झटका, प्रमोशन के खिलाफ लगी याचिका खारिज

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Published : Mar 9, 2023, 2:58 PM IST

पदोन्नति के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से रेगुलर टीचर्स को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने प्रमोशन मामले में फैसला सुनाते हुए रेगुलर शिक्षकों की याचिका खारिज कर दी है.पदोन्नति के नियम को लेकर छत्तीसगढ़ के रेगुलर टीचर्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

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रेगुलर टीचर्स को हाईकोर्ट का झटका

बिलासपुर : रेगुलर टीचर्स ने शासन के शिक्षक एलबी संवर्ग को पदोन्नति के लिए तय वर्षों में दी गई रियायत के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया है. सरकार ने शिक्षक भर्ती पदोन्नति नियम 2019 में शिक्षक एलबी संवर्ग को पदोन्नति के लिए 5 वर्ष का स्कूल शिक्षा विभाग में अनुभव का प्रावधान रखा था, बाद में सरकार ने कैबिनेट बैठक कर इसमें आवश्यक संशोधन करते हुए अनुभव के तय लिमिट को 3 वर्ष के लिए सीमित कर दिया था, इसके बाद प्रदेश भर में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो गई थी

शिक्षकों ने दर्ज की थी आपत्ति : प्रदेश भर के रेगुलर शिक्षकों ने पदोन्नति के नियम को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि '' शासन ने रेगुलर शिक्षकों के पदोन्नति के नियम में बदलाव कर हजारों शिक्षकों के प्रोमोशन को रोकने की कोशिश की है. शासन ने नियम 2019 को बदलकर नए नियम लागू किये हैं. पहले पदोन्नति के लिए कम से कम 5 वर्षों का अनुभव होने पर पदोन्नति दी जाती थी.लेकिन इसे बदलकर 3 साल में पदोन्नति देने की नियम ने सीनियारिटी को खतरा महसूस होने लगा है.

ये भी पढ़ें- बिलासपुर के रतनपुर में राइस मिल आग में करोड़ों का नुकसान

शिक्षकों की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज : इस मामले में पेश याचिका में इस नियम खिलाफ कुछ नियमित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने के शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया गया. कोर्ट के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि शासन ने 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर शिक्षक एलबी संवर्ग को पदोन्नति देने का जो निर्णय लिया है वह यथावत रहेगा, और इसमें कोई बदलाव नही होगा.

बिलासपुर : रेगुलर टीचर्स ने शासन के शिक्षक एलबी संवर्ग को पदोन्नति के लिए तय वर्षों में दी गई रियायत के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया है. सरकार ने शिक्षक भर्ती पदोन्नति नियम 2019 में शिक्षक एलबी संवर्ग को पदोन्नति के लिए 5 वर्ष का स्कूल शिक्षा विभाग में अनुभव का प्रावधान रखा था, बाद में सरकार ने कैबिनेट बैठक कर इसमें आवश्यक संशोधन करते हुए अनुभव के तय लिमिट को 3 वर्ष के लिए सीमित कर दिया था, इसके बाद प्रदेश भर में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो गई थी

शिक्षकों ने दर्ज की थी आपत्ति : प्रदेश भर के रेगुलर शिक्षकों ने पदोन्नति के नियम को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि '' शासन ने रेगुलर शिक्षकों के पदोन्नति के नियम में बदलाव कर हजारों शिक्षकों के प्रोमोशन को रोकने की कोशिश की है. शासन ने नियम 2019 को बदलकर नए नियम लागू किये हैं. पहले पदोन्नति के लिए कम से कम 5 वर्षों का अनुभव होने पर पदोन्नति दी जाती थी.लेकिन इसे बदलकर 3 साल में पदोन्नति देने की नियम ने सीनियारिटी को खतरा महसूस होने लगा है.

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शिक्षकों की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज : इस मामले में पेश याचिका में इस नियम खिलाफ कुछ नियमित शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने के शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया गया. कोर्ट के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि शासन ने 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर शिक्षक एलबी संवर्ग को पदोन्नति देने का जो निर्णय लिया है वह यथावत रहेगा, और इसमें कोई बदलाव नही होगा.

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