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जूनियर वकीलों के मासिक मानदेय मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया - जूनियर वकीलों के मासिक मानदेय मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट

जूनियर वकील के मासिक मानदेय मामले (monthly honorarium case of junior lawyers ) में बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Bilaspur High Court
बिलासपुर हाईकोर्ट
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Published : Apr 13, 2022, 10:51 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू करने वाले जूनियर वकीलों को मासिक मानदेय (monthly honorarium case of junior lawyers ) नहीं मिलने पर बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. मामले की सुनवाई में कोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई), स्टेट बार काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब देने कहा है.

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में नए वकीलों को प्रैक्टिस शुरू करने के बाद मानदेय नहीं मिलने को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली वकील सना खान ने दायर की थी. याचिका के माध्यम से मानदेय दिए जाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में वकालत करने आने वाले जूनियर वकीलों के लिए यहां मासिक वृत्ति का निर्धारण किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः Bilaspur High court News : रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला, हाईकोर्ट में याचिका स्वीकार

देश के अनेक उच्च न्यायालयों में भी इस प्रकार की व्यवस्था है कि माह में उन्हें अलग से कुछ पारिश्रमिक दिया जाता है. इसी मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट बार एशोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहाब ने भी पहले यहां स्टेट बार काउंसिल समेत बीसीआई से भी इस पर कोई कदम उठाने की अपील की थी. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में मामले की आगामी सुनवाई रखी गई है.

बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि शुरुआती दौर में कुछ साल नए वकीलों को मानदेय मिलना चाहिए, ताकि वे आगे वकालत जारी रख सकें. आर्थिक प्रोत्साहन व मदद न मिलने से बहुत से फ्रेशर कुछ समय बाद ही वकालत जैसे नोबल प्रोफेशन को छोड़कर अन्य छोटी-मोटी नौकरी करने को मजबूर हो जाते हैं. आज डिवीजन बेंच ने राज्य शासन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई), स्टेट बार काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब देने कहा है.

बिलासपुर: बिलासपुर हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू करने वाले जूनियर वकीलों को मासिक मानदेय (monthly honorarium case of junior lawyers ) नहीं मिलने पर बिलासपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. मामले की सुनवाई में कोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई), स्टेट बार काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब देने कहा है.

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में नए वकीलों को प्रैक्टिस शुरू करने के बाद मानदेय नहीं मिलने को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली वकील सना खान ने दायर की थी. याचिका के माध्यम से मानदेय दिए जाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट में वकालत करने आने वाले जूनियर वकीलों के लिए यहां मासिक वृत्ति का निर्धारण किया जाना चाहिए.

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देश के अनेक उच्च न्यायालयों में भी इस प्रकार की व्यवस्था है कि माह में उन्हें अलग से कुछ पारिश्रमिक दिया जाता है. इसी मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट बार एशोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहाब ने भी पहले यहां स्टेट बार काउंसिल समेत बीसीआई से भी इस पर कोई कदम उठाने की अपील की थी. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में मामले की आगामी सुनवाई रखी गई है.

बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने तर्क दिया कि शुरुआती दौर में कुछ साल नए वकीलों को मानदेय मिलना चाहिए, ताकि वे आगे वकालत जारी रख सकें. आर्थिक प्रोत्साहन व मदद न मिलने से बहुत से फ्रेशर कुछ समय बाद ही वकालत जैसे नोबल प्रोफेशन को छोड़कर अन्य छोटी-मोटी नौकरी करने को मजबूर हो जाते हैं. आज डिवीजन बेंच ने राज्य शासन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई), स्टेट बार काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब देने कहा है.

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