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बिलासपुर: NGO कार्यकर्ताओें को बीमा मामले में एक हफ्ते के लिए टली सुनवाई

लॉकडाउन में पुलिस के साथ काम कर रहे सामाजिक संगठन (NGO) के कार्यकर्ताओं को जीवन बीमा देने की मांग मामले में हाईकोर्ट में एक हफ्ते के लिए सुनवाई टाल गई है.

Hearing in life insurance case
हाईकोर्ट
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Published : Jun 9, 2020, 7:42 PM IST

बिलासपुर: लॉकडाउन के दौरान पुलिस के साथ काम कर रहे सामाजिक संगठन (NGO) के कार्यकर्ताओं को जीवन बीमा की मांग मामले में मंगलवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इसके बाद मामले की सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाल दी गई है.

सामाजिक कार्यकर्ताओं का बीमा कराने की मांग को लेकर लोकेश कावड़िया ने बिलासपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसपर मंगलवार सुनवाई हुई.

सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिले जीवन बीमा

जनहित याचिका में लोकेश कावड़िया ने मांग करते हुए कहा है कि, लॉकडाउन के दौरान दिन-रात पुलिस काम कर रही है. इसके साथ ही अनेक सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग पुलिस के साथ राज्य भर में कार्य कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस जो कि सरकारी कर्मचारी है, उन्हें जीवन बीमा का लाभ मिलता है, लेकिन सामाजिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के लिए ऐसी किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में उन्हें भी जीवन बीमा देना चाहिए.

राज्य शासन को कराना चाहिए जीवन बीमा

कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए अगर किसी सामाजिक कार्यकर्ता की ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है, तो कम से कम उसके परिवार को आर्थिक सहायता मिल सके. इसलिए सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं का जीवन बीमा राज्य शासन को कराना चाहिए. याचिका में मांग उठाई गई है कि हाईकोर्ट राज्य शासन को आदेश जारी कर ऐसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का जीवन बीमा कराए.

1 हफ्ते के लिए टली सुनवाई

मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच की ओर से की गई है.

बिलासपुर: लॉकडाउन के दौरान पुलिस के साथ काम कर रहे सामाजिक संगठन (NGO) के कार्यकर्ताओं को जीवन बीमा की मांग मामले में मंगलवार को बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इसके बाद मामले की सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाल दी गई है.

सामाजिक कार्यकर्ताओं का बीमा कराने की मांग को लेकर लोकेश कावड़िया ने बिलासपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसपर मंगलवार सुनवाई हुई.

सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिले जीवन बीमा

जनहित याचिका में लोकेश कावड़िया ने मांग करते हुए कहा है कि, लॉकडाउन के दौरान दिन-रात पुलिस काम कर रही है. इसके साथ ही अनेक सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग पुलिस के साथ राज्य भर में कार्य कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस जो कि सरकारी कर्मचारी है, उन्हें जीवन बीमा का लाभ मिलता है, लेकिन सामाजिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के लिए ऐसी किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में उन्हें भी जीवन बीमा देना चाहिए.

राज्य शासन को कराना चाहिए जीवन बीमा

कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए अगर किसी सामाजिक कार्यकर्ता की ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है, तो कम से कम उसके परिवार को आर्थिक सहायता मिल सके. इसलिए सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं का जीवन बीमा राज्य शासन को कराना चाहिए. याचिका में मांग उठाई गई है कि हाईकोर्ट राज्य शासन को आदेश जारी कर ऐसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का जीवन बीमा कराए.

1 हफ्ते के लिए टली सुनवाई

मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई एक हफ्ते के लिए बढ़ा दी है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच की ओर से की गई है.

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