गौरतलब है कि रायगढ़ के सारंगढ़ के भारतेंदु भूषण त्रिपाठी की नियुक्ति वर्ग 2 शिक्षाकर्मी के रूप में 2008 में हुई थी. साल 2018 में उनका संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में किया गया. साल 2019 में विभिन्न विषयों के सहायक प्राध्यापक पद के लिए छग लोकसेवा आयोग ने एक विज्ञापन जारी किया जिसमें सहायक प्राध्यापक पद पर भर्ती के लिए अधिकतम आयु 35 साल निर्धारित किया गया था.
बाद में आयोग ने विज्ञापन में बदलाव कर अधिकतम आयु को 40 साल कर दिया. इसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि राज्य सरकार के प्रावधान के तहत अधिकतम आयु 45 साल आदेशित है. इसपर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को राहत देते हुए पीएससी को अधिकतम आयु सीमा में छूट देते हुए याचिकाकर्ता को बड़ी राहत दी है.