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Bilaspur Highcourt : असम से मादा वनभैंसा लाने पर लगी रोक, जीन पूल बदलने का खतरा ! - बारनवापारा

छत्तीसगढ़ वन विभाग, असम के जंगलों से वन भैंसा लाकर उनके प्रजनन करवाने और संख्या बढ़ाने को लेकर काम कर रहा है. इससे पहले भी वन विभाग ने एक जोड़ा वन भैंसा छत्तीसगढ़ लाने का काम किया था . उन्हें बारनवापारा में रखकर उनसे प्रजनन करवाने की तैयारी की जा रही है. इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका लगी है. कोर्ट ने असम से मादा वन भैंसा लाने पर रोक लगा दी है.

female wild buffalo from Assam
असम से नहीं आएंगे मादा वन भैसा
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Published : Mar 22, 2023, 6:38 PM IST

बिलासपुर : इस तरह से प्रजनन कार्य करने से अलग-अलग जीन पूल के मिक्स होने और छत्तीसगढ़ के शुद्धतम जीन पूल के दूषित होने का खतरा है. लिहाजा याचिका में इस योजना को रोकने की मांग की गई थी. दोबारा फिर असम से वन भैंसा लाने गई टीम के मामले में बुधवार को सुनवाई हुई. सुनवाई में हाईकोर्ट ने असम से वन भैंसा लाने के मामले में आगामी आदेश तक रोक लगाया है.

छत्तीसगढ़ के नर भैसों से प्रजनन कराने की तैयारी : असम से चार मादा वन भैंस लाने के मामले में लगी याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई. एक्टिंग चीफ जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की डबल बेंच में सुनवाई हुई. इस हियरिंग में बताया गया कि, "छत्तीसगढ़ वन विभाग असम से चार मादा वन भैस लाने गया है. उन्हें लाकर छत्तीसगढ़ के नर वन भैसों से प्रजनन कराने की योजना है."

क्यों होगी परेशानी : यदि ऐसा हुआ तो असम और छत्तीसगढ़ के वन भैसों के अलग-अलग जीन पूल मिक्स हो जाएंगे. ऐसे में जहां छत्तीसगढ़ के वन भैसों के शुद्धतम जीन पूल मिक्स होने से विकृत नस्लें पैदा होंगी. छत्तीसगढ़ के वन भैसों का जीन पूल दूषित होने का खतरा बढ़ जाएगा. कोर्ट ने सुनवाई के बाद आगामी आदेश तक असम से मादा वन भैस लाने पर रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई अप्रैल महीने में रखी गई है.

ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने स्कूली शिक्षा सचिव पर लगाया बीस हजार का कॉस्ट

वनभैंसों की संख्या बढ़ाने के लिए हो रहा काम : छत्तीसगढ़ वन विभाग प्रदेश में वन भैंसों की घटती संख्या को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रहा है. जिसमें एक योजना के तहत छत्तीसगढ़ वन विभाग असम से मादा वन भैंसा लाकर उन्हें प्रजनन कराने और इनकी संख्या बढ़ाने पर काम कर रहा है. असम से पिछले दिनों छत्तीसगढ़ वन विभाग वन भैस लेकर आया था. अब एक बार फिर मादा वन भैस लाने के लिए टीम रवाना हुई है. सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर योजना पर सवाल उठाए हैं.

बिलासपुर : इस तरह से प्रजनन कार्य करने से अलग-अलग जीन पूल के मिक्स होने और छत्तीसगढ़ के शुद्धतम जीन पूल के दूषित होने का खतरा है. लिहाजा याचिका में इस योजना को रोकने की मांग की गई थी. दोबारा फिर असम से वन भैंसा लाने गई टीम के मामले में बुधवार को सुनवाई हुई. सुनवाई में हाईकोर्ट ने असम से वन भैंसा लाने के मामले में आगामी आदेश तक रोक लगाया है.

छत्तीसगढ़ के नर भैसों से प्रजनन कराने की तैयारी : असम से चार मादा वन भैंस लाने के मामले में लगी याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई. एक्टिंग चीफ जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस नरेश कुमार चंद्रवंशी की डबल बेंच में सुनवाई हुई. इस हियरिंग में बताया गया कि, "छत्तीसगढ़ वन विभाग असम से चार मादा वन भैस लाने गया है. उन्हें लाकर छत्तीसगढ़ के नर वन भैसों से प्रजनन कराने की योजना है."

क्यों होगी परेशानी : यदि ऐसा हुआ तो असम और छत्तीसगढ़ के वन भैसों के अलग-अलग जीन पूल मिक्स हो जाएंगे. ऐसे में जहां छत्तीसगढ़ के वन भैसों के शुद्धतम जीन पूल मिक्स होने से विकृत नस्लें पैदा होंगी. छत्तीसगढ़ के वन भैसों का जीन पूल दूषित होने का खतरा बढ़ जाएगा. कोर्ट ने सुनवाई के बाद आगामी आदेश तक असम से मादा वन भैस लाने पर रोक लगा दी है. मामले की अगली सुनवाई अप्रैल महीने में रखी गई है.

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वनभैंसों की संख्या बढ़ाने के लिए हो रहा काम : छत्तीसगढ़ वन विभाग प्रदेश में वन भैंसों की घटती संख्या को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रहा है. जिसमें एक योजना के तहत छत्तीसगढ़ वन विभाग असम से मादा वन भैंसा लाकर उन्हें प्रजनन कराने और इनकी संख्या बढ़ाने पर काम कर रहा है. असम से पिछले दिनों छत्तीसगढ़ वन विभाग वन भैस लेकर आया था. अब एक बार फिर मादा वन भैस लाने के लिए टीम रवाना हुई है. सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर योजना पर सवाल उठाए हैं.

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