बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीजे बजाने के कारण हो रहे ध्वनि प्रदूषण पर नाराजगी जाहिर की है. हाईकोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि जो लोग तेज आवाज में अत्यधिक तेज साउंड में डीजे बजा रहे हैं उन पर सरकार ने क्या कार्रवाई की है. हाईकोर्ट ने राज्य शासन ने इस मामले में शपथपत्र मांगा है. हाईकोर्ट ने तीज त्योहार के समय कान फोड़ू बजने वाले डीजे को लेकर राज्य सरकार से सवाल पूछे हैं.कोर्ट ने कहा कि इसे रोकने के लिए क्या प्रयास हुए हैं इसकी पूरी रिपोर्ट में जमा करें.
हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान : इस मामले में कोर्ट ने समाचार पत्रों में छपी खबरों को देखकर स्वत: संज्ञान लिया है.इसके साथ ही पूर्व में इसी तरह के मामलों में याचिकाओं पर भी कोर्ट ने सुनवाई शुरु कर दी है. कोर्ट ने पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देशों का राज्य में किस तरह से पालन किया गया है. हाईकोर्ट ने राज्य शासन को लोगों को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं.
क्या थे हाईकोर्ट के निर्देश ? :आपको बता दें कि प्रदेश में त्योहारों के समय विसर्जन और अन्य कार्यों के लिए तेज आवाज में डीजे बजाकर सड़कों में डांस करते हुए लोगों की वजह से आम जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में पहले एक याचिका लगाई गई थी.जिसमें कोर्ट ने 60 डेसीबल से अधिक आवाज में बजने वाले डीजे और उसके वाइब्रेशन को काम करने के निर्देश दिए थे. साथ ही साथ ऐसा नहीं करने वाले डीजे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.
पहले भी राज्यशासन से हो चुका है जवाब तलब : पहले के मामले में राज्य शासन ने शपथ पत्र देकर हाईकोर्ट को आश्वासन दिया था कि ऐसे मामलों को शासन गंभीरता से लेगा.लेकिन शपथपत्र के बाद भी लोगों को डीजे के कान फोड़ने वाले साउंड से राहत नहीं मिली.मीडिया में तेज आवाज में डीजे चलाने और लोगों के परेशान होने की खबरें समय-समय पर छपती रही.ऐसी खबरें लगातार आने के बाद हाईकोर्ट ने खुद ही खबरों के आधार पर संज्ञान लिया.इसके बाद राज्य सरकार से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा.
क्यों है हाईकोर्ट नाराज ? : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने माना कि बिलासपुर शहर में ध्वनि प्रदूषण की वर्तमान स्थिति समाचार पत्रों की कतरनों से स्पष्ट हो रही है. जिम्मेदार राज्य अधिकारियों की ओर से एक अपमानजनक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है.अधिकारी ध्वनि प्रदूषण के खतरे को रोकने में कोई भी प्रयास करने में सफल नहीं हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ हाईकोर्ट के आदेश निर्देश पारित करने के बाद भी स्थिति जस की तस है.
ध्वनि प्रदूषण को रोकने के प्रयासों को लेकर मांगा शपथपत्र : हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण के मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार को इस मामलें में उत्सवों के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के खतरे को खत्म करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में पूछा है.हाईकोर्ट ने इन प्रयासों को लेकर किए गए कामों के बारे में शपथ पत्र जमा करने को निर्देशित किया है.