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बिलासपुर निगम चुनाव परिणाम की समीक्षा, ये बन सकते हैं महापौर - अनुभवी पार्षद को महापौर

नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद अब कौन बनेगा महापौर को लेकर समीक्षा शुरु हो गई है. बिलासपुर के सियासत में में इस बार ऐसे माना जा रहा है कि किसी अनुभवी पार्षद को महापौर की कमान सौंपी जा सकती है.

Bilaspur Corporation election result review
निगम चुनाव परिणाम की समीक्षा
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Published : Dec 25, 2019, 2:48 PM IST

Updated : Dec 25, 2019, 5:45 PM IST

बिलासपुर: नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम सामने आते ही प्रदेशभर में राजनीतिक समीक्षा का दौर जारी है. इसी मामले में अगर बिलासपुर की बात करें, तो कुल 70 वार्डों में सर्वाधिक 35 वार्डों में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया है, तो वहीं बीजेपी के 30 प्रत्याशी जीत कर आए हैं. इस तरह अब शहर में कौन बनेगा मेयर यह सवाल महत्वपूर्ण हो चला है.

वीडियो.

पत्रकार भास्कर मिश्र का मानना है कि 'बिलासपुर में मैजिक फिगर 36 से 1 सीट कम पाने के बाद भी निश्चित रूप से कांग्रेस का ही मेयर बनेगा. उन्होंने कहा कि 5 में दो से तीन पार्षद टिकट न मिलने के कारण कांग्रेस से ही रूठे थे. जो आसानी से अपना समर्थन दे देंगे, सवाल यह है कि मेयर कौन बनेगा.

अनुभव के आधार बनाए जाएंगे महापौर
उन्होंने कहा कि मेयर के सामान्य सीट होने के कारण पहली बार पार्षद बने विजय केशरवानी की संभावना अधिक है, लेकिन अनुभव को अगर आधार बनाया जाय तो रामशरण यादव और विष्णु यादव की दावेदारी को भी नकारा नहीं आंका जा सकता है.

स्थानीय नेतृत्व लेगा फैसला
इस बात की संभावना है कि तमाम दावेदारों की लड़ाई में कोई अन्य सहज चेहरा बाजी मार ले. उन्होंने कहा कि 'परिसीमन के बाद नए ग्रामीण क्षेत्रों के जुड़ने का फायदा कांग्रेस को मिला है. वहीं बीजेपी, पूर्व विधायक अमर अग्रवाल के शहरी प्रभाववाले क्षेत्रों में अपनी नाक बचाने में कामयाब रही. निकाय चुनाव में प्रदेशभर में 10 में से 9 सीटों पर कांग्रेस को बेहतर जनादेश मिलना भाजपा के लिए एक बहुत बड़ा धक्का जैसा है. नई पार्टी जेसीसीजे का परफॉर्मेंस बेहद निराशाजनक है.

बिलासपुर: नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम सामने आते ही प्रदेशभर में राजनीतिक समीक्षा का दौर जारी है. इसी मामले में अगर बिलासपुर की बात करें, तो कुल 70 वार्डों में सर्वाधिक 35 वार्डों में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया है, तो वहीं बीजेपी के 30 प्रत्याशी जीत कर आए हैं. इस तरह अब शहर में कौन बनेगा मेयर यह सवाल महत्वपूर्ण हो चला है.

वीडियो.

पत्रकार भास्कर मिश्र का मानना है कि 'बिलासपुर में मैजिक फिगर 36 से 1 सीट कम पाने के बाद भी निश्चित रूप से कांग्रेस का ही मेयर बनेगा. उन्होंने कहा कि 5 में दो से तीन पार्षद टिकट न मिलने के कारण कांग्रेस से ही रूठे थे. जो आसानी से अपना समर्थन दे देंगे, सवाल यह है कि मेयर कौन बनेगा.

अनुभव के आधार बनाए जाएंगे महापौर
उन्होंने कहा कि मेयर के सामान्य सीट होने के कारण पहली बार पार्षद बने विजय केशरवानी की संभावना अधिक है, लेकिन अनुभव को अगर आधार बनाया जाय तो रामशरण यादव और विष्णु यादव की दावेदारी को भी नकारा नहीं आंका जा सकता है.

स्थानीय नेतृत्व लेगा फैसला
इस बात की संभावना है कि तमाम दावेदारों की लड़ाई में कोई अन्य सहज चेहरा बाजी मार ले. उन्होंने कहा कि 'परिसीमन के बाद नए ग्रामीण क्षेत्रों के जुड़ने का फायदा कांग्रेस को मिला है. वहीं बीजेपी, पूर्व विधायक अमर अग्रवाल के शहरी प्रभाववाले क्षेत्रों में अपनी नाक बचाने में कामयाब रही. निकाय चुनाव में प्रदेशभर में 10 में से 9 सीटों पर कांग्रेस को बेहतर जनादेश मिलना भाजपा के लिए एक बहुत बड़ा धक्का जैसा है. नई पार्टी जेसीसीजे का परफॉर्मेंस बेहद निराशाजनक है.

Intro:कल देर रात तक निगम चुनावों के परिणाम सामने आते ही प्रदेशभर में राजनीतिक समीक्षा का दौर जारी है । बिलासपुर की बात करें तो कुल 70 वार्डों में सर्वाधिक 35 वार्डों में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमा लिया है । इस तरह शहर में कौन बनेगा मेयर यह सवाल महत्वपूर्ण हो चला है । रिजल्ट के बाद मेयर की संभावनाओं और राजनीतिक हालातों पर ईटीवी भारत से खास चर्चा की है वरिष्ठ पत्रकार भास्कर मिश्र जी ने,सुनिये ।


Body:पत्रकार भास्कर मिश्र जी का मानना है कि बिलासपुर में मैजिक फिगर 36 से 1 सीट कम पाने के बाद भी निश्चित रूप से कांग्रेस का ही मेयर बनेगा । उन्होंने कहा कि 5 में दो से तीन पार्षद टिकट ना मिलने के कारण कांग्रेस से ही रूठे थे जो आसानी से अपना समर्थन दे देंगे, सवाल यह है कि मेयर कौन बनेगा ? उन्होंने कहा कि मेयर के सामान्य सीट होने के कारण पहली बार पार्षद बने विजय केशरवानी की संभावना अधिक है,लेकिन अनुभव को अगर आधार बनाया जाय तो रामशरण यादव और विष्णु यादव की दावेदारी को कमतर नहीं आंका जा सकता है ।


Conclusion:कौन बनेगा मेयर यह स्थानीय नेतृत्व तय करेगा । इस बात की संभावना है कि तमाम दावेदारों की लड़ाई में कोई अन्य सहज चेहरा बाजी मार ले । उन्होंने कहा कि परिसीमन के बाद नए ग्रामीण क्षेत्रों के जुड़ने का फायदा कांग्रेस को मिला है और भाजपा पूर्व विधायक अमर अग्रवाल के शहरी प्रभाववाले क्षेत्र में अपनी नाक बचाने में कामयाब रही । निकाय चुनाव में पूरे प्रदेश में 10 में से 9 सीटों पर कांग्रेस को बेहतर जनादेश मिलना भाजपा के लिए एक बहुत बड़ा धक्का जैसा है और नवोदित पार्टी जेसीसीजे का परफॉर्मेंस बेहद निराशाजनक है ।
बाईट.... भास्कर मिश्र...वरिष्ठ पत्रकार
विशाल झा..... बिलासपुर
Last Updated : Dec 25, 2019, 5:45 PM IST
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