बिलासपुर: नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम सामने आते ही प्रदेशभर में राजनीतिक समीक्षा का दौर जारी है. इसी मामले में अगर बिलासपुर की बात करें, तो कुल 70 वार्डों में सर्वाधिक 35 वार्डों में कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया है, तो वहीं बीजेपी के 30 प्रत्याशी जीत कर आए हैं. इस तरह अब शहर में कौन बनेगा मेयर यह सवाल महत्वपूर्ण हो चला है.
पत्रकार भास्कर मिश्र का मानना है कि 'बिलासपुर में मैजिक फिगर 36 से 1 सीट कम पाने के बाद भी निश्चित रूप से कांग्रेस का ही मेयर बनेगा. उन्होंने कहा कि 5 में दो से तीन पार्षद टिकट न मिलने के कारण कांग्रेस से ही रूठे थे. जो आसानी से अपना समर्थन दे देंगे, सवाल यह है कि मेयर कौन बनेगा.
अनुभव के आधार बनाए जाएंगे महापौर
उन्होंने कहा कि मेयर के सामान्य सीट होने के कारण पहली बार पार्षद बने विजय केशरवानी की संभावना अधिक है, लेकिन अनुभव को अगर आधार बनाया जाय तो रामशरण यादव और विष्णु यादव की दावेदारी को भी नकारा नहीं आंका जा सकता है.
स्थानीय नेतृत्व लेगा फैसला
इस बात की संभावना है कि तमाम दावेदारों की लड़ाई में कोई अन्य सहज चेहरा बाजी मार ले. उन्होंने कहा कि 'परिसीमन के बाद नए ग्रामीण क्षेत्रों के जुड़ने का फायदा कांग्रेस को मिला है. वहीं बीजेपी, पूर्व विधायक अमर अग्रवाल के शहरी प्रभाववाले क्षेत्रों में अपनी नाक बचाने में कामयाब रही. निकाय चुनाव में प्रदेशभर में 10 में से 9 सीटों पर कांग्रेस को बेहतर जनादेश मिलना भाजपा के लिए एक बहुत बड़ा धक्का जैसा है. नई पार्टी जेसीसीजे का परफॉर्मेंस बेहद निराशाजनक है.