बिलासपुर: राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक बिलासपुर जिला चिकित्सालय को कोविड-19 अस्पताल में बदल दिया गया है. सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए इस अस्पताल में पूरी व्यवस्था की गई है. अस्पताल में इस समय सभी मापदंडों का पालन करते हुए कोरोना संक्रमित 5 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसे पूरी तरह से डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बना दिया गया है.
अस्पताल के प्रथम तल में चार जनरल वार्ड हैं. इसके साथ ही 10 सिंगल रूम हैं, जहां अटैच्ड शौचालय है. वहीं जनरल वार्ड में शौचालयों की पर्याप्त संख्या है. हर एक जनरल वार्ड में दो शौचालय और दो स्नानागार हैं. अस्पताल में 4 वेंटिलेटर के साथ कई अत्याधुनिक मशीनों और उपकरणों की व्यवस्था है. साथ ही नए ICU बेड, मल्टी पैरा मॉनिटर, CCTV, पेशेंट एड्रेसल सिस्टम, डॉनिंग और डॉफिंग जोन, शासन से मिले गाइडलाइन के मुताबिक तैयार किया गया है.
मरीजों के लिए बेहतर सुविधा
यहां 15 मई 2020 से आए 5 मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है. महिला मरीज सिंगल रूम में हैं और बाकी मरीज जनरल वार्ड नंबर-1 प्रथम तल में हैं. इनके सभी वाइटल्स सामान्य हैं और गाइडलाइन के मुताबिक इनका इलाज किया जा रहा है. वर्तमान में भर्ती मरीजों को साफ और आरामदायक वार्डों में रखा गया है, जहां उन्हें नियमित रूप से चाय, नाश्ता और खाना दिया जा रहा है. मरीजों के मनोरंजन के लिए टीवी की भी व्यवस्था की गई है. मरीजों को दैनिक उपयोगी चीजें जैसे ब्रश, टूथपेस्ट, साबुन, चप्पल, पहनने के कपड़े ये सभी अस्पताल प्रबंधन दे रहा है.
6-6 घंटे की शिफ्ट में स्वास्थ्यकर्मी कर रहे काम
अस्पताल प्रबंधन ने एक मोबाइल फोन भी रखा है, जिससे मरीज अपने घरवालों से बात कर सकते हैं. डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में पर्याप्त संख्या में PPE किट उपलब्ध हैं. हर शिफ्ट में नियम के मुताबिक स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाती है. इसके साथ ही जब शिफ्ट खत्म हो जाती है तो PPE किट को डॉफिंग जोन में उतारकर रखा जाता है. दो बार शावर लेने के बाद सैनिटाइज कर के ही स्वास्थ्यकर्मी अपने जगहों पर जाते हैं. यहां स्टाफ 6-6 घंटे की शिफ्ट में काम कर रहे हैं, जिसमें कुल स्वास्थ्यकर्मी हैं. इनमें डॉक्टर, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय और सफाईकर्मी शामिल हैं. इसके अलावा दो विशेषज्ञ डॉक्टर ऑन कॉल हैं.
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CCTV की मदद से मरीजों की निगरानी
वहीं इन सभी स्टाफ के रहने और खाने की व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है. ये सभी कर्मचारी स्टराईल जोन से PPE किट पहनने के बाद ही वार्ड में प्रवेश करते हैं. ड्यूटी स्टेशन में लगे हुए CCTV की मदद से मरीजों की लगातार निगरानी रखते हुए उनका इलाज किया जाता है. आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल विशेषज्ञ भी सेवाएं दे रहे हैं. अस्पताल में आवश्यक दवाएं और दूसरे जरूरी सामान पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. ATP बनाने का काम भी तेजी से कराया जा रहा है, जल्द ही जिसके पूरे होने की संभावना है.