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बिलासपुर: जागो सरकार, हर पल मौत के साए में जी रहे हैं पुलिस जवान

जिले के कोतवाली थाने का पुलिस क्वार्टर जर्जर हो चुका है. किसी भी वक्त कोई भी दुर्घटना हो सकती है. मजबूरी में पुलिस के जवान यहां रहे हैं.

जर्जर पुलिस क्वार्टर बिलासपुर
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Published : Sep 9, 2019, 5:09 PM IST

Updated : Sep 9, 2019, 6:46 PM IST

बिलासपुर: यहां के पुलिस जवानों की जान खतरे में है और यह खतरा किसी दुश्मन या नक्सली गतिविधियों से नहीं बल्कि जर्जर और खस्ताहाल मकानों से है. पुलिस के जवान ऐसे बैरक में रात गुजारते हैं, जहां की छत कभी भी गिर सकती है. किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.

जर्जर पुलिस क्वार्टर बिलासपुर

बिलासपुर जिले के कोतवाली थाने के इस पुलिस क्वार्टर की हालत को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां किस तरह की अव्यवस्था है. दिनभर की ड्यूटी करने के बाद जब जवान अपने बैरक में आते हैं, तो उन्हें पानी, कीचड़, दलदल और जर्जर मकान जैसी असुविधाओं के बीच रात गुजारनी पड़ रही है.

जिम्मेदार नहीं दे रहे कोई ध्यान
हर साल मरम्मत के नाम पर थोडा-बहुत खर्च करने के बाद विभाग के आला अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं. इन सभी मुसीबतों और परेशानियों की शिकायत उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों से की है.

खुद शहर के पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल यह मानते हैं कि, 'पुलिस क्वार्टर की स्थिति और खासकर जवानों के रहने वाले बैरक की स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन बारिश के दिनों में इसकी पूरी तरह से मरम्मत नहीं हो सकती है.'

पढ़ें-कोरबा: शिक्षा का बुरा हाल, 2 शिक्षक के भरोसे 103 बच्चों का भविष्य

वहीं थोड़ी बहुत मरम्मत करके दिन गुजारा जा रहा है. इस बीच किसी भी जवान के साथ अनहोनी घट जाने की संभावना से एसपी भी इंकार नहीं करते. अगर जल्द ही इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है.

बिलासपुर: यहां के पुलिस जवानों की जान खतरे में है और यह खतरा किसी दुश्मन या नक्सली गतिविधियों से नहीं बल्कि जर्जर और खस्ताहाल मकानों से है. पुलिस के जवान ऐसे बैरक में रात गुजारते हैं, जहां की छत कभी भी गिर सकती है. किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.

जर्जर पुलिस क्वार्टर बिलासपुर

बिलासपुर जिले के कोतवाली थाने के इस पुलिस क्वार्टर की हालत को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां किस तरह की अव्यवस्था है. दिनभर की ड्यूटी करने के बाद जब जवान अपने बैरक में आते हैं, तो उन्हें पानी, कीचड़, दलदल और जर्जर मकान जैसी असुविधाओं के बीच रात गुजारनी पड़ रही है.

जिम्मेदार नहीं दे रहे कोई ध्यान
हर साल मरम्मत के नाम पर थोडा-बहुत खर्च करने के बाद विभाग के आला अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं. इन सभी मुसीबतों और परेशानियों की शिकायत उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों से की है.

खुद शहर के पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल यह मानते हैं कि, 'पुलिस क्वार्टर की स्थिति और खासकर जवानों के रहने वाले बैरक की स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन बारिश के दिनों में इसकी पूरी तरह से मरम्मत नहीं हो सकती है.'

पढ़ें-कोरबा: शिक्षा का बुरा हाल, 2 शिक्षक के भरोसे 103 बच्चों का भविष्य

वहीं थोड़ी बहुत मरम्मत करके दिन गुजारा जा रहा है. इस बीच किसी भी जवान के साथ अनहोनी घट जाने की संभावना से एसपी भी इंकार नहीं करते. अगर जल्द ही इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है.

Intro:छत्तीसगढ़ में पुलिस जवानों की जान खतरे में है.. यह खतरा किसी दुश्मन या नक्सली गतिविधियों से नहीं, बल्कि जर्जर और खस्ताहाल मकान की वजह से है। रोज रात को पुलिस के जवान ऐसे बैरक में रात गुजारते हैं जहां की छत कभी भी गिर सकती है। किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है, और उनकी जान-माल का नुकसान संभव है। Body:छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के कोतवाली थाने स्थित इस पुलिस क्वार्टर की हालत को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां किस तरह की अव्यवस्था है। दिनभर की ड्यूटी करने के बाद जब जवान अपने बैरक में आते हैं तो उन्हें पानी, कीचड़, दलदल और जर्जर मकान में रात गुजारना पड़ रहा है। Conclusion:इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों से की है। हर साल मरम्मत के नाम पर थोडा-बहुत खर्च करने के बाद विभाग के आला अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर लेते हैं । खुद शहर के पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल यह मानते हैं कि पुलिस क्वार्टर की स्थिति और खासकर जवानों के रहने वाले बैरक की स्थिति अच्छी नहीं है। बारिश के दिनों में इसकी पूरी तरह से मरम्मत नहीं हो सकती है। थोड़ी बहुत मरम्मत करके दिन गुजारा जा रहा है। इस बीच किसी हादसे की संभावना या किसी जवान के साथ अनहोनी घट जाने की संभावना से एसपी भी इंकार नहीं करते। लेकिन लाचारी देखिए कि पुलिस विभाग के अधिकारी होने के बावजूद वे इस लचर व्यवस्था को सुधारने और अपने जवानों को कम से कम सर ढकने की सुरक्षित जगह उपलब्ध करा पाने में असमर्थ हैं।

बाइट....प्रशांत अग्रवाल, एसपी बिलासपुर
विशाल झा.....बिलासपुर
Last Updated : Sep 9, 2019, 6:46 PM IST
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