बिलासपुर: यहां के पुलिस जवानों की जान खतरे में है और यह खतरा किसी दुश्मन या नक्सली गतिविधियों से नहीं बल्कि जर्जर और खस्ताहाल मकानों से है. पुलिस के जवान ऐसे बैरक में रात गुजारते हैं, जहां की छत कभी भी गिर सकती है. किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.
बिलासपुर जिले के कोतवाली थाने के इस पुलिस क्वार्टर की हालत को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां किस तरह की अव्यवस्था है. दिनभर की ड्यूटी करने के बाद जब जवान अपने बैरक में आते हैं, तो उन्हें पानी, कीचड़, दलदल और जर्जर मकान जैसी असुविधाओं के बीच रात गुजारनी पड़ रही है.
जिम्मेदार नहीं दे रहे कोई ध्यान
हर साल मरम्मत के नाम पर थोडा-बहुत खर्च करने के बाद विभाग के आला अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं. इन सभी मुसीबतों और परेशानियों की शिकायत उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों से की है.
खुद शहर के पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल यह मानते हैं कि, 'पुलिस क्वार्टर की स्थिति और खासकर जवानों के रहने वाले बैरक की स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन बारिश के दिनों में इसकी पूरी तरह से मरम्मत नहीं हो सकती है.'
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वहीं थोड़ी बहुत मरम्मत करके दिन गुजारा जा रहा है. इस बीच किसी भी जवान के साथ अनहोनी घट जाने की संभावना से एसपी भी इंकार नहीं करते. अगर जल्द ही इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है.