बिलासपुर: बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में ऑस्ट्रेलिया के शुतुरमुर्ग के 19 अंडे इन दिनों आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. यह अंडे साइज में काफी बड़े और एक साथ झुंड में होने की वजह से पर्यटकों को अचंभित कर रहे हैं. पर्यटक इन्हें देख कर काफी आनंदित महसूस कर रहे हैं. वहीं, कानन प्रबंधन भी इनकी देखरेख में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.
कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन में बहुत जल्द शुतुरमुर्ग का परिवार बढ़ने वाला है. मादा शुतुरमुर्ग ने 19 अंडे दिए हैं. निश्चित अवधि में इन अंडों से बच्चे निकलना प्रारंभ हो जाएगा. नर और मादा शुतुरमुर्ग बारी-बारी कर अंडे को सेक रहे हैं. कानन पेंडारी की मादा शुतुरमुर्ग पिछले 1 माह के अंदर 19 अंडे दे चुकी है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो शुतुरमुर्ग का कुनबा बढ़ जाएगा.
मालूम हो कि दो हजार अट्ठारह में शेयर के बदले 3 सूत्र रांची जू से लाए गए थे, जिनमें से एक की मौत सफर के दौरान हो गई थी. वहीं दूसरे ने कुछ दिन बाद दम तोड़ दिया था. इसके बाद से मादा शुतुरमुर्ग को अकेले ही इतने बड़े तेज में जीवन गुजारना पड़ रहा था. कानन प्रबंधन ने रांची जू से नर सूत्र मुर्गे के लिए कई बार पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. वही कोरोना के कारण ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया. संक्रमण कम होते ही रांची जू प्रबंधन से संपर्क साध कर नरसपुर मुर्ग की मांग की गई थी. जिसके बाद नवंबर 2021 में रांची जू प्रबंधन ने कानन जू को नर शुतुरमुर्ग सौंपा था. आने के बाद अब तक 19 अंडे दे दिए हैं. प्रबंधन की माने तो सब कुछ सही रहा तो अंडों से बच्चे निकल जाएंगे और शुतुरमुर्ग का कुनबा भी बढ़ जाएगा.
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आखरी अंडे देने के 60 दिन बाद निकलते है चूजा: ऑस्ट्रेलियन पक्षी शुतुरमुर्ग लगभग 7 से 8 फीट के ऊंचे और वजन 170 से 180 किलो के होते हैं. यह उड़ तो नहीं सकते लेकिन जमीन में काफी तेज दौड़ते हैं. कानन पेंडारी के अधिकारियों की मानें तो जिस दिन आखिरी अंडा शुतुरमुर्ग देती है. उसके 60 दिन बाद से अंडे से चूजे निकलना प्रारंभ हो जाता है. मादा शुतुरमुर्ग ने 1 महीने के अंदर 20 अंडे दिए हैं. वनकर्मी सुरक्षा के दृष्टि से इनपर विशेष ध्यान दे रहे हैं.
पहली बार कानन में बढ़ेगा शुतुर्मुर्ग का परिवार: साथ ही उन पर सतत निगरानी बनाए हुए हैं. यह पहली बार होगा जब कानन पेंडारी जू में शुतुरमुर्ग का परिवार बढ़ेगा. इससे पहले भी शुतुरमुर्ग ने एक अंडा दिया था, लेकिन अनफर्टिलाइज्ड होने की वजह से उस में से बच्चा नहीं निकल पाया था. अब नर शुतुरमुर्ग के आने के बाद प्रबंधन की उम्मीदें बढ़ी हैं और उनका मानना है कि 19 अंडों में यदि सब कुछ ठीक रहा तो 10 से 12 बच्चे निकल सकते हैं. कानन में अभी ये अंडे आकर्षण का केंद्र बने हुए है. पर्यटक इन्हें देख कर आश्चर्य कर रहे हैं. पर्यटकों ने बताया कि वे पहली बार इतने बड़े अंडे देख रहे हैं. वे बिलासपुर के बाहर से आए है. पर्यटकों ने बताया कि अब तक वे टीवी में ही शुतुरमुर्ग के अंडे देखे थे. लेकिन पहली बार है कि वे प्रत्यक्ष रूप से देख रहे है. उनका कहना है कि वो अपने शहर जाकर दूसरो को भी अंडों की जानकारी देंगे और उन्हें देखने भेजेंगे.
शुतुरमुर्ग को शाकाहार भोजन के साथ दिया जाता है उबले अंडे: शुतुरमुर्ग शाकाहार नहीं होते हैं. हालांकि ये कीड़े-मकोड़े, छिपकली भी खाते हैं. कानन पेंडारी जू में शुतुरमुर्ग के जोड़े को शाकाहार भोजन दिया जाता है. जैसे खीरा, ककड़ी, मूली, गाजर, भाजी, पके चावल और प्रोटीन के लिए उबले अंडे दिए जाते हैं. यह पक्षी वजन में 70 से 80 किलो का होता है. पूरे समय कुछ ना कुछ खाता रहता है. इसलिए प्रबंधन भी समय-समय पर पूरे दिन शुतुरमुर्ग के जोड़े को भोजन देता रहता है आने वाले दिनों में शुतुरमुर्ग के चूजे को खिलाने के लिए भी विशेष व्यवस्था किए जाने की बात प्रबंधन ने बताई.