बिलासपुर: न्यायधानी की अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी (Atal Bihari Vajpayee University) स्थापना के बाद से अब तक केंद्रीय अनुदान (central grant) से वंचित है. स्थापना के 9 साल बाद भी यूनिवर्सिटी को 12 बी की मान्यता नहीं मिल सकी है. यही वह कारण है जिसकी वजह से यूनिवर्सिटी को अब तक केंद्रीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार की तरफ से कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट इस विश्वविद्यालय को नहीं मिल पा रहा है. लेकिन अब यूनवर्सिटी ने 12 बी की मान्यता के लिए कवायद तेज कर दी है. यूजीसी की टीम को निरीक्षण के लिए बुलाया गया है.
साल 2012 में हुई थी यूनिवर्सिटी की स्थापना
अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी की स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी. स्थापना के 9 साल बाद भी यूनिवर्सिटी को यूजीसी (UGC) से 12 बी की मान्यता नहीं मिली. इस यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा (उच्च शिक्षा) के क्षेत्र में कई कोर्स संचालित किए जा रहे हैं लेकिन 12 बी की मान्यता नहीं मिलने की वजह से छात्रों को उच्च शिक्षा और रिसर्च में ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही है
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12 बी की मान्यता क्या है?
12 बी यूनिवर्सिटी के लिए एक तरह का स्टेटस होता है, जिसे यूजीसी के एक्ट 1956 की धारा 12 बी के तहत यूनिवर्सिटी को प्रदान किया जाता है. जिसकी वजह से 9 सालों में यूनिवर्सिटी को केंद्रीय योजनाओं का लाभ (benefits of central schemes), केंद्र सरकार की ओर से कोई बड़ा प्रोजेक्ट, अनुदान नहीं मिल पाया है. लेकिन अब यूनिवर्सिटी ने 12 बी की मान्यता के लिए कवायद तेज कर दी है. इंफ्रास्ट्रक्चर, रिसर्च डेवलपमेंट जैसे प्रमुख मापदंडों पर फोकस करते हुए यूनिवर्सिटी ने यूजीसी की टीम को निरीक्षण के लिए आमंत्रित किया है, ताकि निरीक्षण में टीम तमाम मापदंडों पर संतुष्ट हो और यूनिवर्सिटी को 12 बी की मान्यता मिल सके.
कुलपति की मानें तो 12 बी की मान्यता के लिए यूजीसी की 4 सदस्यीय टीम ने निरीक्षण शुरू कर दिया है. पूरी संभावना है कि, निरीक्षण के बाद यूनिवर्सिटी को 12 बी की मान्यता मिल जाए. 12 बी की मान्यता होने यूनिवर्सिटी के लिए केंद्रीय वित्तीय अनुदान का रास्ता साफ हो जाएगा और शोध परियोजना, केंद्रीय प्रोजेक्ट और केंद्रीय अनुदान यूनिवर्सिटी को मिल सकेंगे. जिसका सीधा लाभ छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा में मिलेगा. इस तरह की कवायद से यहां के शिक्षा प्रेमियों में खुशी की लहर है.