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HC ने चरामा गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण पर लगाई रोक

उत्तर बस्तर के चरामा में बन रहे गर्ल्स हॉस्टल का मामला हाइकोर्ट में चल रहा है. विवाद है कि एकमात्र चारागाह भूमि पर सरकार हॉस्टल बनवा रही है. चीफ जस्टिस और जस्टिस एन के व्यास की डिविजन बेंच ने समुचित बेंच में सुनवाई की बात कही है. तब तक लिए गर्ल्स हॉस्टल निर्माण पर रोक लगाया गया है.

Chhattisgarh High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Mar 25, 2021, 10:26 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 10:45 PM IST

बिलासपुर: उत्तर बस्तर के चरामा के पास गांव में लगभग 10 एकड़ चारागाह जमीन पर राज्य शासन की ओर से गर्ल्स हॉस्टल बनवाया जा रहा है. गांव की एकमात्र चारागाह भूमि पर गर्ल्स हॉस्टल बनवाने के मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. सुनवाई में हाईकोर्ट ने हॉस्टल बनाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. पूरे मामले में सोमवार को समुचित बेंच में सुनवाई होगी.

चारागाह का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

सरपंच विद्या जुर्री ने वकील अनिल सिंह राजपूत के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर कहा कि गांव में यह एकमात्र चारागाह भूमि है, जहां गांव भर के मवेशी चरते हैं. हॉस्टल गांव की दूसरी सरकारी भूमि पर भी बनवाया जा सकता है. जमीन का आवंटन नियम के विरुद्ध किया गया है. याचिका में इस बात को भी बताया गया कि जमीन आवंटन में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है. इसमें बताया गया है कि घास भूमि का मद परिवर्तन नहीं किया जा सकता.

समुचित बेंच करेगी अगली सुनवाई

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद निर्माण पर रोक लगाई थी. इसके बाद अदालत ने पहले से चली आ रही रोक को बरकरार रखा है. लेकिन जब चीफ जस्टिस और जस्टिस एन के व्यास की डिविजन बेंच ने मामला सुना को उन्होंने कहा कि समुचित बेंच (जहां पहले सुनवाई हुई थी) में ही इसकी सुनवाई की जाएगी.

बिलासपुर: उत्तर बस्तर के चरामा के पास गांव में लगभग 10 एकड़ चारागाह जमीन पर राज्य शासन की ओर से गर्ल्स हॉस्टल बनवाया जा रहा है. गांव की एकमात्र चारागाह भूमि पर गर्ल्स हॉस्टल बनवाने के मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. सुनवाई में हाईकोर्ट ने हॉस्टल बनाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. पूरे मामले में सोमवार को समुचित बेंच में सुनवाई होगी.

चारागाह का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

सरपंच विद्या जुर्री ने वकील अनिल सिंह राजपूत के माध्यम से जनहित याचिका दायर कर कहा कि गांव में यह एकमात्र चारागाह भूमि है, जहां गांव भर के मवेशी चरते हैं. हॉस्टल गांव की दूसरी सरकारी भूमि पर भी बनवाया जा सकता है. जमीन का आवंटन नियम के विरुद्ध किया गया है. याचिका में इस बात को भी बताया गया कि जमीन आवंटन में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है. इसमें बताया गया है कि घास भूमि का मद परिवर्तन नहीं किया जा सकता.

समुचित बेंच करेगी अगली सुनवाई

कोर्ट ने पिछली सुनवाई के बाद निर्माण पर रोक लगाई थी. इसके बाद अदालत ने पहले से चली आ रही रोक को बरकरार रखा है. लेकिन जब चीफ जस्टिस और जस्टिस एन के व्यास की डिविजन बेंच ने मामला सुना को उन्होंने कहा कि समुचित बेंच (जहां पहले सुनवाई हुई थी) में ही इसकी सुनवाई की जाएगी.

Last Updated : Mar 25, 2021, 10:45 PM IST
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