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तेज बहाव में बह गया एनीकट, 6 दिन बाद खुली जिम्मेदारों की नींद

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Published : Aug 5, 2020, 5:01 PM IST

कोटा विकासखंड में बना चाटापारा एनीकट बारिश में बह गया. इस पर 6 दिन बाद जिम्मेदारों की नींद खुली. जिसके बाद बुधवार को उन्होंने मौके का निरीक्षण किया.

Anicut flowed due to rain
तेज बहाव से बह गया एनीकट

बिलासपुर: कोटा विकासखंड में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के शासनकाल में 7 करोड़ रुपये की लागत से अरपा नदी पर बना चाटापारा एनीकट एक बार फिर बारिश में बह गया. इसके पहले 2014 में निर्माण के 1 साल बाद भी ये एनीकट बह चुका है. उस समय हुदहुद तूफान आने के कारण एनीकट को नुकसान पहुंचा था. बीते दिनों हल्की बारिश में ही एक बार फिर एनीकट का पूरा ढांचा बह गया.

एनीकट के निर्माण में लगभग 7 करोड रुपये खर्च किए गए थे, जिससे आसपास के लोगों को खेती के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी मिल सके और भूमि का जल स्तर की बढ़ाया जा सके. स्थानीय लोगों की मानें तो इस एनीकट के बनने से उन्हें अब तक किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं हुआ है. 2013 में निर्माण के 1 साल बाद भी यह एनीकट तूफान में बह गया.

विभागीय पदोन्नति: सचिव, संचालक अभियोजन डीपीसी कराएं, HC का पात्र होने पर प्रमोशन का निर्देश

सीएम और विभागीय मंत्री से की जाएगी शिकायत

इस एनीकट का निरीक्षण करने बुधवार को बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय और जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर एके सोमवार सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. विधायक ने कहा कि भाजपा शासनकाल में बनाए गए इस एनीकट के बहने की शिकायत वह विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री से करेंगे. साथ ही उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही.

6 दिन बाद खुली जिम्मेदारों की नींद

मौके पर मौजूद चीफ इंजीनियर एके सोमवार ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी. इस एनीकट के निर्माण के समय जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि यह एनीकट 6 दिन पहले बह चुका है. लेकिन अधिकारियों की नींद 6 दिन बाद खुली है. इसी से उनके अपने काम के प्रति गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

बिलासपुर: कोटा विकासखंड में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के शासनकाल में 7 करोड़ रुपये की लागत से अरपा नदी पर बना चाटापारा एनीकट एक बार फिर बारिश में बह गया. इसके पहले 2014 में निर्माण के 1 साल बाद भी ये एनीकट बह चुका है. उस समय हुदहुद तूफान आने के कारण एनीकट को नुकसान पहुंचा था. बीते दिनों हल्की बारिश में ही एक बार फिर एनीकट का पूरा ढांचा बह गया.

एनीकट के निर्माण में लगभग 7 करोड रुपये खर्च किए गए थे, जिससे आसपास के लोगों को खेती के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी मिल सके और भूमि का जल स्तर की बढ़ाया जा सके. स्थानीय लोगों की मानें तो इस एनीकट के बनने से उन्हें अब तक किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं हुआ है. 2013 में निर्माण के 1 साल बाद भी यह एनीकट तूफान में बह गया.

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सीएम और विभागीय मंत्री से की जाएगी शिकायत

इस एनीकट का निरीक्षण करने बुधवार को बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय और जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर एके सोमवार सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे थे. विधायक ने कहा कि भाजपा शासनकाल में बनाए गए इस एनीकट के बहने की शिकायत वह विभागीय मंत्री और मुख्यमंत्री से करेंगे. साथ ही उन्होंने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही.

6 दिन बाद खुली जिम्मेदारों की नींद

मौके पर मौजूद चीफ इंजीनियर एके सोमवार ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी. इस एनीकट के निर्माण के समय जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि यह एनीकट 6 दिन पहले बह चुका है. लेकिन अधिकारियों की नींद 6 दिन बाद खुली है. इसी से उनके अपने काम के प्रति गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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