बिलासपुर: अमृत मिशन योजना का काम शहर में दो सालों से जारी है. हालांकि अब तक ये काम पूरा नहीं हो पाया (Amrit Mission scheme work incomplete in Bilaspur ) है. अमृत मिशन के तहत शहर में 400 मीटर खुदाई की जानी है. लेकिन जमीन के अंदर चट्टान आने के कारण काम ठप पड़ा है. निगम अधिकारी 3 महीने में काम पूरा होने का दावा कर रहे हैं. बिलासपुर नगर निगम का गठन हुए 40 साल बीत चुके हैं. लेकिन नगर निगम अब भी सरफेस वाटर का उपयोग नहीं कर पा रहा है. नगर निगम 70 वार्डों से मिलकर बना है. कुल आबादी करीब 6 लाख है. इतनी बड़ी आबादी वाले शहर में पीने के पानी के लिए अब भी ग्राउंड लेवल वाटर का ही लोगों को उपयोग करना पड़ रहा है.
शहर के अंदर से एक नदी और शहर में लगभग एक दर्जन से भी अधिक तालाब मौजूद हैं. बावजूद इसके निगम पीने के पानी के लिए अब तक भूमिगत जल स्रोत पर ही निर्भर है. निगम शहरी क्षेत्रों के वार्डों में बोरिंग के जरिए पानी सप्लाई करता है. निगम ने शहर के सभी वार्डों में लगभग 400 से ज्यादा बोर लगवाए हैं. उससे ही पानी सप्लाई की जाती है.
जल आवर्धन योजना फेल: भाजपा सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रहे अमर अग्रवाल ने जल आवर्धन योजना की शुरूआत की थी. जल आवर्धन योजना में 17 पानी टंकियों का निर्माण किया गया और 171 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई थी. सालों तक जल आवर्धन योजना में काम चलता रहा लेकिन आम जनता के घरों तक इसका पानी नहीं पहुंच सका. कई टंकियों को शुरू किया गया और कई टंकियां अभी भी बन कर खड़ी है. जल आवर्धन फेल होने के बाद अमृत मिशन की शरूआत की गई. अमृत मिशन योजना के अंतर्गत शहर में 3 पानी टंकियों का निर्माण हो चुका है. 247 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है, लेकिन योजना का काम अभी भी अधूरा है. अमृत मिशन योजना का काम डेडलाइन के मुताबिक 2019 में पूरा हो जाना था, लेकिन इस साल भी इस काम के पूरा होने का कोई आसार नहीं दिख रहा.
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खूंटाघाट से पानी लाने की योजना: बिलासपुर नगर निगम ने 400 करोड़ रुपये साफ पानी के लिए खर्च कर दिए. लेकिन दूषित पानी से मुक्ति अब तक नहीं मिली. शहर में पेयजल सप्लाई के लिए साल 2010 से 2017 तक जल आवर्धन योजना के अंतर्गत 80 करोड़ और 2017 से अब तक अमृत मिशन योजना के अंतर्गत 320 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. शहर के नागरिकों को अभी दूषित पानी ही सप्लाई हो रही है.
चट्टान के कारण रुका काम: इस विषय में नगर निगम कमिश्नर अजय त्रिपाठी कहते हैं " काम पूर्णता की ओर है. 400 मीटर की खुदाई शेष बाकी है, जिसमें सप्लाई पाइप लगानी है. लेकिन चट्टान आने के कारण काम रुक गया है. चट्टान को विस्फोट कर तोड़ने के लिए अनुमति मांगी गई है. अनुमति मिलने के बाद इसका काम जल्द पूरा हो जाएगा. मई के अंत और जून के शुरूआती सप्ताह में सप्लाई पाइप लाइन का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद लगभग 2 महीना टेस्टिंग के लगेंगे. निगम कमिश्नर के अनुसार 3 माह में लोगों को अमृत मिशन योजना के तहत पानी मिल जाएगा. लेकिन अभी खूंटाघाट डैम से पानी शहर तक लाने की टेस्टिंग नहीं हुई है. यदि सब ठीक रहा तो 4 माह में ही अमृत मिशन का काम पूरा करने का दावा निगम प्रबंधन कर रही है.