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जाति मामले में अजीत जोगी ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

अजीत जोगी ने हाईकोर्ट में जाति मामले पर याचिका दाखिल की.

अजीत जोगी
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Published : Sep 10, 2019, 5:34 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 9:18 PM IST

बिलासपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी ने जाति मामले में हुई FIR के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जोगी ने याचिका में खुद के खिलाफ हुई FIR को निरस्त करने की मांग की है.

अजीत जोगी ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

दरअसल, बिलासपुर जिले के सिविल लाइन और गौरेला थानों में जोगी के जाति मामले पर FIR दर्ज है. जोगी ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका में कहा कि, 'प्रकरण 2013 में प्रभावी हुए एक्ट के तहत दर्ज किया गया था, जबकि जाति प्रमाणपत्र 1967 में जारी हुआ था, जब यह एक्ट अस्तित्व में ही नहीं था'.

पढ़ें : अस्पताल से अमित ने जारी किया वीडियो, सरकार और अस्पताल प्रबंधन पर लगाए कई आरोप

बता दें कि पूर्व सीएम अजीत जोगी की जाति की जांच को लेकर गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बीते अगस्त महीने में सौंप दी थी. उस रिपोर्ट के मुताबिक अजीत जोगी को आदिवासी मानने से इंकार कर दिया था. इतना ही नहीं कमेटी ने बिलासपुर कलेक्टर को अजीत जोगी की जाति से संबंधित सभी दस्तावेज जब्त करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई के भी निर्देश दिए थे. इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने अजीत जोगी के खिलाफ बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई थी.

बिलासपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी ने जाति मामले में हुई FIR के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जोगी ने याचिका में खुद के खिलाफ हुई FIR को निरस्त करने की मांग की है.

अजीत जोगी ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

दरअसल, बिलासपुर जिले के सिविल लाइन और गौरेला थानों में जोगी के जाति मामले पर FIR दर्ज है. जोगी ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका में कहा कि, 'प्रकरण 2013 में प्रभावी हुए एक्ट के तहत दर्ज किया गया था, जबकि जाति प्रमाणपत्र 1967 में जारी हुआ था, जब यह एक्ट अस्तित्व में ही नहीं था'.

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बता दें कि पूर्व सीएम अजीत जोगी की जाति की जांच को लेकर गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बीते अगस्त महीने में सौंप दी थी. उस रिपोर्ट के मुताबिक अजीत जोगी को आदिवासी मानने से इंकार कर दिया था. इतना ही नहीं कमेटी ने बिलासपुर कलेक्टर को अजीत जोगी की जाति से संबंधित सभी दस्तावेज जब्त करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई के भी निर्देश दिए थे. इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने अजीत जोगी के खिलाफ बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई थी.

Intro:छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़(जे) के संस्थापक अजीत जोगी के खिलाफ बिलासपुर जिले के दो सिविल लाइन और गौरेला थानों में FIR दर्ज है। जिसके खिलाफ अब उन्होंने हाईकोर्ट का दरबाजा खटखटाया है । याचिका में खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है ।

Body:अजीत जोगी की जाति को लेकर उनके खिलाफ पहले शहर के सिविल लाइन और बाद में एक और एफआईआर गौरेला थाने में दर्ज कराई गई है।
याचिका में कहा गया है कि प्रकरण 2013 में प्रभावी हुए एक्ट के तहत दर्ज किया गया है जबकि जाति प्रमाणपत्र 1967 में जारी हुआ था जब यह एक्ट अस्तित्व में नहीं था ।
Conclusion:पूर्व सीएम अजीत जोगी की जाति की जांच को लेकर गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बीते अगस्त माह में सौंप दी थी। इसमें अजीत जोगी को आदिवासी मानने से इनकार कर दिया गया है। इतना ही नहीं कमेटी बिलासपुर कलेक्टर को अजीत जोगी की जाति से संबंधित दस्तावेज जब्त करने के निर्देश के साथ ही मामले में कानूनी कार्रवाई के भी निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने अजीत जोगी के खिलाफ बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
विशाल झा......बिलासपुर
Last Updated : Sep 10, 2019, 9:18 PM IST
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