बिलासपुर : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी ने जाति मामले में हुई FIR के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. जोगी ने याचिका में खुद के खिलाफ हुई FIR को निरस्त करने की मांग की है.
दरअसल, बिलासपुर जिले के सिविल लाइन और गौरेला थानों में जोगी के जाति मामले पर FIR दर्ज है. जोगी ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका में कहा कि, 'प्रकरण 2013 में प्रभावी हुए एक्ट के तहत दर्ज किया गया था, जबकि जाति प्रमाणपत्र 1967 में जारी हुआ था, जब यह एक्ट अस्तित्व में ही नहीं था'.
पढ़ें : अस्पताल से अमित ने जारी किया वीडियो, सरकार और अस्पताल प्रबंधन पर लगाए कई आरोप
बता दें कि पूर्व सीएम अजीत जोगी की जाति की जांच को लेकर गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बीते अगस्त महीने में सौंप दी थी. उस रिपोर्ट के मुताबिक अजीत जोगी को आदिवासी मानने से इंकार कर दिया था. इतना ही नहीं कमेटी ने बिलासपुर कलेक्टर को अजीत जोगी की जाति से संबंधित सभी दस्तावेज जब्त करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई के भी निर्देश दिए थे. इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने अजीत जोगी के खिलाफ बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई थी.