बिलासपुर: हाल ही में गणेश विसर्जन के दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने डीजे के इस्तेमाल को लेकर सख्ती बरती थी. इसका असर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान देखा गया. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान बिलासपुर में डीजे का उपयोग नहीं किया जाएगा. इसे लेकर भी पहले से ही हाईकोर्ट की ओर से आदेश जारी किया गया था. हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए डीजे संचालकों ने विसर्जन के लिए डीजे किराया में देने से ही मना कर दिया था.
शांतिपूर्ण तरीके से किया गया दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन: यही कारण है कि दुर्गा समितियां ने बिना डीजे के ही दुर्गाजी की प्रतिमा का विसर्जन किया. जिले में शांत माहौल में बुधवार की सुबह से ही मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जा रहा है. वहीं, विसर्जन के दौरान डीजे का उपयोग नहीं होने से आम जनता को भी क्षेत्र में काफी राहत मिली है. बता दें कि हर साल धार्मिक आयोजनों में कान फोड़ डीजे की आवाज के साथ शोभायात्रा और प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता था. विसर्जन के समय शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए शाम से लेकर पूरी रात तक भीड़भाड़ का माहौल रहता था. इससे राहगीरों को और सड़क किनारे मकानों में रहने वाले लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.यही कारण है कि इस बार गणेश विसर्जन के दौरान ही प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया. अब दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान शांतिपूर्ण तरीके से मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की ओर से डीजे के उपयोग पर प्रतिबंध लगने के बाद दुर्गा समिति के सदस्यों ने पुलिस से डीजे को लेकर अनुमति मांगी थी. अनुमति न मिलने पर पूजा समिति के सदस्यों ने मंगलवार को थाने का घेराव कर दिया था. घेराव करने के बाद भी पूजा समिति को अनुमति नहीं मिली.घेराव में समिति के सदस्यों के साथ ही डीजे संचालक भी शामिल रहे. सिटी कोतवाली पुलिस ने इस दौरान 6 डीजे संचालकों पर एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं, हार कर बुधवार को बगैर डीजे के पूजा समिति ने शांतिपूर्ण तरीके से मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया. इस दौरान लोगों को भी विसर्जन के दौरान होने वाली दिक्कतों से राहत मिली.