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कोरबा में मिली 61 वर्षीय ब्लैक फंगस की मरीज, बिलासपुर सिम्स में इलाज जारी

बिलासपुर सिम्स में ब्लैक फंगस से पीड़ित 61 वर्षीय बुजुर्ग को भर्ती किया गया. जानकारी के अभाव में बुजुर्ग नाक के पास हुए दर्द को मामूली इन्फेक्शन समझ रही थी. दर्द बढ़ने के बाद डॉक्टर ने उसे ब्लैक फंगस होने की जानकारी दी और बिलासपुर सिम्स रेफर कर दिया.

black fungus
ब्लैक फंगस
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Published : Jun 1, 2021, 1:01 PM IST

बिलासपुर: जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. रोजाना ब्लैक फंगस के नए मरीज सिम्स (CIMS) में भर्ती हो रहे हैं. जिले में कई ऐसे मरीज हैं जिन्हें ब्लैक फंगस से संक्रमित होने का पता नहीं चल पा रहा है. जिसके कारण मरीज इसे मामूली दर्द और इन्फेक्शन समझ कर इसका इलाज करा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कोरबा से सामने आया. जहां 61 वर्षीय बुजुर्ग को नाक के पास कई दिनों से दर्द था. जानकारी के अभाव में बुजुर्ग उसे उसे मामूली दर्द समझ रही थी. लेकिन कुछ दिन बाद चेहरे में सूजन होने के कारण दर्द बढ़ता गया. जिसके बाद डॉक्टर से जांच करवाने के बाद पता चला कि बुजुर्ग ब्लैक फंगस का शिकार हो गई है. जिसके बाद उसे बिलासपुर सिम्स रेफर किया गया.

बलरामपुर में मिला एक और ब्लैक फंगस का मरीज, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में इलाज जारी

मरीज आर्थिक रूप से कमजोर

बुजुर्ग आर्थिक रूप से काफी कमजोर है. डॉक्टर ने उसे ब्लैक फंगस होने की जानकारी दी तो बुजुर्ग ने इलाज के लिए पैसे नहीं होने की बात कही. उसने बताया कि वे किराए के मकान में रहती है और किसी तरह अपना जीवन यापन कर रही है. उसने बताया कि वो निजी अस्पताल में इलाज करवाने के लिए समर्थ नहीं है. इसके बाद डॉक्टर ने उसे सिम्म रेफर कर दिया.

सिम्स में 12 ब्लैक फंगस के मरीज हुए भर्ती

कोरबा से रेफर की गई बुजुर्ग के एडमिट होने के बाद अब सिम्स में ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों की संख्या 12 हो गई है.अब तक 25 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. जिसमे 4 मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है. उसमें से दो मरीज सिम्स में भर्ती थे. एक मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है, वहीं एक मरीज को रायपुर रेफर किया गया है.

बिलासपुर: जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. रोजाना ब्लैक फंगस के नए मरीज सिम्स (CIMS) में भर्ती हो रहे हैं. जिले में कई ऐसे मरीज हैं जिन्हें ब्लैक फंगस से संक्रमित होने का पता नहीं चल पा रहा है. जिसके कारण मरीज इसे मामूली दर्द और इन्फेक्शन समझ कर इसका इलाज करा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कोरबा से सामने आया. जहां 61 वर्षीय बुजुर्ग को नाक के पास कई दिनों से दर्द था. जानकारी के अभाव में बुजुर्ग उसे उसे मामूली दर्द समझ रही थी. लेकिन कुछ दिन बाद चेहरे में सूजन होने के कारण दर्द बढ़ता गया. जिसके बाद डॉक्टर से जांच करवाने के बाद पता चला कि बुजुर्ग ब्लैक फंगस का शिकार हो गई है. जिसके बाद उसे बिलासपुर सिम्स रेफर किया गया.

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मरीज आर्थिक रूप से कमजोर

बुजुर्ग आर्थिक रूप से काफी कमजोर है. डॉक्टर ने उसे ब्लैक फंगस होने की जानकारी दी तो बुजुर्ग ने इलाज के लिए पैसे नहीं होने की बात कही. उसने बताया कि वे किराए के मकान में रहती है और किसी तरह अपना जीवन यापन कर रही है. उसने बताया कि वो निजी अस्पताल में इलाज करवाने के लिए समर्थ नहीं है. इसके बाद डॉक्टर ने उसे सिम्म रेफर कर दिया.

सिम्स में 12 ब्लैक फंगस के मरीज हुए भर्ती

कोरबा से रेफर की गई बुजुर्ग के एडमिट होने के बाद अब सिम्स में ब्लैक फंगस के भर्ती मरीजों की संख्या 12 हो गई है.अब तक 25 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. जिसमे 4 मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है. उसमें से दो मरीज सिम्स में भर्ती थे. एक मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है, वहीं एक मरीज को रायपुर रेफर किया गया है.

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