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बिलासपुर : सैलानियों को लुभा रहा 5वीं-6वीं शताब्दी का किला और मंदिर - बिलासपुर ताला

35 किलोमीटर दूर रायपुर मार्ग पर बसे ताला में साल में एक बार मेला लगता है, जिसका आनंद लेने लोग पहुंचते हैं.

5th-6th century fort and temple liked by tourists
लुभा रहा 5वीं-6वीं शताब्दी का किला और मंदिर
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Published : Jan 1, 2020, 11:28 PM IST

Updated : Jan 2, 2020, 12:46 AM IST

बिलासपुर: ताला छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल है. यहां पांचवी-छठवीं शताब्दी का पुराना किला और मंदिर आज भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं. मनियारी नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक नगरी में वैसे तो वर्ष भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नववर्ष समेत अन्य मौके पर यहां बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है.

सैलानियों को लुभा रहा 5वीं-6वीं शताब्दी का किला और मंदिर

जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर रायपुर मार्ग पर बसे ताला में साल में एक बार मेला लगता है, जिसका आनंद लेने लोग पहुंचते हैं. रूद्र शिव की विश्वविख्यात लाल पत्थर की विलक्षण मूर्ति के मिलने से ताला का महत्व और भी बढ़ गया है.

कई प्राचीन कलाकृतियां सामने आई
पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित ताला में वैसे तो खुदाई में कई प्राचीन कलाकृतियां सामने आई हैं. आगे भी यहां विलक्षण मूर्तियां मिलने की उम्मीद है. छत्तीसगढ़ शासन ने ताला के महत्व को और भी बढ़ाने यहां महोत्सव कार्यक्रम भी आयोजित करना शुरू किया है, जिससे ताला की विशेषता में विकास की चाबी लग गई है.

बिलासपुर: ताला छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल है. यहां पांचवी-छठवीं शताब्दी का पुराना किला और मंदिर आज भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं. मनियारी नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक नगरी में वैसे तो वर्ष भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन नववर्ष समेत अन्य मौके पर यहां बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है.

सैलानियों को लुभा रहा 5वीं-6वीं शताब्दी का किला और मंदिर

जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर रायपुर मार्ग पर बसे ताला में साल में एक बार मेला लगता है, जिसका आनंद लेने लोग पहुंचते हैं. रूद्र शिव की विश्वविख्यात लाल पत्थर की विलक्षण मूर्ति के मिलने से ताला का महत्व और भी बढ़ गया है.

कई प्राचीन कलाकृतियां सामने आई
पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित ताला में वैसे तो खुदाई में कई प्राचीन कलाकृतियां सामने आई हैं. आगे भी यहां विलक्षण मूर्तियां मिलने की उम्मीद है. छत्तीसगढ़ शासन ने ताला के महत्व को और भी बढ़ाने यहां महोत्सव कार्यक्रम भी आयोजित करना शुरू किया है, जिससे ताला की विशेषता में विकास की चाबी लग गई है.

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स्लग। ताला पर्यटन
एंकर। ताला छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल है। जहां पांचवी छठी शताब्दी का पुराना किला और मंदिर आज भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। मनियारी नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक नगरी में वैसे तो वर्ष भर लोगों का आना जाना लगा रहता है। मगर नववर्ष समेत अन्य पर्व के मौके पर यहां भीड़-भाड़ का माहौल रहता है। बिलासपुर मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर रायपुर मार्ग में बसे ताला में वर्ष में एक बार मेले का आयोजन भी किया जाता है। जिसमें अन्य प्रदेश समेत देशभर से भक्तजन मेले का आनंद लेने ताला पहुंचते हैं। रूद्र शिव की विश्वविख्यात लाल पत्थर की विलक्षण मूर्ति के मिलने से ताला का महत्व और भी बढ़ गया है। पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित ताला में वैसे तो खुदाई में कई प्राचीन कलाकृतियां सामने आई है। और आगे भी यहां विलक्षण मूर्तियां मिलने की संभावना जताई जा रही है।छत्तीसगढ़ शासन ने ताला के महत्व को और भी आगे बढ़ाने यहां महोत्सव कार्यक्रम भी आयोजित करना शुरू किया है। जिससे ताला की विशेषता में विकास की चाबी लग गई है।

बाईट। विमल अग्रवाल (पर्यटक)Conclusion:
Last Updated : Jan 2, 2020, 12:46 AM IST
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