बिलासपुर: कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस ने आम आदमी और शासन-प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से लगातार ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज सामने आ रहे हैं. बिलासपुर संभाग से ब्लैक फंगस के 5 मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया है. 4 मरीजों का सिम्स और 1 मरीज का अपोलो अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. सभी की स्थिति गंभीर बताई जा रही है.
बिलासपुर संभाग में भी ब्लैक फंगस के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. बिलासपुर जिले के अलावा, कोरबा, जांजगीर और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले से भी ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं. इनमें अधिकांश मरीज पोस्ट कोविड और अनकंट्रोल डायबिटीज से भी ग्रसित हैं. ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सिम्स में अलग से वार्ड बनाकर उनका इलाज किया जा रहा है. इनके उपचार के लिए 7 सदस्यीय डॉक्टर्स के टीम का भी गठन कर दिया गया है. डॉक्टरों की माने तो ब्लैक फंगस के मरीजों की समय पर पहचान जरूरी है. लिहाजा शुरुआती लक्षण दिखने पर ही चिकत्सीय परामर्श के साथ इसका इलाज किया जाना चाहिए.
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सिम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर्स के मुताबिक डायबिटीक, कैंसर, हेपेटाइटिस ई, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी के मरीज जो कोरोना से ग्रसित हो चुके हैं. इन मरीजों में ब्लैक फंगस की ज्यादा संभावना है. चेहरे में सूजन, चेहरे में दर्द, आंख के आसपास झुनझुनी, सिर दर्द, आंखो में जलन, आंखो का लाल होना जैसे बदलाव दिखते हैं तो इन्हे साधारण न मानकर तत्काल इसकी जांच की आवश्यकता है.
नेता प्रतिपक्ष ने की एडवाइजरी जारी करने की मांग
इधर, ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों और मरीजों के मौत को देखते हुए विपक्ष ने भी ब्लैक फंगस से निपटने सरकार की तैयारियों को दुरुस्त करने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ब्लैक फंगस को लेकर लोगों में जानकारी का अभाव है. सरकार को इसके जांच, उपचार, दवाई सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर एडवाइजरी जारी करनी चाहिए. ताकि ब्लैक फंगस को लेकर भय की स्थिति न बने और प्रभावितों को समय पर बेहतर इलाज मिल सके.
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आंकड़ों पर एक नजर-
- ब्लैक फंगस के 5 मरीजों का इलाज बिलासपुर में चल रहा है.
- 4 सिम्स और 1 मरीज अपोलो में भर्ती है.
- इससे पहले जिले में दो और मरीजों की पहचान हुई है.
- जिनका इलाज रायपुर एम्स में चल रहा है.
- बिलासपुर में भर्ती मरीजों में कोरबा, जांजगीर और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के मरीज भी शामिल.
- भर्ती मरीजों में दो महिलाएं हैं.