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बिलासपुर में बुखार से किशोर की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप

पेंड्रा के निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान बुखार से पीड़ित किशोर की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

बुखार से किशोर की मौत
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Published : Aug 11, 2019, 3:31 PM IST

बिलासपुर : बुखार से पीड़ित किशोर की पेंड्रा स्थित निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने निजी नर्सिग होम के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने आरोप लगाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
मामला पेंड्रा स्थित निजी नर्सिंग होम का है, जहां धोबहर गांव के रहने वाले 14 वर्षीय पियूष गुप्ता को सर्दी, खासी और बुखार आने पर उसकी मां और जीजा ने निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया.

इलाज के दौरान बुखार से पीड़ित किशोर की मौत

इलाज के दौरान मौत

डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि बच्चे के 'मस्तिष्क में बुखार और लीवर में समस्या है' इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज करना शुरू किया. लगातार चार ग्लूकोज आईवी बॉटल भी चढ़ाई गई लेकिन, पियूष की तबीयत में सुधार नहीं हुआ और इलाज के दौरान ही उसकी की मौत हो गई.

'डॉक्टरों की लापरवाही से पीयूष की जान गई'

परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'हॉस्पिटल प्रबंधन ने आनन-फानन में बच्चे के इलाज से संबंधित रिपोर्ट गायब कर दी है. अस्पताल में भर्ती के दौरान पीयूष की हालत इतनी खराब नहीं थी कि उसकी मौत हो जाए. डॉक्टरों की लापरवाही से पीयूष की जान गई है'

पढें : डॉक्टर प्रकाश सुल्तानिया के गायब होने का मामला, जोगी ने जताई चिंता

पीयूष अपने घर में तीन बहनों के बाद अकेला भाई था. स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ ने निजी नर्सिंग होम में छात्र की मौत की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी है और परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई की बात कही है.

बिलासपुर : बुखार से पीड़ित किशोर की पेंड्रा स्थित निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने निजी नर्सिग होम के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने आरोप लगाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
मामला पेंड्रा स्थित निजी नर्सिंग होम का है, जहां धोबहर गांव के रहने वाले 14 वर्षीय पियूष गुप्ता को सर्दी, खासी और बुखार आने पर उसकी मां और जीजा ने निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया.

इलाज के दौरान बुखार से पीड़ित किशोर की मौत

इलाज के दौरान मौत

डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि बच्चे के 'मस्तिष्क में बुखार और लीवर में समस्या है' इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे का इलाज करना शुरू किया. लगातार चार ग्लूकोज आईवी बॉटल भी चढ़ाई गई लेकिन, पियूष की तबीयत में सुधार नहीं हुआ और इलाज के दौरान ही उसकी की मौत हो गई.

'डॉक्टरों की लापरवाही से पीयूष की जान गई'

परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'हॉस्पिटल प्रबंधन ने आनन-फानन में बच्चे के इलाज से संबंधित रिपोर्ट गायब कर दी है. अस्पताल में भर्ती के दौरान पीयूष की हालत इतनी खराब नहीं थी कि उसकी मौत हो जाए. डॉक्टरों की लापरवाही से पीयूष की जान गई है'

पढें : डॉक्टर प्रकाश सुल्तानिया के गायब होने का मामला, जोगी ने जताई चिंता

पीयूष अपने घर में तीन बहनों के बाद अकेला भाई था. स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ ने निजी नर्सिंग होम में छात्र की मौत की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी है और परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई की बात कही है.

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बिलासपुर सर्दी, खांसी और बुखार से बीमार छात्र की अवैध निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान मौत होने का मामला सामने आया है वही छात्र की मौत की वजह परिजनों ने निजी नर्सिग होम के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने से होने का गम्भीर आरोप लगाया है और दोषी डॉक्टर पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है ।Body:cg_bls_01_death_avb_CGC10013

पूरा मामला पेंड्रा के नया बस स्टैंड स्थित निजी नर्सिंग होम का है जहां धोबहर गांव के रहने वाले 14 वर्षीय पियूष गुप्ता को सर्दी खासी और बुखार की शिकायत आने पर उसके मां और जीजा जी के द्वारा निजी नर्सिंग होम इलाज के लिए लाया गया था जहां निजी नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने छात्र के परिजनों को बताया कि छात्र को मस्तिष्क में ज्वर व लीवर में समस्या की शिकायत है जिसके बाद डॉक्टरों ने छात्र को निजी नर्सिंग होम में भर्ती कर इलाज करना शुरू किया और लगातार तीन से चार ग्लूकोस आईवी बॉटल भी चढ़ाया लेकिन छात्र की तबीयत में सुधार नहीं हुआ और इलाज के दौरान ही छात्र की मौत हो गई छात्र की मौत होने पर निजी हॉस्पिटल प्रबंधन ने आनन-फानन में छात्र की इलाज से संबंधित रिपोर्ट गायब कर दिया और परिजनों को छात्र की शव को अस्पताल से जल्द से जल्द ले जाने की दबाव बनाने लगे परंतु छात्र की मौत से परिजन अस्पताल पर ही हंगामा करने लग गए लेकिन अस्पताल प्रबंधन की दबाव के चलते परिजनों ने शव को अपने घर ले आया वही परिजनों का कहना है कि पियूष गुप्ता को दो-तीन दिन पहले सर्दी खासी और बुखार की शिकायत थी जिसके बाद परिजनों के साथ पीयूष 1 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य मार्ग पहुंचा था उसके बाद ऑटो की मदद से निजी नर्सिंग होम इलाज ले जाया गया जब निजी नर्सिंग होम में भर्ती किया गया तो पीयूष की हालत इतनी खराब नहीं थी कि उसकी मौत हो जाए पर डॉक्टरों की इलाज में लापरवाही बरतने की वजह से छात्र पीयूष की मौत हो गयी पीयूष अपने घर मे तीन बहनों के बाद अकेला भाई था पीयूष के पिता का भी स्वास्थ्य ठीक नही रहता ऐसे में पूरे परिवार पर अब मुसीबत टूट पड़ी है।वही पीयूष की मौत के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है।Conclusion:cg_bls_01_death_avb_CGC10013

तो स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ ने निजी नर्सिंग होम में छात्र की मौत की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे कर परिजनों की शिकायत पर अग्रिम कार्यवाही करने की बात कह रही है ।


बाइट 1 राकेश गुप्ता ,मृतक छात्र के बड़े पिता, बनियान पहने हुए
बाइट 2 नीरज गुप्ता, मृतक छात्र के जीजा, चेक शर्ट पहने हुए
बाइट 3 डॉ देवेंद्र पैकरा, बीएमओ पेंड्रा काले टी शर्ट में
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