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बीमार महिला को खाट पर लिटाकर ग्रामीणों ने किया 20 किलोमीटर का सफर - Women Admitted in Hospital

नक्सल प्रभावित क्षेत्र मेटापाल गांव में एक महिला बेहोश हो गई. खटिया पर लेटाकर ग्रामाीण 20 किलोमीटर का सफर तय कर गंगालूर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां महिला को इलाज के लिए भर्ती कराया गया.

Woman was taken to hospital in bed
महिला को खटिया में ले जाया गया अस्पताल
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Published : May 17, 2020, 8:05 PM IST

बीजापुर: जिले के नक्सली क्षेत्र मेटापाल गांव में तेंदूपत्ता तोड़ रही एक महिला अचानक बेहोश हो कर गिर गई. जिसके बाद ग्रामीण उसे बेहोशी की हालत में खटिया पर लादकर पैदल ही 20 किलोमीटर दूर गंगालूर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां इलाज के बाद महिला की तबीयत अब ठीक है.

मेटापाल से आए महिला के पति ने बताया कि 'मेरी पत्नी तेंदूपत्ता तोड़ रही थी इसी दौरान अचानक चक्कर की वजह से वो बेहोश हो गई. हम लोगों ने उसे खटिया पर लादकर पैदल 20 किलोमीटर का रास्ता तय कर गंगालूर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं'.

मेटापाल से आई महिला स्वस्थ्य

डॉ सत्यनारायण खरे ने बताया कि 'महिला 3 माह गर्भ से है, उसे दवाइयां दे दी गई हैं और उसकी हालत अभी ठीक है. इस महिला को गंगालूर से वापस घर जाने के लिए कह दिया गया है. गंगालूर इलाके में एक मेटापाल ही नहीं जहां से इलाज के लिए खटिया में लाते हैं. इस इलाके में एड्समेंटा, पीडिया, गमपुर, तोड़का, तमोड़ी, तामोरी, हिरोली, कावडगांव, पुशनार, कमकानार जैसे कई गांव हैं, जहां सड़क नहीं होने से एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती. वहां से मरीजों को ऐसे ही हालत में लाया जाता है.

पढ़ें- पत्नी और बेटी की गुहार के बाद अगवा जवान को नक्सलियों ने छोड़ा

बता दें कि जिले में ऐसे कई गांव हैं, जहां नक्सलियों का आतंक है. जिसकी वजह से जिले के कई गांवों में सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है. ऐसे में एंबुलेंस का उन जगहों पर पहुंचना असंभव है. जिसकी वजह से आए दिन इस स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीण कई मुश्किलों का सामना कर पैदल मरीज को इलाज के लिए लेकर आते हैं. इसके बावजूद सड़क निर्माण के लिए प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है.

बीजापुर: जिले के नक्सली क्षेत्र मेटापाल गांव में तेंदूपत्ता तोड़ रही एक महिला अचानक बेहोश हो कर गिर गई. जिसके बाद ग्रामीण उसे बेहोशी की हालत में खटिया पर लादकर पैदल ही 20 किलोमीटर दूर गंगालूर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां इलाज के बाद महिला की तबीयत अब ठीक है.

मेटापाल से आए महिला के पति ने बताया कि 'मेरी पत्नी तेंदूपत्ता तोड़ रही थी इसी दौरान अचानक चक्कर की वजह से वो बेहोश हो गई. हम लोगों ने उसे खटिया पर लादकर पैदल 20 किलोमीटर का रास्ता तय कर गंगालूर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं'.

मेटापाल से आई महिला स्वस्थ्य

डॉ सत्यनारायण खरे ने बताया कि 'महिला 3 माह गर्भ से है, उसे दवाइयां दे दी गई हैं और उसकी हालत अभी ठीक है. इस महिला को गंगालूर से वापस घर जाने के लिए कह दिया गया है. गंगालूर इलाके में एक मेटापाल ही नहीं जहां से इलाज के लिए खटिया में लाते हैं. इस इलाके में एड्समेंटा, पीडिया, गमपुर, तोड़का, तमोड़ी, तामोरी, हिरोली, कावडगांव, पुशनार, कमकानार जैसे कई गांव हैं, जहां सड़क नहीं होने से एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती. वहां से मरीजों को ऐसे ही हालत में लाया जाता है.

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बता दें कि जिले में ऐसे कई गांव हैं, जहां नक्सलियों का आतंक है. जिसकी वजह से जिले के कई गांवों में सड़कों का निर्माण नहीं हो पा रहा है. ऐसे में एंबुलेंस का उन जगहों पर पहुंचना असंभव है. जिसकी वजह से आए दिन इस स्वास्थ्य केंद्र में ग्रामीण कई मुश्किलों का सामना कर पैदल मरीज को इलाज के लिए लेकर आते हैं. इसके बावजूद सड़क निर्माण के लिए प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है.

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