बस्तर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का सिलगेर ( Silger) गांव पिछले 1 महीनों से सुर्खियों में बना हुआ है. यहां के स्थानीय ग्रामीण सिलगेर गांव में नया पुलिस कैंप खोले जाने के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. इस दौरान ना कोरोना गाइडलाइंस (corona guidelines) का पालन हो रहा है और ना ही कोई भी ग्रामीण मास्क (mask) में नजर आ रहा है. लिहाजा आंदोलन पर बैठे ग्रामीण बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित (corona infected) हो रहे हैं. जिससे प्रदेश में किसी तरह कंट्रोल में आ रहा कोरोना एक बार फिर चिंता का विषय बन रहा है.
बस्तर IG सुंदरराज पी (bastar ig sundarraj p) ने बतायाा कि सिलगेर गांव में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम (Health department team reached Silger village) ने पिछले दिनों आंदोलन में बैठे ग्रामीणों का कोरोना चेकअप किया. जिसमें आंदोलन में जुटे करीब 150 ग्रामीण कोरोना संक्रमित (corona infected) पाए गए. इनमें महिला, पुरुष और बच्चे भी शामिल हैं. IG का कहना है कि कोरोना संक्रमितों की संख्या और बढ़ सकती है. लेकिन कई ग्रामीण कोरोना जांच का विरोध कर रहे हैं. दरअसल ग्रामीणों के मन में कोरोना और कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccination) को लेकर एक भ्रम (Confusion about corona vaccination) फैला दिया है. ग्रामीण न ही वैक्सीनेशन के लिए तैयार हो रहे हैं और न ही कोरोना की जांच करवा रहे हैं. ऐसे में पुलिस और जिला प्रशासन के लिए ग्रामीणों का कोरोना जांच कराना चुनौती बन गई है.
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'बस्तर में कोरोना को लेकर ग्रामीण गंभीर नहीं'
IG सुंदरराज पी (bastar ig sundarraj p) ने बताया कि ग्रामीण कोरोना महामारी को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. धूप, बरसात और कुछ ही दिनों में बस्तर में मानसून भी दस्तक देने वाली है. ऐसे में ग्रामीणों की तबीयत और भी बिगड़ सकती है. बारिश से तबीयत खराब होने के साथ-साथ कोरोना का भी भय बना हुआ है. मौके पर तैनात पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों को समझाने के साथ ही बार-बार कोरोना की जांच के लिए भी मोटिवेट कर रही है. पॉजिटिव आने वाले ग्रामीणों को दवाई देने के साथ ही उनका इलाज भी किया जा रहा है.
सिलगेर में ग्रामीणों को किया जा रहा जागरूक
सुंदरराज पी का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए पुलिस और प्रशासन अपनी ओर से ग्रामीणों को पूरी समझाइश देने की कोशिश कर रहा है. लोगों को जागरूकता के लिए पॉम्प्लेट बांटे जा रहे हैं. इसके साथ ही मौखिक रूप से भी कोरोना की भयावहता के बारे में बताया जा रहा है. कोरोना जांच के लिए भी बार-बार कहा जा रहा है. पुलिस-प्रशासन की तरफ से उन्हें आंदोलन खत्म कर घर जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
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एक नजर में पूरा मामला समझें-
- सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
- इस विरोध प्रदर्शन में सिलगेर गांव के साथ ही आसपास के कई गांव के ग्रामीण जुटे हुए हैं.
- फायरिंग में पुलिस के मुताबिक तीन नक्सलियों की मौत हुई है. एक गर्भवती महिला की मौत भी भगदड़ मचने से हुई.
- सुरक्षा बल के दबाव के बावजूद यहां से ग्रामीण हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस महकमे के अधिकारियों का दावा है कि नक्सलियों के उकसावे में ये ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं.
- इस मामले में भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी समिति गठित की थी. अब इस मामले में सरकार द्वारा अलग कमेटी बनाई गई है. फिलहाल मौके पर सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण डटे हुए हैं.
- कांग्रेस जांच समिति के साथ बैठक में गांववालों ने अपनी 7 मांगे सौंपी हैं. इस समिति के अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज हैं.