बीजापुर: बस्तर के कई गांव में आज भी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच सकी है. ETV भारत समय-समय पर प्रमुखता से इन मुद्दों पर खबरें प्रकाशित करता है. बीजापुर जिले के गंगालुर इलाके में 20 से 25 गांव के ग्रामीण अपना जीवन लाल पानी पीकर चला रहे हैं. उनके पास साफ पानी का कोई जरिया नहीं है. ऐसे में ग्रामीण लाल पानी का उपयोग करने के लिए मजबूर हो गए हैं.
ग्रामीण गंगालूर इलाके में बहने वाली नदी के पानी से काम चला रहे हैं. नहाने से लेकर पीने के लिए इसी पानी का उपयोग कर रहे हैं. ग्रामीण इलाका बैलाडीला से काफी पास पड़ता है. आयरन का पानी ही नदी में मिलता है. चेरपाल, रेड्डी पापनपाल, गंगालूर समेत 20 से 25 गांव के लोग नदी के पानी को पीने के लिए मजबूर हैं.
पढ़ें: बस्तर: 8 महीने में 300 नवजातों ने तोड़ा दम, कुपोषण और मांओं की कमजोर सेहत बड़ी वजह
बीमार पड़ रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि नदी का पानी इंसानों के साथ ही मवेशी भी पीते हैं. इस पानी को पीने से उल्टी-दस्त जैसी बीमारी भी हो रही है. जिला स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि आयरन युक्त पानी से पेट में समस्या बनी रहती है. अक्सर इस समस्या से पीड़ित मरीज अस्पताल आते रहते हैं. हम उन्हें लाल पानी नहीं पीने की सलाह भी देते हैं.
पढ़ें: जशपुर: टापू जैसे गांव में बाकी सुविधाएं छोड़िए पीने का पानी तक नहीं
पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं
ग्रामीणों ने इस समस्या से कई बार शासन-प्रशासन को अवगत कराया है. अबतक किसी ने इनकी सुध नहीं ली है. 20 से ज्यादा गांव के ग्रामीण पूर्व मंत्री महेश गागड़ा और वर्तमान विधायक को भी यह समस्या बता चुके हैं. लेकिन कोई उपाय या रास्ता नहीं निकल पाया है. इस पानी के उपयोग से कई मवेशी मर भी चुके हैं.